Paris Olympics 2024: IAS अधिकारी Suhas Lalinakere Yathiraj की बड़ी भविष्यवाणी I Suhas LY Interview

पेरिस 2024 इंडिया मांगे गोल्ड यह इंडिया टीवी की खास पेशकश सबकी निगाहें पेरिस 24 पर हैं और यह हमारी ग्रैंड कवरेज आप देख सकते हैं इंडिया टीवी कनेक्टेड टीवी पर मान जुड़ने वाले हैं के एल सुहास बिल्कुल आपको बता दें आईएएस ऑफिसर हैं इतना ही नहीं टोक्यो में मेडल विनर हैं वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं एशियन चैंपियन रह चुके हैं और वह इस वक्त हमारे साथ सीधे जुड़ रहे हैं आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सुहा जी हमारे साथ जुड़ने के लिए वक्त निकालने के लिए तो सबसे पहले तो यही कि टोक्यो में हमने बहुत शानदार परफॉर्मेंस दी थी आपकी पेरिस से क्या उम्मीदें क्या मेडल आस देखिए टोक्यो से पहले भी जब मुझे पूछा था तो मैं यही कहा था कि परफॉर्म करना हमारे हाथ में है रिजल्ट हमारे हाथ में नहीं रहता है ये स्पोर्ट्स में भी लागू है और जिंदगी में भी लागू है तो पेरिस में भी मैं अपने आप के ऊपर दबाव नहीं डालना चाहता हूं तो ट्रेनिंग अच्छे से करें और देश के लिए जितना बेहतर से बेहतर कोशिश कर सकते हैं उतना कोशिश मैं करूं और बाकी रिजल्ट तो उस दिन खेल ऐसा है कि इतने सालों में मैंने मिलीमीटर से हारा भी है मिलीमीटर से जीता भी है तो हार जीत खेल में इस पार्ट ऑफ द गेम है क्योंकि हर खिलाड़ी जो पेरिस में आएगा व चाहेगा कि देश के लिए मेडल जीते और हम लोग भी वो चाहेंगे और मैं भी वो चाहूंगा बट आई डोंट वाट टू पुट अनड्यू प्रेशर न माय सेल्फ थिंकिंग अबाउट द रिजल्ट क्योंकि अक्सर होता क्या है की रिजल्ट और जो फियर ऑफ फेलर है उसके वजह से कंप्लीट परफॉर्मेंस कभी कभी नहीं आती है सो आई वांट टू गो इन पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड एंड पिछले कुछ साल में मेरा फॉर्म अच्छा रहा है जैसे आपने कहा एशियन पैरा गेम्स में चाइना में अजाओ में गोल्ड मेडल मिला है अभी कुछ महीने पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है प्लस वर्ल्ड नंबर वन मिला है परंतु मैच में जब भी शुरू होता है जीरो जीरो से शुरू होता है वर्ल्ड नंबर वन है वर्ल्ड नंबर 100 है इट डज नॉट मैटर ऑन द डे परफॉर्म अच्छा करना है कोशिश यही करूंगा मतलब जो भी उपलब्धिया आपकी है जो भी मेडल्स आपने जीते हैं उन सब का प्रेशर लेकर आप मैदान में नहीं जाते हैं क्योंकि फिर प्रेशर और बढ़ जाएगा सुवा जी कितनी अच्छी बात आपने कही मैं आपसे यह भी समझना चाहूंगी कि जब आप फील्ड पर जाते हैं खासकर कोर्ट में जब आप जाते हैं आपके हाथ में आपका रैकेट होता है और परफॉर्मेंस का प्रेशर होता है उसके बाद आप जीतते हैं इतने सारे मेडल्स आपकी झोली में आते हैं लेकिन यह जो कंसिस्टेंसी है ना नंबर वन की वो कैसे बनी रहती है एक मेडल जीत लो बहुत अच्छी बात है लेकिन बार-बार नंबर वन बने रहना उस कंसिस्टेंसी को मेंटेन करना उसके के लिए क्या माइंडसेट होना चाहिए जी जयो जी आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है जो कहावत है ना फेमस की पहाड़ चढ़ना तो आसान है ब पहाड़ पर ज्यादा देर रुकना जो सक्सेस की जो पहाड़ जिसको कहते हैं वो ज्यादा कठिन है क्योंकि और लोग जो नीचे रहते हैं और लोग उतना तेजी के साथ उतना प्रिपेयर करके आते हैं सो कंसिस्टेंसी के लिए मेरा यह मानना है कि आप रिजल्ट के बारे में बहुत ज्यादा ना सोचे कभी हार कभी जीत लगी रहती है आप हर मैच में भी आप देखेंगे कि यह जरूरी नहीं कि आप 100% पॉइंट्स आप जीतही जाएंगे आपको दूसरे खिलाड़ी से बेहतर खेलनी है और उससे ज्यादा पॉइंट्स बनानी है तो मेजर टूर्नामेंट्स में ओलंपिक्स हो एशियन गेम्स हो वो सारे इट ल बल्स डाउन टू द माइंड आप कैसे दो कानों के बीच में आपके दिमाग को संतुलित रखते हुए काम और कंपोजर के साथ आपकी ट्रेनिंग को कितना बेहतर तरीके से फील्ड प उतार पाते हैं इट ल देन कम्स डाउन टू द माइंड सो आई वांट टू ट्रेन माय माइंड अंगली विदाउट पुटिंग अनड्यू प्रेशर एंड मुझे उम्मीद है कि अगर मैं अपना बेस्ट दूं वहां प तो रिजल्ट सकारात्मक आने की संभावना काफी ज्यादा है सर एक सवाल हम आपसे समझना चाहते हैं आप एक ब्यूरोक्रेट है आईएएस आपने क्वालीफाई किया है आपके ऊपर जिम्मेदारियां है तो आपका ट्रेनिंग शेड्यूल क्या रहता है कितने घंटे आप निकाल पाते हैं इस शानदार रिजल्ट्स के लिए दोनों ही जॉब और रिस्पांसिबिलिटीज को कैसे मैनेज करते हैं जी आपने सही कहा कि अर्ली मॉर्निंग और जो लेट नाइट्स है वो हमारा ही होता है इन द सेंस कि कोई उस टाइम पे परिवार के साथ समय बिताता है कोई फिल्म देखते हैं कोई टहलने चले जाते हैं तो मेरा यह रहता है कि अर्ली मॉर्निंग एंड लेट नाइट्स को मैं फील्ड पे मैं टाइम दूं बैडमिंटन ट्रेनिंग के लिए टाइम दूं और बैडमिंटन ऐसे गेम है अधिकांश रैकेट गेम्स ऐसे ही होते हैं कि स्पोर्ट्स में जब आपका अगर डेढ़ से दो घंटे हाई इंटेंसिटी अगर ट्रेनिंग हो जाए तो वो बहुत माइनर रहता है क्योंकि जिस इंटेंसिटी के साथ आप कोई भी टीवी में मैच देखिएगा एक घंटे मैच खेलते होंगे बट वो एक घंटे में इतनी ज्यादा इंटेंसिटी रहती है बैडमिंटन भी ऐसा गेम है कि बहुत ज्यादा फिजिकल फिटनेस डिमांड करती है सो दो घंटे लगभग ऑन द कोट ट्रेनिंग रहती है प्लस लेट नाइट्स में मैं जिम और फिजिकल फिटनेस में करता हूं क्योंकि आज की तारीख में आप देखिएगा इन जनरल जो फिजिकल फिटनेस लेवल्स आप पुराने ओलंपिक्स से और आज की तारीख में ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स को कंपेयर करिए कंटीन्यू फिजिकल फिटनेस की स्तर कंटीन्यूअसली इंप्रूव होती रही है तो वी हैव टू बी अप टू द मार्क इन टर्म्स ऑफ स्किल एंड देन इन टर्म्स ऑफ फिटनेस हेल्थ सर इसी से मैं एक अगला सवाल आपसे जो पूछना चाह रही हूं वो इंजरी को लेकर है क्योंकि आपने फिजिकल फिटनेस की बात की अक्सर हमने देखा है कि खासकर जो रैकेट गेम्स होते हैं उसमें इंजरी बहुत ज्यादा होती है एंकल पे प्रेशर आता है नी पे प्रेशर आता है कई बार रिस्ट को को परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो आप अपने आप को इंजरी से कैसे बचाते हैं कैसे रिकवर और रिकूप करते हैं जो जी ऐसे लग रहा है आप वाकई में रैकेट स्पोर्ट्स खेली है क्योंकि आपको एक्ट मजल्स पता है कि कहां क इंजरी होती है एंकल रिस्ट नी सब आपने गिना दी आपने बिल्कुल सही कहा दिस इ लवेज चैलेंज देर इ नो इजी वे एक जो अगर टेक्निकल बातें मैं कहू कि इनफैक्ट ये सबके लिए भी लागू है जो मजल स्ट्रेंथ निंग है कई बार होता क्या है कि हम लोग रिपीटेडली स्ट्रेस तो डालते हैं बट मजल स्ट्रेंथ पर ध्यान नहीं देते उह के लिए नी प क्यों जोर पड़ती है क्योंकि जो उसके ऊपर का क्वाड सेप्स मजल्स हैमस्ट्रिंग मजल्स और उसके नीचे का काफ मजल ये तीन मजल्स अगर स्ट्रंग है तो नी पे ये इतना प्रेशर नहीं पड़ता है तो इसलिए मजल स्ट्रेंथ निंग पर ध्यान देना जरूरी है और उसके बाद रिहैब और रिकवरी भी आज की तारीख में बहुत जरूरी हो गया है रिब रिकवरी माने खेलना जितना इंपॉर्टेंट है उसके बाद बॉडी को कंप्लीट पोटेंशियल को रिकवर करने के लिए जो आपको टाइम देनी है एक्सरसाइज करनी है वो भी करना है के बावजूद भी इंजरी रहती है दे आर पार्ट एंड पार्सल ऑफ ऑल मेजर एथलीट्स इंटरनेशनल एथलीट्स एंड देन यू हैव टू बी मेंटली स्ट्रंग कभी कभी आपको दर्द में भी खेलना पड़ता है बट देर इज नो इजी आंसर फॉर दैट कि मेंटली स्ट्रांग रहते हुए जो बेस्ट पॉसिबल है वो देना पड़ता है सर एक सवाल हमारे मन में यह आ रहा है कि आपकी बैडमिंटन की शुरुआत कब हुई क्योंकि आपके एकेडमिक लॉरल्स को अगर देखें तो जनरली आपने वो एग्जाम क्वालीफाई किया जहां माना जाता है कि एक्स्ट्रा करिकुलर तक तो ठीक है कंपट तक नहीं तो आप बैडमिंटन कब खेलना शुरू किया और कब आपने देखा कि अब मैं प्रोफेशनल या कंपट जा सकता हूं बैडमिंटन में प्रोफेशनल तो मैंने बहुत हाल में ही किया है 2016 में एशियन चैंपियनशिप बीजिंग में खेला था जहां मुझे गोल्ड मेडल मिली थी वो प्रोफेशनल शुरू किया था बट जो स्पोर्ट्स है बचपन में मुझे याद है जब पापा खेलते थे उस यहां आज की जमाने में बहुत कम हो गया है वो एक बॉल बैडमिंटन हुआ करता लकड़ी की रैकेट होती थी और उलन टाइप का बॉल होता था आज की री में शायद ही कोई खेलते हो तो उसमें मैं बहुत छोटा हुआ करता था स्कूल जाता था स्कोरिंग करने के लिए खड़ा कर देते थे मैं देखता था दोनों तरफ खेल रहे तो उसके बाद कभी कभी रैकेट लिया और खेल लिया बाद में बैडमिंटन का इंडोर स्टेडियम उस जमाने में बहुत ज्यादा नहीं था तो आउटडोर में खेलते थे जैसे भारत देश में अधिकांश लोग कभी क्रिकेट खेल लिए वॉलीबॉल खेल लिए बचपन में वही कोशिश करते थे कि जितना खेल सकते हैं बट जैसे चाइल्डहुड में घर में रहता है आफ्टर हाई स्कूल मेन पढ़ाई था कि लगभग मुझे याद है 12थ तक तो एक तरह से ए टू 12थ के बीच में हमारे देश में स्पोर्ट्स पर जोर देना काफी मुश्किल हो जाता है अगर आप पढ़ाई भी बहुत सीरियसली कर रहे तो एक तरह से छूटी गई थी जब इंजीनियरिंग में एनआईटी सूरत कल से इंजीनियरिंग किया तो वहां जब गया तो वहां फिर दोबारा रैकेट पकड़ा सो देन इट इज ऑफ एंड ऑन जब आईएएस अकेडमी पहुंचे तो वहां भी ट्रेनिंग करने का मौका मिला एंड मेरा ये कहना है खास तौर प युवाओ के लिए ये सबके लिए लागू है आप वो चीज चुनिए जो आपको खुशी देती है जिससे आपको प्यार है किसी को सिंगिंग में प्यार है किसी को आर्ट्स में प्यार है तो ये जरूरी नहीं है आप उसको प्रोफेशनली पसू करें दिन में अगर एक घंटे आप उसमें देते हैं तो एक तो आपका माइंड रिफ्रेश होगा बाकी टाइम पे आप जो काम करते भी है आप उसको बहुत अच्छे से एफिशिएंटली आप रिजल्ट दे पाएंगे तो वन आर फॉर व्हाट एवर यू लव यू टेक दैट एस पैशन प्रोफेशन आपको करना है नहीं करना है वो आपके ऊपर है जी सब कंटिन्यूएशन में वो मूमेंट कब आया आपका प्यार था आप खेलते रहे वो एनआईटी के दिन हो या फिर आईएस की ट्रेनिंग के दिन हो लेकिन वो मोमेंट कब आया जब आपको लगा कि मैं प्रोफेशनल खेल सकता हूं एशियन चैंपियनशिप में आप गए वो माहौल क्या बना वह सिचुएशन क्या बनी हम आपसे वो जरा समझना चाहते हैं एक्चुअली 2016 में इंडियन पैरा बैडमिंटन के कोच आए थे आजमगढ़ में मैं वहां पोस्टेड था तो वहां पर मुझे एक टूर्नामेंट को करने में गया था और वहां पे जो स्टेट लेवल एबल बॉडी प्लेयर्स थे इनग्रेन करने से पहले सुबह 7:00 बजे की टाइम थी मैंने कहा मैं भी थोड़ा खेल के देखता हूं तो वहा इंडियन टीम कोच ने मुझे खेलते हुए देखा तो फिर उन्होंने कहा आप तो अच्छा खेलते हैं आप पैरा बैडमिंटन पैरालंपिक्स में यह सोच सकते हैं कि आप इसको पार्टिसिपेट करने के लिए मैंने कहा अरे नहीं नहीं ये हमारे पास कहा ये सब के लिए टाइम नहीं है मैंने उनको मना कर दिया उन्होंने अपना कार्ड और नंबर दिया अगर कभी मन करे तो आप फोन करिएगा लगभग चार छ महीने हो गया उसके बाद रात में 11:30 12 बजे जैसे हम लोग कभी-कभी आत्मा अवलोकन करते हैं जिंदगी में आगे क्या है बहुत सारे जिज्ञासा जब अकेले पन महसूस करते हैं या अकेले में बैठे रहते हैं सोचते हैं कि जिंदगी में आगे क्या तो जब मैं बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन और इन सब चीजों के बारे में जब देखने लगा मुझे लगा कि एक बार खेल के देख ले और पहले मैं बहुत लोगों को बताया भी नहीं था क्योंकि मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी कि ये सफर बहुत आगे जाएगा भी मुझे लगा एक बार ऐसे ही जाके आते हैं फोन किया कोच साहब को कि उन्होंने कहा अच्छा बहुत महीने बाद आप याद किया ठीक है तैयारी करिएगा तो उस वक्त बहुत लोगों को किसी को बताया इसलिए नहीं था क्योंकि शायद जीतने का बहुत उम्मीद मुझे खुद नहीं थी कि इंटरनेशनल टूर्नामेंट में कैसे होगा और अगर बोल के फिर हार के आएंगे तो फिर और कहेंगे अच्छा यही गए और हार के आए बट देन एज दे से ये सब डेस्टिनी होता है तो गए फर्स्ट मैच हारते हारते जीते देन फम देर आई बिकम वन ऑफ द फर्स्ट एथलीट टू बिकम गोल्ड एशियन चैंपियन एस एन अनसीडेड प्लेयर तो इट डेस्टिनी जिंदगी में मैं कभी सोचता नहीं था बचपन में कि हम कंप्यूटर इंजीनियर एनआईटी से बनेंगे या आईएस बनेंगे या पैरालंपिक मेडल ये सब आई थिंक गॉड है बीन काइंड डेस्टिनी है बीन काइंड मैं हमेशा मानता हूं कि बहुत सारे ऐसे डिजर्विंग लोग होंगे शायद मुझसे ज्यादा डिजर्विंग होंगे तो वो शायद एग्जामिनेशन के उस पल प उतना अच्छा नहीं कर पाए होंगे या स्पोर्ट्स प उतना अच्छा नहीं कर पाए होंगे मैं रोज जब उठता हूं तो मैं भगवान सेय प्रार्थना करता हूं कि आई एम थैंकफूल उससे क्या रहता कि उससे ग्राउंडेड रहते हैं कि आप अननेसेसरीली क्योंकि ना जब आप कोई भी किसी भी स्ट्रीम में ऊपर पहुंचते हैं तो अगर मेरा यह मानना है कि इफ यू आर ग्राउंडेड दैट इज गुड फॉर योर रिजल्ट्स आल्सो दैट इज ट्रू आल्सो फाइनली हमें अपनी औकात हमें पता है हम बचपन में कभी सोचते ही नहीं थे कि हम आईएएस बनेंगे या पैरालंपिक मेडलिस्ट बनेंगे बट गॉड हैज बीन काइंड सफर यहां तक ले आए तो एक्स्ट्रीम जी मतलब यू नेवर लेट सक्सेस गो टू योर हेड एंड अफेक्ट योर गेम और आपकी बातें इतनी इंस्पिरेशनल है अगर मैं कुछ दो चार चीजें वैसे तो बहुत सारी चीजें लेकिन कुछ दो चार चीजों की मैं स्पेसिफिकली बात करूं एक यह कि हॉबी होना जरूरी है कब वो हॉबी पैशन में तब्दील हो जाएगी यू कैन नॉट से दूसरी बात यह कि फोकस रहना इंसान का बहुत जरूरी है चाहे आप अपनी हॉबी भी क्यों ना पसू कर रहे हैं अगर आप फोकस के साथ पेशेंस पर्सीवरेंस के साथ उसे पसू करेंगे तो यू कैन डू वंडर्स और जो तीसरी सबसे इंपॉर्टेंट बात आपने कही वो यह कि आप कभी भी स्टार्ट कर सकते हैं देयर इज नो लिमिट टू नॉट स्टार्टिंग मतलब लोग कहते हैं ना कि अरे मैं 30 का हो गया मैं 35 का हो गया या मेरी उम्र निकल गई है तो आप उसका सबसे बड़ा एग्जांपल है कि कभी भी हम कोई भी किसी भी सफर पर जा सकते हैं कोई नई हॉबी को पसू कर सकते हैं या पुरानी हॉबी को प्रोफेशन में तब्दील कर सकते हैं अब इतनी सारी बातें हो रही है तो एक सवाल मेरे मन में यह आ रहा है कि जितना मैं आपकी बातों से समझी हूं कि आप ने एज अ हॉबीज गेम को पसू किया इसका मतलब आप आपने कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली तो यह फॉर्मल ट्रेनिंग आपने क्या एशियन गेम्स के बाद लेनी शुरू की और पुराने सुहास और ट्रेन सुहास में आपने क्या अंतर पाया मतलब हाउ डिड दैट ट्रेनिंग चेंज ड यू या जब टोक्यो जाने से पहले जब टोक्यो पैरालंपिक्स के लिए क्वालीफाई करना था तो तब मुझे फॉर्मल ट्रेनिंग मैंने ली तो फॉर्मल ट्रेनिंग में लेना चाहिए अगर किसी को भी अगर प्रोफेशनली ये करना है कंपीट करना है है यू हैव टू बी गुड इन स्किल्स अधिकांश ओलंपिक गेम्स आज की तारीख में इतनी ज्यादा टेक्निकल हो गया है उसमें अच्छा कोच होना और आपकी स्किल लेवल कंटीन्यूअस अपग्रेड होना एंड नॉट ओनली फॉर्मल ट्रेनिंग एक बार लेना कंटीन्यूअसली क्योंकि दूसरा खिलाड़ी भी जब अगले बार खेलने आ रहा है तो वो आपके गेम को भी समझ के और बेहतर खेलेगा और वहां वहां खिलाएगा जहां आप वीक हो कोई भी खिलाड़ी हो तो इसलिए कि कंटीन्यूअस अपग्रेड करना सो दिस इज वेरी इंपोर्टेंट सो बट जैसे मैंने पहले टूर्नामेंट जब गया था उस वक्त कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं थी उस वक्त तो एक तरह से कि मेंटल स्ट्रेंथ के वजह से मोर और लेस जीता था फिजिकल फिटनेस तो अच्छा किया ही था बट स्किल मैं कहूंगा कि आज की तारीख में फॉर्मल ट्रेनिंग के बाद बहुत इंप्रूव हुई है बाकी जो मेंटल फिटनेस है वो उसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है उसके लिए आप हनुमान जी का नाम लेके कर लीजिए जो जिसके ऊपर आप विश्वास रखते हैं उनके नाम लेके कर लीजिए आप मैदान प अच्छा कर लेंगे बिल्कुल सर आपसे बात करते हुए आज का बेस्ट मोमेंट वो था कि आप दरवाजा खटखटा के देखिए क्या पता कौन सा सपना सच हो जाए जो सचमुच इंस्पिरेशनल लग रहा है और बहुत से लोग जो इस वक्त देख रहे हैं उन्हें लग रहा होगा कि उनके दिल में भी कोई खिलाड़ी बैठा है तो सुहाज जी से सीखिए दरवाजा खटखटा इए कोशिश कीजिए अभी देर नहीं हुई है सवाल यह है कि सर आप कह रहे कि इसमें मेंटल टफनेस मेंटल मेकअप बहुत मायने रखता है एक खिलाड़ी जब बड़े लेवल पर बड़े अरीना में उतरता है तो किस तरह से उसका मेंटल मेकअप होता है क्या सोच के मैदान में उतरता है और कैसे वह रहता है कि परफॉर्म कर पाए कैसे वो स्टिक टू बेसिक्स रहता है मैं उदाहरण देता हूं मेरा ही टोक्यो पैरालंपिक्स में मेरा सेमीफाइनल था इंडोनेशिया के फ्रेडी सेटी वान कर के खिलाड़ी था जिससे मैं एशियन गेम जकर्ता में क्वार्टर फाइनल हार चुका था कल सुबह अगले दिन सुबह सेमीफाइनल में मुझे पहुंचना था सुबह 7:30 बजे ग्राउंड प मैं रात में 10 बजे ओलंपिक विलेज में लाइट वाइट बंद करके मैं सो गया सो गया माने मुझे आप तो बंद कर ली नींद नहीं आई 10 12 हुआ 12 सुबह तीन बजा और पा बजे तक मुझे नींद नहीं आई और पा से 6:30 बजे डेढ़ घंटा में सोया हूं और फिर कोने दरवाजा खटखटाया कि तैयार हो जाओ निकलना है तो हम पहुंचे तो रात भर सोया नहीं प्रेशर की वज से अगले दिन जिंदगी एक तरह से ड और डाई है और जब मैं देखा तो वहा मैदान में उतरना ही है तो पूरा आपको मैं सेय कियान देखा भी जो दूसरे खिलाड़ी है वो भी उतनी टेंशन में वो अपने भगवान को प्रार्थना कर र है मैं अपने भगवान को प्रार्थना कर रहा हूं एंड देन आई टोल्ड आई डिड मेडिटेशन फॉर वन मिनट बिफोर एंटरिंग द ग्राउंड मैंने अपने आप को ये कहा कि मैंने इससे पहले जितने भी साल मैंने जो भी किया है वो मायने नहीं रखेगा और अगले एक घंटे बाद जिंदगी में जो भी करूंगा तो वो भी मायने नहीं रखेगा अगले एक घंटे मेरे जिंदगी का वो पल है जहां मैं अपनी जी जान वहां लगा दूंगा एक एक एक पॉइंट के लिए फाइट करूंगा हारू जीतूंगा यह मुझे नहीं पता है बट मैं एक घंटे लड़ जाऊंगा और मैं इसी एक पूरा एक तरह से मेरे अंदर गूस बंस आई कि मैं पूरा इसी एड्रेन के साथ उतरा और लगभग 45 मिनट में वो डायरेक्ट सेट में मैं वो मैच जीता और शायद मु वही 45 मिनट या एक घंटे की परफॉर्मेंस की वजह से आप मुझे इंटरव्यू कर रखे ना ये मैं चाह रहा हूं कि जिंदगी में ऐसे पल में देर इ नो वन राइट वे आपके माइंड को क्या सूट करता है कैसे आप अपनी माइंड को ट्रेन करते हैं आपके माइंड को आप खुद ही बेहतर जानते हैं य हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है सो आपको जो भी मोटिवेट करता है मैं खास तौर प यंगस्टर्स को ये कहूंगा कि आप वो पल याद करिएगा और कुछ ऐसे पल आती है अपॉर्चुनिटी नॉक्स योर डोर सम टाइम्स इन लाइफ उस टाइम प अपनी जी जान लगा दीजिए अपॉर्चुनिटी नॉक्स योर डोर बस आपको पता होना चाहिए कि उस अपॉर्चुनिटी को ग्रैब कब करना है और कैसे करना है उसका सबसे बड़ा उदाहरण सुहाग यथिराज हैं जिनसे हम बात कर रहे हैं सुहास जी क्योंकि मेंटल मेकअप की बात हो रही है साइकोलॉजिकल प्रेशर की बात हो रही है चाहे हम खेल की बात करें या खेल के बाहर जीवन की बात करें कहा यह जाता है कि अगर आपने यहां जीत लिया तो समझिए आधा गेम आप ऐसे ही जीत चुके हैं और खासकर खेलों में तो सबसे ज्यादा लड़ाई जो होती है वो मेंटल लड़ाई होती है चाहे हम क्रिकेट की बात करें ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड ऐसी टीमें हैं जो मैच से पहले अपने प्रतिद्वंदी के साथ मेंटल गेम करना खेलना शुरू कर देती हैं यही बैडमिंटन में भी होता है मुझे एक मुकाबला याद आ रहा है साल 2016 का जो ओलंपिक्स था जिसमें पीवी सिंधू और स्पेनिश खिलाड़ी कैरोलिना मरीन जो है फाइनल मुकाबला खेल रहे थे और किस तरह से कैरोलिना मेंटली पीवी सिंधू पर हावी हो रही थी जो उनके लाउड चेयर्स थे और जो एक प्रेशर बनाने की डोमिनेशन क्रिएट करने की कोशिश हो रही थी जब इस तरह के अपोनेंट्स आपके सामने आते हैं तब आप कैसे अपने माइंड को स्ट्रांग रखते हैं और अपने माइंड में ये इस बात को बिल्कुल लॉक करके रख लेते हैं कि मुझे इफेक्ट नहीं होना है क्योंकि अगर मैंने मेंटली लूज किया तो शायद मैं यह गेम हार जाऊं आपने बिल्कुल सही कहा कि हमारे भी बैडमिंटन में यह बहुत होता है मेंटल डोमिनेशन करने के लिए बहुत खिलाड़ी सोचते हैं और मैंने ये जब नए नए में एंट्री किया था तो मैं विचलित हो जाता था कि लोग जानबूझ के रेस्ट ले लेंगे सॉक ये उता लेस उतारने लगेंगे या हूटिंग करने लगेंगे सो देन यू ग्रो यू बिकम मैचर आप फिर दूसरे की एक तरह से माइंड को रीड करने लगते हैं एंड देन यू हमेशा ये होता है कि स्पोर्ट्स में यू हैव टू मेंटेन योर कंपोजर अंदर आपको आपकी गेम मालूम होनी चाहिए आपको आपकी बेस्ट देना चाहिए कोई भी स्पोर्ट्स हो वेदर इट इज बैडमिंटन और एनी स्पोर्ट यू कैन ओनली गिव यर बेस्ट एंड उसको कंपलीटली एक तरह से जितना आप ट्रेनिंग करेंगे ऑटोपायलट मोड में जब भी मैच होता है बड़े मौके पर इट्स बेसिकली ऑटोपायलट मोड है आपने जो ट्रेनिंग में जो इन सबको कंटीन्यूअसली किया है बार-बार किया है वो ऑटोपायलट मोड में वहां एग्जीक्यूट करना है विचलित ना होते हुए सो दिस इज जैसे कहते हैं ना पत्थर खा खा के सीखते हैं हमने भी ऐसे ही सीखा है पहले मैं बहुत टूर्नामेंट में विचलित हुआ हूं बट नाउ आई थिंक आई हैव ग्रोन बियोंड दैट एंड आई डू मच बेटर नाउ एडेज सुहास जी ये तो आपके सफर की बात हुई लेकिन अब बात उस सफर की भी कर लेते हैं जो हमारे खासकर बैडमिंटन के खिलाड़ियों ने तय किया है 117 खिलाड़ियों का जो दल है वह पेरिस जाएगा जिसमें से सात बैडमिंटन में प्रतिभाग करेंगे अ मिक्स डबल अ वमन डबल्स में दो महिला दो खिलाड़ी पुरुष डबल्स में दो खिलाड़ी इसके अलावा सिंगल लेडीज सिंगल की बात करें विमन सिंगल की बात करें तो सिर्फ पीवी सिंधू हैं जिनसे मेडल की उम्मीद रहेगी और अगर मेन सिंगल की बात करें तो लक्ष्य सेन उभरता हुआ बैडमिंटन का सितारा नजर उन पर रहेगी इसके अलावा एचएस प्रनॉय पर रहेगी लेकिन सबसे पहले हम अ पीवी सिंधू की बात करते हैं आप खुद एक शटलर हैं बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और आप मुझे पूरा यकीन है कि इन खिलाड़ियों को बारीकी से देखते होंगे आपको इनके मैचेस देखने में इंटरेस्ट होगा तो आप किस तरह से पीवी सिंधू के गेम को रीड कर रहे हैं क्या जो गोल्ड का सूखा है हालांकि दो बार की ओलंपियन है चैंपियन है सिल्वर ब्रोंज मेडल इनके पास है लेकिन वो जो गोल्ड का सूखा है क्या इस बार वो खत्म होगा देखिए बैडमिंटन में भी आज की तारीख में आप जितने भी पिछले कुछ माइनों का टू महीनों का टूर्नामेंट्स देखिएगा इट्स वेरी हाईली कंपट सर्किट आप अगर लेडीज सिंगल्स का लेंगे पीवी सिंधु को रिलेटिवली अच्छा ड्रा मिला है आई थिंक शी विल डू एक्सट्रीमली वेल इन प्रिलिमनरी स्टेजेस जैसे जैसे आगे बढ़ेंगे नॉकआउट स्टेजेस पे खास तौर पे क्वार्टर फाइनल एंड बाद में उनको जो खिलाड़ी मिलेंगे बहुत अच्छे-अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे आन से यांग है शन यू फे है या रचक है इतने अच्छे-अच्छे खिलाड़ी है और वहां पे मेरा ये मैं क्योंकि मैं खुद महसूस किया हूं तो हमेशा खिलाड़ी के ऊपर हमें दबाव नहीं डालनी चाहिए आई एम श्यर पीवी सिंधू विल डू हर बेस्ट टू एंड शी जज द कैपेबिलिटी टू डिफीट ऑल ऑफ देम कि जो जितने भी खिलाड़ी है जो सर्किट में इनसे ऊपर रैंक में है आज की तारीख में उनके अंदर कैपेबिलिटी है पीवी सिंधु का हाइट उनके एडवांटेज में है बट इट इज एक्सट्रीमली कॉम्पिटेटिव सो इसलिए उस दिन वो जो अच्छा खेल लेंगे वो जीतेंगे एंड इवन इन मेन सिंगल्स में अगर मैं कहूं बोत प्रणय एंड लक्ष्य उनको इनिशियल लक्ष्य को थोड़ा सा पहले ही या आप कुछ बता रही है पवन एक रिपोर्ट दिखाने वाले हैं पीवी सिंधू की उससे पहले पीवी सिंधू से ही जुड़ा मेरा एक बड़ा टेक्निकल सा सवाल है और आपसे बेहतर कोई व्यक्ति हो नहीं सकता जो इसका जवाब दे क्योंकि आपने हाइट का जिक्र किया और पीवी सिंधू के साथ हमने देखा है कि उनका जो लोअर बॉडी का स्ट्रेंथ है वो कम है एज कंपेयर टू प्लेयर्स जो डोमिनेट करते हैं चाहे आप चाइनीज जापानीज प्लेयर्स की बात करें या फिर वो प्लेयर्स जो इस वक्त रैंकिंग में नंबर वन है या जिनका प्रदर्शन बहुत अच्छा है तो वो वो लाइट फुटवर्क कैसे आएगा और क्या उनकी हाइट का एडवांटेज यहां उन्हें मिलेगा जब प्लेयर्स इतने एजाइल है और इतने इतने तेज है कि आपको पता नहीं चलता शटल कहां कहां से मारी और कब दूसरी तरफ चली गई आज की तारीख में अगर आप वर्ल्ड बैडमिंटन में देखेंगे आप अगर पहले मेंस का देखेंगे आप देखिएगा कि टॉप 10 में जो फ हाइट में अगर बहुत टेक्निकल बात बताऊ ये सब लोग समझ मि लेंगे आराम से 5 ना फ से ऊपर ही लगभग सारे लोग हैं जो वर्ल्ड नंबर वन आप एक्सल सन या आप शची वगैरह देखिए 6 फुट से अधिकांश जो इवन लीजी जिया है सिमिलरली जो मेल जो बैडमिंटन स्टार्स को 6 फुट से अधिक होने का बहुत ज्यादा फायदा मिलता है नाउ कमिंग टू आपने बिल्कुल सही कहा कि जो फीमेल एथलीट्स है बैडमिंटन में जितना भी आपका हाइट अच्छा रहता है उससे फायदा जरूर मिलता है क्योंकि आपका कोर्ट कवरेज में बाकी लोग अगर दो स्टेप ले रहे हैं तो आप एक ही स्टेप जल्दी कोर्ट कवरेज करेंगे ब देन हमेशा बैडमिंटन में आपको सेंटर ऑफ ग्रेविटी खास तौर जब आप डिफेंस करते हैं तो लो होना जरूरी है तो जो जो बैडमिंटन एथलीट जिनकी हाइट ज्यादा रहती है वो सेंटर ऑफ ग्रेविटी को कैसे वो लो रखेंगे वो हमेशा एक चुनौती रहती है खासतौर पर जब आगे झुक के लेना पड़ता है तो पीवी सिंधू के लिए यह चुनौती जरूर है बट आई थिंक शी है वर्क वेरी वेल इन दैट रिगार्ड उनकी जो डिफेंस है पहले के सापेक्ष काफी इंप्रूव हुई है तो बट एस सेड द सर्किट इ वेरी जैसे उदाहरण के लिए आप एनसी यंग और टाइंग जो टॉप वन टू एथलीट्स है आप उनकी गेम देखेंगे बहुत ऑलराउंड और अच्छी गेम है कहीं ना कहीं आप ये तैयार रहना पड़ेगा पीवी सिंधु को कि 10 स्ट्रोक में भी एक रैली खत्म नहीं होगी 15 से 20 स्ट्रोक तक रैली चलती रहेगी और उसके बाद पॉइंट मिलेगा कहीं ना कहीं वो माइंडसेट के लिए तैयार रहना पड़ेगा लड़ाई लंबी चलेगी बट जीत किसी का भी हो सकता लंबी रैली के लिए तैयार होना होगा सुहा जी हमारे साथ बने रहिए पहले एक बार ओलंपिक की बात हो रही है और पीवी सिद्धू की बात हो रही है तो ओलंपिक में भारत का मान बढ़ाने वाली भारतीय महिला शटलर पीवी सिद्धू पर इस बार भी मेडल जीतने का दारोमदार होगा 2016 और 20 में पीवी सिंधू दो बार मेडल जीत चुकी है अबकी बार उनकी नजर पेरिस में गोल्ड पटकी है कैसी है सिद्धू की तैयारी सिंधु की तैयारी और क्या है उपलब्धियां उनके नाम पर आपको य रिपोर्ट दिखाते हैं फिर यह चर्चा जारी रखेंगे [संगीत] पीवी सिंधु वो नाम जो पिछले एक दशक से भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी पहचान बनकर उभरा है सायना नेहवाल ने भारत में बैडमिंटन खासतौर पर मेमन सिंगल्स को जो मुकाम दिलाया सिंधु ने उसे नई ऊंचाइयों पर ही पहुंचाया लंबे कद के साथ तेज तर्रार रिटर्न अपनी काबिलियत से विरोधियों को धूल चटाने के लिए मशहूर सिंधु कई सालों से इस इवेंट में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद रही है ओलंपिक हो या एशियन गेम्स या फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप भारत की सबसे मजबूत दावेदार सिंधु ही रही हैं 21 साल की उम्र में पहला ओलंपिक खेलने वाली सिंधु अब अपने तीसरे ओलंपिक में भी मेडल्स की हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरेंगी और भारत की झोली को भरने में मदद करेंगी सायना नेहवाल की तरह सिंधु ने भी हैदराबाद में गोपीचंद अकेडमी से ही बैडमिंटन की भाषा सीखी और इस खेल में खुद को निखारा 2013 में सिंधु सही मायनों में देश और दुनिया की नजरों में आई जब सिर्फ 18 साल की उम्र में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाई और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया यह मेडल जीतने वाली वह सिर्फ दूसरी और पहली भारतीय महिला थी इसके बाद तो उन्होंने दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज फिर से जीता और आखिरकार 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई इसके बाद अपने पहले ओलंपिक में सिंधु ने कमाल कर दिया रियो 2016 ओलंपिक में सिंधु ने संस खेज प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई बस यहां वो स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गई और गोल से चूक गई लेकिन ओलंपिक में बैडमिंटन का सिल्वर जीतने वाली वो पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई ओलंपिक में सिंधु का कमाल दोबारा दिखा जब टोक्यो 2020 में वह फिर मेडल जीत कर लौटी हालांकि इस बार भी गोल्ड नहीं आया जबकि रंग भी बदला हुआ था लेकिन ब्रॉन्ज मेडल के साथ व दो अलग-अलग ओलंपिक में मेडल जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय एथलीट बन गई अब पेरिस में वह तीन ओलंपिक मेडल्स जीतने वाली पहली भारतीय बन सकती है सिंधु एक बार फिर ओलंपिक में भारतीय उम्मीदों का केंद्र होंगी पेरिस ओलंपिक तो उनके लिए और भी ज्यादा खास होने वाला है क्योंकि वो पहली बार ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय दल की ध्वजवाहक होंगी बैडमिंटन फैंस सिंधु के बारे में एक बात सबसे अच्छे से जानते हैं और दांव लगा सकते हैं तो वो यह है बड़े इवेंट्स में स्टार शटलर के प्रदर्शन की काबिलियत और ओलंपिक से बड़ा कुछ नहीं तो ये रिपोर्ट आपने देखी इसमें उम्मीदों की बात है लेकिन हकीकत यह भी है कि पीवी सिंधू की पिछले डेढ़ साल में फॉर्म ज्यादा अच्छी रही है इंजरी बहुत ही इंजरी बहुत रही है सुहाज साहब हमारे साथ हैं सर प्लेयर के अंदर टैलेंट है एक्सपोजर है एक्सपीरियंस है लेकिन जब आ इंसान फॉर्म से बाहर हो तो उस फॉर्म में वापस आना कितना बड़ा चैलेंज होता है और इसको कैसे पार पाया जा सकता है पीवी सिंधू से उम्मीदें बात अलग है रियलिस्टिक क्या अप्रोच होनी चाहिए हमारी और इसी में सुहास जी मैं लक्षी सेन को भी जोड़ना चाहती हूं क्योंकि उनके साथ भी सेम प्रॉब्लम चल रही है प्लेयर बहुत अच्छा है बहुत ही अ उम्मीदें हैं उनसे लेकिन इंजरी बहुत हो रही है अ जो पीवी सिंधु की एक अच्छी चीज यह है मेंटली बहुत स्ट्रांग है जैसे आपने एवी में दिखाया कि वो जब मेजर टूर्नामेंट्स में उनकी परफॉर्मेंस लेवल कंपेयर टू अन्य टूर्नामेंट्स पहले से हमेशा अच्छी रही है सो दैट इज एन एडवांटेज दैट शी वुड हैव उनका ग्रुप स्टेजेस का जितना मैंने ड्रा देखा है आई थिंक इट इज गोइंग टू बी क्वाइट इजी फॉर हर नेक्स्ट जो शुरुआत इजी है बट देन वनस शी गोस आगे जब जाए फाइनल में पहुच तो उस वक्त काफी उनको सीरियस खिलाड़ी मिलेंगे और वो दिन की बात होती है और ओलंपिक्स में तो आप ये मान के चलिए हर खिलाड़ी तो चाहते ही है कि दुनिया देख रही है तो व अपना बेस्ट दे तो इसलिए कि मुझे यह लगता है पर्सनली कि फॉर्म बहुत ज्यादा मायने रखता है इन मेजर टूर्नामेंट तो फॉर्म इ ओनली गुड फॉर योर सेल्फ कॉन्फिडेंस आप उसको वो एक तरह से हर्डल को पार कर लिया कि आपने कॉन्फिडेंस के साथ खेल लिया न ओलंपिक एशियन गेम्स में बाकी टूर्नामेंट की तरह बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती है यू कैन जस्ट गो आउट देयर एंड एंजॉय योरसेल्फ एंड परफॉर्म एंड लक्ष सेन के लिए भी मेंस जो ड्रा है आज की तारीख में वो भी लक्षण को ड्रॉ भी जो ग्रुप स्टेज है वो भी थोड़ा इनकेन अनसीडेड है ये इनका पहला ही मुकाबला क्रस जोनाथन क्रस्टी से होगा वर्ल्ड नंबर थ ये जोनाथन क्रिस्टी अभी ऑल इंग्लैंड चैंपियन भी रहे हैं और इंडोनेशिया के बहुत अच्छे खिलाड़ी है और वो अगर लक्ष सेन जीतेंगे तो उनके कॉन्फिडेंस को बहुत ज्यादा बूस्ट मिलेगी और उसके बाद तो ये मान के चलिए अगर वो मैच जीतेंगे तो फिर वो आगे वो जीत भी सकते हैं क्योंकि जोनाथन क्रिस्टी का भी मैं मैच उनका भी लगभग काफी मैचेस देखा हू तो वो भी क्या अच्छा खेलते हैं ब जो टू हेड रिकर्ड है वैसे जोनाथन क्रिस्टी और लक्ष्य सेन का चार बार जोनाथन जीते एक बार क्रिस्टी तो वो मेंटल प्रेशर तो रहेगा ही बट जोनाथन क्रिस्टी का जो मेजर टूर्नामेंट्स में परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा वो बहुत अगर एक बार गलती करना शुरू करते तो कंटीन्यूअसली कई गलती कर देते तो लक्ष सेन इन दैट सेंस इ मोर डिसिप्लिन सो इसलिए लक्ष सेन के लिए इट इज ड्रा अगर वो प्रिलिमनरी जीत जाते हैं ग्रुप स्टेजेस देन इट बिकम लिटिल इजियर इन टर्म्स ऑफ कॉन्फिडेंस बट अगेन आप मेल एथलीट्स का आप अगर देखेंगे एक्सेल सन हो गिंटू हो जनाथ क्रिस्टी हो चाइना के दो प्लेयर्स है उनको देखेंगे इतना ज्यादा टफ कंपटीशन है तो इट इज नॉट गोइंग टू बी इजी सो ऑन द डे जो अच्छा खेलेंगे तो दे दे आर गोइंग टू विन द टूर्नामेंट क्योंकि आपने मेल प्लेयर की बात की तो जल्दी से दो खिलाड़ी तीन खिलाड़ी और हैं एचएस प्रनॉय सात्विक चिराग एचएस प्रनॉय की बात करें तो सीडेड खिलाड़ी है ये मतलब इनका जो शुरुआती सफर रहेगा ग्रुप मैचेस वो इजी रहेंगे लेकिन जैसे वही पीवी सिंधु की तरह आगे पहुंचेंगे तो मुकाबला चैलेंजिंग होगा और साथ ही सात्विक और चिराग की बात की जाए तो यह तो वो जोड़ी हो गई है वो कहते हैं ना फिल्मों में कई बार य डायलॉग यूज होता है क्या दो बॉडी और एक जान एक दिल उसी तरह का इन दोनों का मैच परफॉर्मेंस नजर आता है आप कैसे देखते हैं आई थिंक सात्विक चिराग का अगर मेडल नहीं आएगा आई विल बी एक्सट्रीमली सरप्राइज जितना उनकी परफॉर्मेंस रही है विगत कुछ टूर्नामेंट्स में आई एम ऑलमोस्ट सर्टेन दैट दे आर गोइंग टू विन मेडल कौन से मेडल जीतेंगे दैट इज टू बी सीन सो बट देन अगेन वो क्योंकि वर्ल्ड नंबर वन वर्ल्ड नंबर टू रहे हैं बट मैं अपने आप को भी ये कहता हूं तो इट डज नॉट मैटर आप वर्ल्ड में क्या हो तो यू हैव टू परफॉर्म ऑन द डे सात्विक चिराद ने इतने जगह अच्छा किया तो उनको कंप्लेसेंट नहीं होनी चाहिए अगर वो अपनी नेचुरल गेम खेल लेंगे तो इजली मेडल जीत जाएंगे उनको रिलेटिवली क्योंकि वो मैंने व्यक्तिगत रूप से भी उनसे बात किया हुआ है तो एक दो ऐसे पेर है जो वो चुनौती महसूस करते हैं मुझे लगता है वो सेमीफाइनल फाइनल नहीं मिलेंगे उससे पहले उकिल ही मिलेंगे जी एचएस प्रणय एचएस प्रणय का भी विगत जो इधर जो पिछले कुछ माह में जो फॉर्म है सो ही कैन डेफिनेटली इंप्रूव अगेन चस प्रणय का भी अच्छी चीज यह है कि वो जो बड़े टूर्नामेंट में आप देखिएगा एशियन गेम्स में ने मेडल जीती थी तो बड़े टूर्नामेंट में ही अगेन परफॉर्म्स क्वाइट वेल ही इज मेंटली वेरी स्ट्रांग ऑलराउंड प्लेयर है बट देन मेल बैडमिंटन सर्किट में स्पीड इतना ज्यादा है मुझे लगता है वहां एचएस प्रोनय कन कोशिश तो मैक्सिमम करते हैं आई थिंक सम ऑफ द चाइनीज एथलीट्स इंडोनेशियन एथलीट्स जो उनकी स्पीड है दैट इज क्वाइट फास्ट बट इनकी मेंटल स्ट्रेंथ है ही कैन डेफिनेटली गो मच डीपर मतलब कर सकते हैं बट देन फॉर दैट अगेन जैसे मैंने कहा कि ये सर्किट इतनी ज्यादा स्ट्रांग कंटेस्टेड सर्किट है इट इज वेरी डिफिकल्ट टू से न द डे कौन किसको हराएगा ताएगा वो मतलब जिसका दिन अच्छा होगा उसकी परफॉर्मेंस अच्छी होगी पवन मेरे अंदर का खिलाड़ी निकल निकल के बाहर आ रहा है एक सवाल मैं और सुहास जी से ले लेती हूं सुहास जी हमने सारे प्लेयर्स की बात की एक प्लेयर और रह गया है अश्विनी और क्रेस्टो अश्विनी की बात की जाए इनके पास अनुभव है क्रो की बात की जाए तो ये यंग प्लेयर हैं ये बड़ी जाइल है लाइट ऑन फीट है और इन इस इस वमन डबल पेयर से क्या उम्मीद की जाए वमन डबल पेयर भी अच्छी कर सकती है जैसे आपने कहा अश्विनी हैज प्लेड मेनी मेजर टूर्नामेंट सो शी नोज कि मेजर टूर्नामेंट्स में परफॉर्म कैसे करनी है दोनों का कोऑर्डिनेशन अच्छा है और कस्टो के स्ट्रोक्स खास तौर पे अच्छी है सो दे कैन आल्सो डू क्वाइट वेल एंड विमेन डबल्स प्लेयर में भी वो ये होता है कि मेमन डबल्स में आप कितना अनफोर्सड एरर्स कम करें और शटल को डोमिनेटिंग तरीके से डाउन वर्ड ज्यादा से ज्यादा मारते रहे और अपनी तरफ से पॉइंट ज्यादा से ज्यादा ना दे दूसरे को सो आई थिंक बोथ ऑफ देम आर वेरी स्ट्रंग कंटेंडर यस गलतिया कम करें पवन तो सुवा जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया इतने ओवरऑल पिक्चर के लिए एंड बेस्ट विशेस टू यू एज वेल और सचमुच आपका इंटरव्यू इंस्पायरिंग इंटरव्यू था और खासकर जो मां-बाप सचमुच अपने बच्चों को खिलाना और पढ़ाना चाहते हैं वो सुहास जी की इंटरव्यू को जरूर सुनाए उनकी फिलोसोफी को जरूर सुनाए आप इंडिया टीवी के साथ जुड़े आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सर थैंक यू सो मच सुहास जी वी आर लुकिंग फॉरवर्ड कि हम आगे आपकी और उपलब्धियां जब हो तो आपसे और बात करेंगे आपसे और बहुत सारे गुण सीखेंगे एंड कीप इंस्पायरिंग अस थैंक यू सो मच थैंक यू सर थैंक यू मैम थैंक यू सर थैंक यू थैंक यू तो देखा सुहा जी की सबसे अच्छी बात यह थी कि मां-बाप सोचते हैं कि पढ़ाई लिखाई करो तो खेल नहीं सकते और खेलो तो पढ़ाई लिखाई नहीं कर सकते सुहास जी ने दोनों जगह गलत साबित किया अ पढ़ लिख के आईएस भी बन सकते हैं और खेल के चैंपियन भी एनआईटी टॉपर ग एशियन चैंपियन है टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट है तो सच इंस्पिरेशन इन ऑल पैरा बैडमिंटन में वर्ल्ड चैंपियन है इनकी जो अचीवमेंट की लिस्ट है ना वो छोटी नहीं है पैरा बैडमिंटन में वर्ल्ड चैंपियन है इसके अलावा रैंकिंग इनकी नंबर वन है एशियन गेम्स में इन्होंने पैरा बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीता है एनआईटी के गोल्ड मेडलिस्ट हैं और 2007 उत्तर यूपी कैडर से इन्होंने आईएएस क्वालीफाई किया है अ गौतम बुद्ध नगर 2016 में मेरी इनसे मुलाकात हुई इनके ऑफिस में तब तब तक किसी को नहीं पता था कि ये बैडमिंटन खेलते हैं और मैं जब इनसे मिलने के लिए पहुंचा तो कहा गया कि सर तो आपको बैडमिंटन कोर्ट में मिलेंगे वहां मुलाकात हुई है तब मुझे पता चला था ये खेलते हैं पैरिस ओलंपिक 204 में बैडमिंटन प्लेयर सात्विक साईराज रंक रेड्डी और चिराग शेट्टी की डबल्स में भारतीय जोड़ी गोल्ड मेडल के लिए खेलती हुई नजर आने वाली है सात्विक और चिराग ने इस महाकम के लिए अपनी तैयारियां शानदार तरीके से से की है इस रिपोर्ट में हम दोनों स्टार प्लेयर्स के बारे में जानने की कोशिश करते हैं पेरिस ओलंपिक 2024 में सात्विक सायरा रकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी गोल्ड मेडल के लिए खेलती हुई नजर आने वाली है सात्विक और चिराग ने इस महाकुंभ के लिए अपनी तैयारी शानदार तरीके से की है इस रिपोर्ट में हम आपको दोनों स्टार प्लेयर्स के बारे में बताएंगे सात्विक साईराज रकी रेड्डी का जन्म 13 अगस्त 2000 में आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में हुआ था सात्विक के बड़े भाई बैडमिंटन खेला करते थे भाई को देखकर सात्विक ने भी खेलना शुरू कर दिया चिराग शेट्टी का जन्म मुंबई में 4 जुलाई 1997 में हुआ था चिराग जब हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकेडमी में आए तब कोच ने सात्विक साईराज रकी रेड्डी के साथ उनकी जोड़ी बनाई इसके बाद दोनों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और साथ में खेलते हुए देश के लिए कई कीर्तिमान रचे सात्विक साइराज रकी रेड्डी और चिराग शेटी ने एक जोड़ी के तौर पर सबसे पहले साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के मिक्स डबल्स इवेंट्स में हिस्सा लिया और धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए भारत को गोल्ड दिलाया इन दोनों ने 2019 में थाईलैंड ओपन का खिताब जीता और 2019 फ्रेंच ओपन के उपविजेता रहे इस समय बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन रैंकिंग में यह जोड़ी वर्ल्ड नंबर थ्री पर मौजूद है साल 2024 में इन्होंने टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई और दो खिताब जीते इस जोड़ी ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी हिस्सा लिया था जहां यह दोनों ग्रुप स्टेज से भी बाहर हो गए अब ये दोनों अपना दूसरा ओलंपिक खेलने जा रहे हैं भारत को सात्विक साईराज रंक रेड्डी और चिराग शेट्टी की स्टार जोड़ी से अब पेरिस ओलंपिक 20224 में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद होगी बिलकुल गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद इस जोड़ी से सात्विक चिराग की इनकी कहानी भी बड़ी इंटरेस्टिंग है पवन मुझे पता नहीं आपको पता है नहीं पता है लेकिन जिस दिन हम बैडमिंटन स्टार मधुमिता बिष्ट से बात कर रहे थे तो उन्होंने बताया कि सात्विक चिराग चिराग शेट्टी हैं वह नॉर्थ से आते हैं सात्विक हैं वह साउथ के हैं तो पहले इनकी जोड़ी थी नहीं ये जोड़ी इंटरनेशनल कोच ने बनाई और वो जोड़ी ऐसी बन गई कि अब ये अटूट है लेकिन सात्विक बड़े वो चाह नहीं रहे थे कि वो चिराग के साथ जोड़ी बनाए खेले और उसका रीजन पता है क्या था क्या था लैंग्वेज अच्छा बात कैसे करेंगे संवाद कैसे करेंगे लेकिन आप सोचिए खेल इज बियोंड लैंग्वेज आपको किसी की भाषा समझ में आए ना आए लेकिन वो इमोशन आप समझते हैं खेल आप समझते हैं इसलिए यह इस जोड़ी से बहुत उम्मीदें हैं और सबसे ज्यादा हॉट शॉट है ये फेवरेट है गोल्ड की उम्मीद की जा रही है और सबसे बड़ी बात यह है कि खेल की खासियत यह है कि सीमाएं तोड़ता है बैरियर्स तोड़ता है वो जो ओलंपिक का इतिहास अगर आप देखेंगे ओलंपिक की शुरुआत क्यों हुई एक कॉमन प्लेटफॉर्म की जरूरत थी जहां जंग की ही बात ना हो खेल की भी बात हो की बात हो की बात हो मानवता की कप ह्यूमन स्पिरिट को सेलिब्रेट करता है ओलंपिक और यह हमारी बैडमिंटन जोड़ी उसी को रिफ्लेक्ट करती है सोचिए कहां एक बैरियर के चक्कर में वो दोनों साथ नहीं आना चाहते थे आज नंबर वन सीट जोड़ी है और सबसे ज्यादा उम्मीद उनसे की जा रही है मेडल की बिल्कुल और अगर सीडेड जोड़ी है इसका मतलब यह है कि जो शुरुआती सफर रहेगा ग्रुप स्टेजेस में वह आसान रहेगा लेकिन जैसे हीय राउंड ऑफ 16 में पहुंचेंगे तो इनके पास बहुत बहुत सारे चैलेंज रहेंगे वर्ल्ड नंबर फाइव वर्ल्ड नंबर सेवन से इनका मुकाबला होगा वो जो जोड़ियां है वो भी बड़ा दमदार परफॉर्मेंस कर चुकी हैं और अगर हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो ऑलमोस्ट बराबर बराबर करा है 3 4 4थ ऐसे रिकॉर्ड्स रहे हैं तो ये रिकॉर्ड बताते हैं कि कुछ भी हो सकता है गेम इधर भी आ सकता है गेम उधर भी जा सकता सायना नेहवाल की लेगासी को आगे बढ़ाया पीवी सिंधू ने और पीवी सिंधू अबकी बार खुद मौजूद है और उस पीवी सिंधू की लेगासी को आगे बढ़ाएगी ये जोड़ी उम्मीद की जानी चाहिए हालांकि कि वॉल ऑफ चाइना अभी भी क्रॉस करना इंडियंस के लिए मुश्किल रहा है जितने भी मेडल बैडमिंटन में जीते हैं उसके 65 मेडल आज तक चाइना ने जीते हैं तो आप समझ सकते हैं वॉल ऑफ चाइना का क्या है भारत ने पूरे देश ने 35 मेडल आज तक जीते हैं आपको जानकर हैरानी होगी कि अभी तक के ओलंपिक इतिहास में चाइना 35 गोल्ड मेडल जीत चुका है सिर्फ बैडमिंटन में तो आप समझ सकते हैं किस तरह की चुनौती किस तरह के ोने से भारत के ओलंपिक्स में बैडमिंटन में मेडल की बात करूं तो एक मेडल मुझे पीवी सिंधु का ही याद आता है पिछले ओलंपिक्स का ब्रोंज उससे पिछला सिल्वर याद आता है उसके अलावा और कोई मेडल है नहीं साइना नेहवाल बहुत अच्छी स साइना नेहवाल का हां उनको भी ब्रोंज मिला था वो तीन मेडल याद है मुझे बस और तीनों मेडल महिलाओं ने दिलाए हैं बिल्कुल महिलाओं ने दिलाए हैं लेकिन यह सब किया पुलेला गोपीचंद और उनकी हैदराबाद वाली एकेडमी ने और वहां जाकर लगता है कि हम चाइना को चैलेंज कर सकते हैं दिक्कत ये है कि हमारे पास सिर्फ एक पुलेला ग चंद है और एक बैडमिंटन अकेडमी है जहां से य सारे स्टार निकल के आ रहे हैं पुलेला गोपीचंद को अगर हम आज याद कर रहे हैं तो याद करना प्रकाश पादुकोण को भी बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि उस गेम को जो स्टैंडर्ड उन्होंने दिलाया जो रिकग्निशन उन्होंने दिलाई एज अ प्लेयर उसके बाद एज अ कोच वो जो रिकग्निशन दिला रहे हैं वो भी बहुत इंपोर्टेंट हैली ऑल इंग्लैंड खेल ऑल इंग्लैंड खेला था उन्होंने प्रकाश पादुकोन और बैडमिंटन को पॉपुलर करने में और में इंपोर्टेंट बनाने में प्रकाश पादुकोन का जिक्र था और जिस गुरुजी की मैं बात कर रहा हूं उनसे आप मिलिए वो सिंसियर वो तपस्या वो उनकी अकेडमी वो ज्यादा बोलते नहीं है धन्य है वो अकेडमी जहां से चमकते सितारे निकले हैं और क्योंकि प्रकाश पादुकोण की बात हो रही है तो पीवी सिंधु के इस बार एज अ कोच गए हैं एज अ मेंटर गए हैं प्रकाश पादुकोण तो उम्मीद यही रहेगी कि जिस तरह का पीवी सिंधू का परफॉर्मेंस बड़े गेम्स में रहा है बड़े गेम्स में कैसे वो आउट शाइन होती हैं बेस्ट परफॉर्मेंस देती हैं उसी तरह की परफॉर्मेंस इस बार उनसे ओलंपिक्स पीवी सिद्धू के सामने सिर्फ चुनौती ये है कि कैसे अनफोर्सड एरर से बचा जाए पिछले परफॉर्मेंस में देखेंगे एक तो हेल्थ उनका कंसर्न है एक अनफोर्सड एरर जो है वो बहुत खारी थी तो उस पर कैसे उन्होंने काम किया है वो देखना होगा और वो हमने ब्रोंज वाले मेडल में भी देखे थे अनफोर्सड एरर की वजह से वो पिछड़ गई थी अनफोर्सड एरर के साथ पवन हम उनके लोअर बॉडी स्ट्रेंथ की बात कर रहे थे फुटवर्क की बात कर रहे थे अपर बॉडी के कंपैरिजन में थोड़ा सा वीक है और जो उनके अपोनेंट्स नंबर वन नंबर टू प्लेयर हैं जो उनके लिए सबसे ज्यादा चुनौती होते हैं दे आर वेरी लाइट ऑन फीट्स मतलब इतना क्विक वो कोट कवर करते हैं तो इस बार स्पेशली उन्होंने अपनी लो बॉडी स्ट्रेंथ के लिए अपने क्ड्स के लिए अपने थाइज के लिए अ बहुत मेहनत की अपने हैम्स के लिए और वो लाइट ऑन फीट रहे बिल्कुल इसका ध्यान रखा गया और जैसे कि सुया साहब बता रहे थे कि सेंटर ऑफ ग्रेविटी नीचे करने के लिए झुकना पड़ है जिसकी वजह से इंजरी बढ़ जाती है क्योंकि आपको झुक के आगे कोर्ट कवर करना है और पीछे जब आप स्ट्रेच करते हैं तो झुकने वाली फॉर्म से आप स्ट्रेचिंग फॉर्म में जाते हैं तो इंजरी का चांस बढ़ जाता है लेकिन अच्छी बात यह है कि हाइट ज्यादा होने की वजह से आपकी कोर्ट कवरेज ज्यादा अच्छी हो जाती है और पेरिस ओलिंपिक से जुड़ी हर बड़ी खबर हर अपडेट इंडिया टीवी लगातार आपको दे रहा है एक बार मैं फिर से आपको बता दूं बार-बार पवन ने आपको बताया है लेकिन एक बार फिर से मैं आपको बता दूं कि ओलंपिक्स पर इंडिया टीवी की ग्रैंड मेगा कवरेज लगातार जारी रहेगी आप हमें हमारे डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स पर देख सकते हैं आप हमें कनेक्टेड टीवी इंडिया t कनेक्टेड टीवी पर देख सकते हैं इडिया t youtube4 पर आप हमें लाइव 2400 घंटे देखते रहेंगे इसके अलावा youtube1 में इतना ही नहीं और कवरेज और एक्सपर्ट्स और एनालिसिस के साथ वापस हाजिर होते हैं आप देखते रहिए इंडिया टीवी इंडिया मांगे ग

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🟣 SEMIFINALS RESULTS OLYMPIC PARIS 2024 Men's Football as of 5 August 2024

Category: Sports

Olympic parish 2024 men's football semi-final r out morocco one to spain and french 31 egypt finally is olympic paris 2024 men's football we have spain [music] and french the breet of no [music] drown and for the top scorers number one sufian rahimi from roko with six scores [music] Read more

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🔴EN DIRECT : Boccia | Jeux paralympiques d'été de 2024 Jour 5

Category: Sports

[music] that is your chance to be hey kid don't ever let them get inside your head they'll tell you what to do in like instead of everything you know that you could get don't let them guide your life towards your gret i'll fight for what i love is every breath my past is filled with things i won't forget... Read more

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Results & Standings OLYMPIC PARIS 2024 Women's Football as of 31 Jul - Qualified Teams QuarterFinals

Category: Sports

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Mind-Blowing Facts About Paralympics #sports #tiktoknews #shorts

Category: Sports

I don't think people understand just how amazing the par olympics 2024 are let me blow your mind this year paris is the host city making history as the first to host both the summer olympics and par olympics in the same year with over 4,400 athletes from 180 nations competing it's the biggest and most... Read more

Travis Kelce Caught Drink Beer in Taylor Swift Shoe During Party at #RhodeIsland #short #taylorswift thumbnail
Travis Kelce Caught Drink Beer in Taylor Swift Shoe During Party at #RhodeIsland #short #taylorswift

Category: Entertainment

Travis kelce caught drink beer in taylor swift shoe during party at rhode island august 25th 2024 here are some of the moments of travis kelsey caught during party at taylor swift private rhode island home camera the nfl star drinking beer in taylor swift shoe during the party guest includes blake lively... Read more

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Paris 2024 Para Powerlifting Preview: Stars to Watch on Day 2!

Category: People & Blogs

Hey sports fans get ready for another thrilling day at the paris 2024 paro olympic games today l chappelle arena is the hot spot for para powerlifting action with four par olympic titles up for grabs first up the women's up to 50 kg final keep an eye on great britain's olivia broom the reigning world... Read more

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🔴EN DIRECT : Para-tennis de table | Jeux paralympiques d'été de 2024 Jour 5

Category: Sports

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