LIVE: Naidu की डिमांड ने BJP में मचाई खलबली । Loksabha election results update । Nitish Kumar

विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलुगु देसम पार्टी चंद्र नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग अ राजनीतिक पहलुओं पे बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद अ जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अह क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब ये देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिं से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे नहीं पता कि किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भ छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर बीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पर बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाहु नाडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पलियो है व ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी की स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए व चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बैक जी चंद्र बाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वह सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फॉर्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं यह एक स्पीकर पद मांग रहे हैं यह मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि कि ये माहौल बनेगा यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वह बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वोह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पर बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पी स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है है ही नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए व चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्र बाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शु शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वोह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है जी तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बनेगा ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है व सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालाकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि व टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकती है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही साल में एक बार नौबत हां लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो हा और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्री यों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसी इसम एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छ मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेवन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नड तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजना हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है ब बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए व चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वोह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉश फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है ये इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने ये भी ऐड किया है उन्होंने ये भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास प पचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि व टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब ये देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर जी बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका क जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसम वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता ने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीजेपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पे टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वोह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्रबाबू नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर प कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांस सद्र है अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अ र या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बैकग्राउंड है सर आकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल दे देख तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय व सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इस तरह से की जाती ताकि ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बार पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वो चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है अ गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी अ जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू व उनके बारे में कयास लगा जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोग दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बै राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब आपकी शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती जी मुझे नहीं लगता ग्रह रक्षा वित जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ सेहा कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र बाहु नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वोह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको को याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आज और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता कि किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वोह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रहा खा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि व एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस से एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां व रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो व उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर जी बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चा हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत र् करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका क जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसम वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भ छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप ये बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस से एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशो का रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्रबाबू नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर प कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी अ जो जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे सेपरेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्री कल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दि और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले स बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे ने सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका ब जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भ छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वह बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पे टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा के लं मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री जी के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रोक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात को कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका न आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्य काल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय व सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा के लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में पयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्हो ने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दिए कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पा वास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूर जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नड तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि ग्रह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उ में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपोर्टेंट गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉश फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है और देखिए आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां व रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नाडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आ बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्र ल चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही वो साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह के इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसम वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विज जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फॉर्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता य किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉश फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु सं पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वोह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी अ अ जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगो शेट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वोह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वोह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूस जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायड का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फॉर्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता कि किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वोह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना है लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वोह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पीयूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के ने नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा यह कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उन कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वोह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उ उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो व उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है व यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हा लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा यह कह भी रहे थे कि अब वोह स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से ने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्ट अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वोह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट केलिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो व उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दि है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे ही साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपोर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे हैं वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर प कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य की जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बा योगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो व उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे हां और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फॉर्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता ये किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए सेवन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय व सीधे पीयूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र भाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब ये देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे से नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं व और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का सो दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्र बाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वह सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फॉर्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं यह एक स्पीकर पद मा मुझे नहीं पता कि किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वह बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जा जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पे टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर बीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर बस मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सब सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वह सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए यह अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जान ी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप ये बता दिया है ये इंफॉर्मेशन शिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्हों ने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अला से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वोह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रुक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए व स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो ल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत एक इस तरह से की जाती है ताकि ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब व उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है य आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस पक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलप के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस से एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वोह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शको के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वह स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि व नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को दे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी जिसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलुगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएम सी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर जी बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो हां और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े से पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसम वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजा रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और ट व वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पे टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने केद बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्र नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि व टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वो स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि ला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसम साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे 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नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पी पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रा ल किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगाह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि व एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओएलएसवाईएस से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नाडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े दावा टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाया जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइन फनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पर क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर केला जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है के एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चा से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस प एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है देख बहुत अच्छ जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओएलएसवाईएस उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेवन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर प कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिल इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू व उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हे मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा यह कह भी रहे थे कि अब वह स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है व बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छे जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उस उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओ या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशो का रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नाडू तो उन्होंने हम से भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में में बताया जा रहा है कि व टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू व उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो व उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहे भले ही साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं व और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको क रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने क और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा य कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोग को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है जी लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है नहीं नहीं ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की रीी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने ने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री स एस से एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर प कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अह क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है अ गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे डीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो हां और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस प एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं येय एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वोह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उन मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्ट पोलियो उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस से एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी अ अ जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा यह कह भी रहे थे कि अब वह स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वह रहे कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका ब था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो माना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस द दन इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उन के हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को ले लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए ग नमेंट को चा से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे योगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है और देखिए जो बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वोह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओएलएसवाईएस की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पर बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वो सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं पर बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सर सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर जी बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पच चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है व गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर तना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्र बाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनीत हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको पता है उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए यह अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांड डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही हैने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आ प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने ने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिस उस के बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही वो साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले स बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है जी लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वोह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इंफॉर्मेशन को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्रबाबू नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उ उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो ये है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं हां तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो हां और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दिया और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्र बाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं यता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पीयूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पे टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ए7 एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा के लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई अलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पे कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी अ अ जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वोह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हम रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे व स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दिए कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज ग्रह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट हैं राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए है वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और ये अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चा से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वह सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रा मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता कि किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि भा छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी जिसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वोह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही हो होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों के मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो अ जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पर क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उस स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दिए कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक खने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही वो साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वह बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए यह अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब व उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नड तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन लेन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर जी बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी ये टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वो ग्रह का उन्होंने मांगा है अच्छा होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वह यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर द है कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रख चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वोह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे म मंत्रालय है जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस प एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे तो उनको को पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वह किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय यह चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए यह अब वाजपेई जी के जमाने में जोश फ डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांड की भू भिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है ये भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए ये जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश किया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओ या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वह उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेवन एलकेम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र भाव तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वो चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फिर तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालाकि स्पीकर वाली बात इन्होने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्र बाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह के इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप ये रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं ये एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉश फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वह स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वह गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब वो उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देसम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वो रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पीयूष गोयल के पास पहुंचे पीयूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ डू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीकर बने थे अभी जो अ राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद हैं राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो हि तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फि तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हांकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दी है कि लचीला हम यहां पर अपना रुक दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन वो सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही वो साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाह हां तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो हां और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वह चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वो स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वह नहीं मांगेंगे तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को 4 से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वह सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने ं लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं य एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है व किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वो किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हाला कि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी ना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आ है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्रालयों की मांग कर दी है सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र य जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है यह खबर जो है वह सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद है आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधान मंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इन इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एम ओएस या छोटे जो मंत्रालय के माने जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां वह रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाऊ नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा अ दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और वह स्पीक कर बने थे अभी जो अ राममोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन नायडू के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वह उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडर शिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पे क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दी है उन्होंने ये भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो फ तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दि है कि लचीला हम यहां पर अपना रोख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो व वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो हां लेकिन वह सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वो स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही व साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और यह देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा यह कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वह बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही है इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उ कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांग े तो मनमाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तो यदि आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय ये ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं ये मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं कि नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक ये माहौल बने कि ये सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई पद कोई मंत्रालय किसी दूसरे को नहीं मिलेगा और स्पीकर के लिए भी मुझे बहुत कम संभावना लगती है कि वह किसी दूसरे सहयोगी दल को दे जी कुर्बान साहब नहीं देखिए ये अब वाजपेई जी के जमाने में जॉर्ज फर्नांडिस डिफेंस मिनिस्टर थे उनकी पार्टी के नहीं थे अब वो स्थिति नहीं है जो यूपीए में कांग्रेस पार्टी ने यह काम किया था कि सीसीएस में किसी सहयोगी दल को नहीं आने देना है और 10 साल तक उन्होंने जो सरकार चलाई हालांकि वो गठबंधन सरकार थी लेकिन उसमें कोई सहयोगी दल नहीं था नरेंद्र मोदी साहब की भी पहली ख्वाहिश तो यही होगी कि सीसीएस में कोई सहयोगी नाना आए लेकिन अब उस स्थिति में है नहीं क्योंकि हार्ड बारगेनिंग हो रही है ये आपने बहुत अच्छी जानकारी दी कि देखिए किस तरीके से अटल जी के समय में सीसीएस के अंदर जॉर्ज फर्नांडिस की भूमिका थी लेकिन उसके बाद जो गठबंधन सरकार यूपीए ने चलाई उसमें सीसीएस में किसी सहयोगी को जगह नहीं दी गई एनडीए सरकार की तैयारी है शपथ की बारी है और इस बीच टीडीपी सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है टीडीपी ने तेलगु देशम पार्टी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने छह बड़े मंत्री यों की मांग कर दी है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं टीडीपी की ओर से स्पीकर के पद पर भी दावा ठोक दिया गया है सूत्र ये जानकारी दे रहे हैं हर बात पर हमारा रुख लचीला है यह भी हालांकि टीडीपी की तरफ से कहा जा रहा है ये खबर जो है वो सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि टीडीपी ने अपना रुख लचीला रखा है लेकिन जो मांग टीडीपी की तरफ से की जा रही है छह बड़े मंत्रालयों पर दाव है स्पीकर के पद पर दाव है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी आशीष इस वक्त मौजूद हैं आशीष बताइए यह जो रुख लचीला रखा हुआ है मतलब मांग रहे हैं छह मंत्रालय और स्पीकर का पद लेकिन अगर नहीं मिलता तो भी कोई बात नहीं रहेंगे एनडीए के साथ ही यही संदेश दिया जा रहा है बिल्कुल सही आपने बिल्कुल सही कहा रोमाना उनका साफ है टीडीपी ने साफ कर रखा है टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू कल प्रधानमंत्री से मिले उनकी मुलाकात पियूष गोयल से हुई और उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट कह दिया है कि वो एनडीए के साथ है लेकिन इस दौरान इन मीटिंग के दौरान खास तौर पर टीडीपी ने आप यह बता दिया है यह इफॉर्म कर दिया है बीजेपी की लीडरशिप को कि उनको छह की पोर्टफोलियो चाहिए जो उनके स्टेट के आंध्र प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है हालांकि उन्होंने यह भी ऐड किया है उन्होंने यह भी कहा है कि हम लचीले हैं अपने इ इस डिमांड पर छह मंत्रालय तो हमें चाहिए की पोर्टफोलियोस हैं उसमें से कितने की पोर्टफोलियोस उनको मिलेंगे कितने अ एमओएलएसवाईएस जाते हैं वो उनके हिस्से आएंगे लेकिन छह जो संख्या है आधा दर्जन आधा दर्जन मंत्रालय की मांग उन्होंने टीडीपी ने साफ तौर पे बीजेपी की लीडरशिप को जता दी है बता दी है और कल पियूष गोयल से भी आपको याद होगा कि हमने रिपोर्ट किया कैसे अ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री एस सेन एलकेएम की मीटिंग के बाद सीधे चंद्रबाबू नायडू 50 अशोका रोड जहां व रुके हुए थे वहां आने के बजाय वह सीधे पियूष गोयल के पास पहुंचे पियूष गोयल से मुलाकात हुई उसके बाद उस उस मुलाकात में करीब आधे घंटे के से ज्यादा की लंबी मुलाकात में अलग-अलग राजनीतिक पहलुओं प बात हुई स्टेट से रिलेटेड बात हुई एलायंस से रिलेटेड बात हुई और उसके बाद जब 50 अशोका रोड पहुंचे चंद्र बाव नायडू तो उन्होंने हम हमसे भी बात की ऑफ रिकॉर्ड बात थी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये ऑफ रिकॉर्ड बातचीत है और उन्होंने जो राज्य के जो भविष्य की योजनाएं हैं चंद्रबाबू नायडू की अ क्योंकि वो चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर लौट रहे हैं आंध्र प्रदेश में और काफी मैसिव विक्ट्री मिली है उनको तो वह राज्य को लेकर और राज्य की राजनीति को लेकर ज्यादा कंसर्न है राज्य को कैसे ज्यादा फायदा में पहुंचे राज्य में उनकी सरकार को कैसे ज्यादा मदद केंद्र सरकार से मिले इस पर उनका फोकस है स्पीकर पद एक ऐसा दावा है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह टीडीपी चाहती है गौरतलब है कि पहले भी एनडीए के साथ टीडीपी जब थी तो जीएमसी बालयोगी पहले दलित स्पीकर टीडीपी के से आए थे और व स्पीकर बने थे अभी जो राम मोहन नायडू हैं स्वर्गीय अचन ना के बहुत बड़े कद्दावर टीडीपी के नेता रहे सांसद रहे अचन नायडू के बेटे हैं दो बार के सांसद है राम मोहन नायडू और उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उनको स्पीकर पद अगर टीडीपी के हिस्से स्पीकर पद आती है तो वो उनको मिल सकता है उनके लिए कंसीडर किया जा सकता है तो जाहिर तौर पे टीडीपी ने अपनी डिमांड आगे बता दी है बीजेपी की लीडरशिप को अब यह देखना होगा कि बीजेपी की लीडरशिप इन डिमांड्स को कैसे नेगोशिएट करती है कितना आगे पीछे होता है और क्या वा संख्या जो है फाइनल नंबर्स मिनिस्ट्री के अंदर या स्पीकर चेयर पर क्या टीडीपी के हिस्से आता है लेकिन टीडीपी ने अपनी मांग बता दिया उन्होंने यह भी ऐड कर दिया है कि हम लचीले हैं इस डिमांड के ऊपर बहुत शुक्रिया पूरी तस्वीर दर्शकों के सामने रखने के लिए आशीष और आइए जरा गेस्ट से रिएक्शन लेते हैं हम राजेश बादल जी यह टीडीपी की मांग छह मंत्रालय चाहिए हमको और साथ ही स्पीकर का पद चाहिए हमको लेकिन हमारा रुख लचीला भी है आप कैसे इंटरप्रेट करेंगे देखिए जो मेरी अपनी सूचना है उसमें स्पीकर के अलावा जो सबसे महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो है वह गृह का उन्होंने मांगा है अच्छा और होम उन्हें मालूम है कि आसानी से बीजेपी देने वाली है नहीं तो उन्होंने जो लचीला शब्द का इस्तेमाल किया है वो यह है कि गृह अगर नहीं तो तो फिर स्पीकर तो मांग ही रहे हैं वो स्पीकर क्योंकि देखिए क्या है हो सकता है कि मतलब उन्होंने दो ऐसी चीजों की डिमांड कर दिए कि लचीला हम यहां पर अपना रुख दिखा देंगे कि एक नहीं तो कम से कम एक तो दे दो वो वो एक दिखने के लिए तो यह है कि एक दे दो लेकिन व सत्ता में उस स्थान पर उस बिंदु पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जहां पर कई बार सरकार के अस्तित्व को चुनौती दी जाती है ठीक है तो इसलिए वोह स्पीकर चाहेंगे चाहे भले ही उस साल में एक बार नौबत आए लेकिन स्पीकर पर वो अपनी पकड़ बना के रखना चाहते हैं तो स्पीकर तो छोड़ेंगे नहीं वो और दूसरी चीज गृह के जब नहीं मिलेगा तो जो मेरी जानकारी है उसमें साइंस टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर होम और इंडस्ट्री बाकी एक दो छोटे डिपार्टमेंट है राखी जी मैं यही बात आपको कह रही थी हालांकि स्पीकर वाली बात इन्होंने कह दी और ये देखना जरूरी होगा कि आखिर इतना फोकस क्यों है कि स्पीकर का पद मिले और जैसा ये कह भी रहे थे कि अब वो स्पीकर की भूमिका जो है वर्तमान में वो बहुत इंपॉर्टेंट हो गई हाल के दिनों में भी हमने जो देखा है तो इसलिए चंद्रबाबू नायडू जो बहुत मुझे थोड़े समय पहले सब बहुत ऑब्जर्व करते रहे हैं बहुत चीजें उन्होंने खुद भी सही हैं इसको देखते हुए वो चाह रहे हैं कि स्पीकर का पोस्ट दूसरा जैसे सही कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री टेक इंडस्ट्री की भी मैं बात कर रही हूं वो भी उस पर भी उनकी नजर है क्योंकि उनका कल जो बयान आया था राकेश शुक्ला जी चंद्रबाबू नायडू का उसमें वो कह रहे थे साहब मैं भी अनुभवी राजनेता हूं इस तरीके से उन्होंने अपनी जवाब की शुरुआत की थी और यह अनुभव ही दिखाता है उनका कि वह स्पीकर का पद भी मांग रहे हैं और छह अहम मंत्रालयों की मांग भी कर रहे हैं देखिए जितना ज्यादा आप मांगेंगे तो कम से कम मिलने की गुंजाइश रहेगी तो इसलिए उनकी तरफ से छह इसलिए मांगा गया कि यदि वो नहीं मांगेंगे तो मनवाना दिया जाएगा कि आप यह रख लीजिए जहां तक बड़े पोर्टफोलियो की बात है तोय आप यूपीए गवर्नमेंट को चार से 14 का कार्यकाल देखें तो रक्षा मंत्रालय गृह मंत्रालय यह ऐसे मंत्रालय हैं जो मूल पार्टी अपने पास रखती है तो मुझे नहीं लगता कि गृह रक्षा वित्त जैसा मंत्रालय वो सहयोगियों को देंगे ठीक है विजय जी मतलब सीसीएस में एंट्री सहयोगियों को मिले आपको उसके कितने चांसेस लग रहे हैं और 4:1 वाला जो आप कह रहे थे अमूमन फार्मूला अप्लाई होता है इनकी तो मांग ही छह मंत्रालय मांग रहे हैं एक स्पीकर पद मांग रहे हैं य मुझे नहीं पता किसने आपको बताया है या हमारे सोर्सेस को कि छह मांग रहे हैं नहीं मांग रहे वो बातचीत इ एक इस तरह से की जाती है ताकि एक यह माहौल बने कि यह सारा चल रहा है और छह मांग भी रहे हैं तो उनको पता है कि कितनी उनको क्योंकि हर पॉलिटिकल पार्टी को अपनी ताकत का एहसास होता है वो बाहर किस तरह से माहौल बना रही है वो अलग चीज है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सीसीएस का कोई भी पद मतलब मंत्रालय जो बीजेपी है वो किसी सहयोगी दल को देगी इसका मतलब गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ये चारों में से कोई 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