Episode 1 ] Ic 814 The Kandahar Hijack Explained In Hindi | Story Men

कैसा हो कि आप एक प्लेन यात्रा कर रहे हो और वही प्लेन आपका हाईजैक हो जाए क्यों शॉक लगाना नहीं नहीं डरा नहीं रहा आप लोगों को बता रहा हूं और आज मैं लेके आ गया हूं आईसी 814 द कान हाईजैक का एपिसोड फर्स्ट तो बने रहिए मेरे साथ और देखते रहिए कि इंडिया का फर्स्ट एंड लास्ट हाईजैक कैसे हुआ था और कैसे लोगों को बचाया गया था ये कहानी है 24 दिसंबर 1999 की जहां पे आई 814 फ्लाइट जो है हाईजैक कर ली जाती है वो भी कहां से काठमांडू से अब सवाल ये था कि काठमांडू ही क्यों चुना गया इस फ्लाइट को हाईजैक करने के लिए क्योंकि काठमांडू जो है वो नेपाल में है और नेपाल टच है चाइना से और सारे जो पाकिस्तान वाले हैं वो भी चाइना की साथ मिले हुए हैं एंड इधर से अफगानिस्तान और बांग्लादेश भी साथ-साथ मिले हुए हैं तो काठमांडू सबसे सेफेस्ट जगह थी और आराम से यहां पे जो जुर्म है वो किया जा सकता और फिर इस हाईजैक को खत्म करने में टोटल सेवन डेज लग गए और इन सात दिनों में क्या-क्या हुआ आइए जानते हैं कहानी शुरू होती है काठमांडू शहर से जहां पे एक राम नाम के रॉक के ऑफिसर को कुछ शक होता है कि कुछ ना कुछ इन दिनों में जरूर होने वाला है एंड फिर वो जाते हैं अपने हेड के पास और बताते हैं कि कुछ ना कुछ जरूर गड़बड़ है मैंने कुछ लोगों को जो मेरी जानकारी में है उनको किसी से बात करते हुए दिखाए और वहां पे पांच ड्राइवर्स थे जिन्होंने कहीं ना कहीं एग्जीक्यूट किया है और लोगों से बातें की हैं तो कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर है और मैंने उनके कमरे में एक माइक भी फिट किया है जिस वजह से मुझे कुछ ना कुछ क्लू मिला है एंड वो बातें ये होती हैं कि जनाब आप नहीं जाएंगे प्लेन में और यह रिस्की हो सकता है आपकी ट्रेनिंग भी नहीं हुई है एंड फिर जो इंसान जाने की जिद कर रहा होता है वो गलती से नाम ले लेता है उस इंसान का और वो कहता है प्लीज मेरा नाम मत लीजिए एंड ये बात हमारी सीक्रेट है फिर होता ये है राम को शक होता है वो अपने हेड को बताता है पर उसका हेड जो है वो कुछ करता नहीं है और वो कहता है कि ठीक है तुम्हें जैसा अच्छा लगे वो करो एंड राम बार-बार बोल रहा होता है कि कुछ ना कुछ तो जरूर गड़बड़ है अब दिखाया जाता है एयरपोर्ट की कहानी जहां पे सारे जो पैसेंजर्स हैं एयरपोर्ट में रेस्ट कर रहे होते हैं क्यों क कि आज आई 814 जो है वो डिले थी इस वजह से ज्यादा टाइम लग रहा था और जो सारे हाईजैकर्स हैं वो आ चुके थे उस एयरपोर्ट पे अब दिखाया जाता है कैप्टन सहार देव को सहारण देव जो है वो इस फ्लाइट को फ्लाई करने वाले हैं एंड वो कहते हैं कि मैं अपनी फैमिली को हैदराबाद कॉल करके आता हूं तभी वहां पे एक एयर हॉस्टेस भी बोलती है कि मुझे भी अपने डैड को कॉल करना है चलिए मैं आपके साथ चलते हो एंड फिर शहर देव कहानी बताने लग जाते हैं कि मुझे तो इस साइट में होना ही नहीं चाहिए था और मैं तो कहीं और जाता पर मुझे इंफॉर्मेशन मिली कि मुझे काठमांडू से ये फ्लाइट दिल्ली ले जानी है इसलिए मैंने सोचा कि ठीक है मैं इस फ्लाइट को दिल्ली ले जाऊंगा उसके बाद होता ये है वो चले जाते हैं अपनी फैमिली को कॉल करने अब होता ये है राम को पता चल जाता है कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है एंड वो एयरपोर्ट पे फोन लगाता है काठमांडू के और कहता है कि उस प्लेन को बिल्कुल भी ना उड़ने दिया जाए जब तक मैं आ नहीं जाता लेकिन वो लोग कहते हैं कि देखिए फ्लाइट ऑलरेडी डिले हो चुकी है और हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं इसलिए इस फ्लाइट को हमें उड़ाना ही पड़ेगा अब दिखाया जाता है उसी एयरपोर्ट का एक क्रू मेंबर जो है वो बैग में कुछ तो चीजें लाता है एंड वो चीजें बिल्कुल भी ठीक नहीं लग रही होती है एंड वो एरोप्लेन के एक सामान रखने वाले कबर्ड में वो सारी चीजें डाल देता है एंड इस वजह से एयरोस देखती है कि यार ये आदमी तो कुछ जाना पहचाना सा तो नहीं लगता लेकिन वो इस बात पे ध्यान नहीं देती है क्योंकि वो एरोप्लेन में जरूरतमंद चीजें रख रही होती है जैसे वाटर बॉटल्स एंड ऑक्सीजन सिलेंडर्स इस वजह से उन्होंने इस बात पे इतना ध्यान नहीं दिया था अब दिखाया जाता है कि सारे लोग जो है उस एरोप्लेन में एंटर कर जाते हैं एंड फिर दिखाया जाता है दो एयर होसेस को जो कि है इंद्रानी एंड छाया ये लोग बातें कर रही होती है आपस में तभी पता चलता है कि सारे हाईजैकर्स जो हैं वो भी एंटर कर चुके हैं इस एरोप्लेन में देन अब ये प्लेन टेक ऑफ करने के लिए रेडी हो चुका था और इसमें दो मेंबर्स और थे जो कि फर्स्ट ऑफिसर एंड फ्लाइट इंजीनियर थे फर्स्ट ऑफिसर का नाम था सुनील सचदेवा एंड जो फ्लाइट इंजीनियर थे उनका नाम था राजेंद्र नांज अब होता ये है राम एयरपोर्ट वालों को बोल रहे होते हैं कि प्लीज उस एरोप्लेन को मत उड़ने दिया जाएगा लेकिन यहां पे वो लोग मानते नहीं है क्योंकि फ्लाइट ऑलरेडी डिले हो चुकी होती है अब इधर होता ये है हमारे जो कैप्टन है वो इस फ्लाइट को उड़ाने के लिए बिल्कुल रेडी हो जाते हैं एंड फिर रनवे पे ये प्लेन जो है वो रन करने लग जाता है राम आते तो हैं एयरपोर्ट भाग के पर सो बैडल ये एरोप्लेन जो था वो अब हवा में उड़ चुका था उसके बाद होता ये है सारे हाईजैकर्स जो है वो उठते हैं अपने-अपने साथियों को एक आदमी मिठाई का डिब्बा बांटता है एंड तभी होता ये है एक बंदा है जिसका नाम चीफ होता है वो जाता है एक आदमी के पास और कहता है कि क्या हम हाक कर ले एंड फिर उनको परमिशन मिलती है एंड सारे लोग गंस निकाल के पहुंच जाते हैं लोगों के पास साथ-साथ जो चीफ होता है वो पहुंच जाता है पायलट के पास और कहता है कि ये प्लेन हाईजैक हो चुका है इसको उड़ाते रहो और जब तक हम इंफॉर्मेशन ना दें तब तक इसको लैंड मत करना हमारा परमिशन मिलेगा तभी इसको लैंड करना वरना हम इस प्लेन को ग्रेनेट से उड़ा देंगे एंड सारे लोग जो हैं वो भी हाईजैक हो जाते हैं सब लोग डर जाते हैं और चिल्लाने लग जाते हैं यहां पे जो हाईजैकर्स हैं वो लोगों को मारने लग जाते हैं और बहुत सारे लोग जो हैं वो चोटिल भी हो जाते हैं अब होता ये है चीफ जो है वो कुछ समझ नहीं पाता है और वो कहता है कि इस प्लेन को हम काबुल ले जाएंगे अब होता ये है कैप्टन बोलते हैं देखिए इतना फ्यूल तो है नहीं हमारे पास हम काबुल नहीं जा सकते लेकिन अब वो मानता नहीं है और कहता है इसको उड़ाते रहो और काबुल लेके जाओ कैसे नहीं हो सकता ये होके रहेगा एंड देन सारे जो प्लेन के कैप्टंस है वो बोल रहे होते हैं देखिए ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता है प्लेन का इंजीनियर है वो भी कह रहा होता है कि फ्यूल है ही नहीं तो हम कैसे ले जा सकते हैं देन होता ही है वहां पे एक आदमी आता है और कहता है कि चलिए इसकी अल्टरनेट लोकेशन बताइए कि ये प्लेन कहां लैंड करेगा एंड देन ये लोग चौक जाते हैं कि इसको ये सब कैसे पता तब वो जो बंदा है वो काफी ज्यादा नॉलेजेबल इंसान है एंड वो फ्लाइट के बारे में बहुत सारी चीजें जानता है एंड देन वो कैप्टन से कहता है कि सब चीज अब स्पीकर पे बात होगी और सबको बताया जाएगा कि ये प्लेन हाईजैक हो चुका है तब जब स्पीकर पे उन्हें एक कमांड आती है तब वो टेररिस्ट बोलता है कि ये प्लेन हाईजैक हो चुका है जाओ जिसको बताना है बता दो और हम इस इस प्लेन को काबुल ले जा 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और मैं नहीं चाहता कि किसी को भी प्रॉब्लम और हम जल्दी ही घर पहुंच जाएंगे ये प्रॉमिस है मेरा आपसे अब हमारे जो कैप्टन हैं उनको अपनी फैमिली याद आ रही होती है लेकिन वो इग्नोर करते हैं और कहते हैं कि ठीक है पहले मेरे जो पैसेंजर्स है वो मेरी फैमिली है और शायद मैं उनको बचा सकता हूं रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो और एक्सटर्नल अफेयर्स सब मिलके पता लगाते हैं कि इन हाईजैकर्स ने क्यों ये प्लेन हाईजैक किया है एंड फिर इनको थोड़ा गट फीलिंग होती है कि मसूद नाम का जो बंदा है वो बंद है जम्मू की एक जेल में और मसूद जो है वो काफी ज्यादा खतरनाक इंसान है इसके साथ-साथ इसका तालिबानियों से कुछ रिलेशन जरूर है यह कश्मीर में दो आतंकवादी गुटों की सलाह और साथ-साथ इंडिया को खत्म करने की बात करने आया था यह इलीगली तरीके से आया था तो इसे अरेस्ट कर लिया गया जम्मू पुलिस की तरफ से इसको छुड़ाने के लिए तीन कोशिशें हो चुकी थी जो नाकाम हो गई थी लेकिन यह चौथी कोशिश थी जो हाईजैकर के रूप में निकल के आई थी इधर पूरा ब्यूरो रॉ सब के सब परेशान थे लेकिन कोई भी कुछ भी नहीं कर पा रहा था इसके साथ-साथ होता ये है हमारे जो कैप्टन है वो कहते हैं कि प्लीज हमें लैंड करने दीजिए वरना ये प्लान जो है वहीं क्रैश हो जाएगा और हम नहीं जा सकते काबुल आप समझने की कोशिश कीजिए पर हाईजैकर्स जो है वो समझ ही नहीं रहे होते हैं एंड देन होता ये है ये जो एपिसोड है यहीं खत्म हो जाता है तो अगले एपिसोड में क्या होगा ये देखने के लिए बने रहिए मेरे साथ आप लोगों को ये एपिसोड अच्छा लगा हो तो प्लीज वीडियो को लाइक कीजिए चैनल को कीजिए सब्सक्राइब और साथ-साथ प्लेलिस्ट आपके सामने आ रही है क्लिक कीजिए एंजॉय कीजिए

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