प्लेन को छोड़कर कूदने पर पायलट तो बच जाता है लेकिन कई करोड़ की प्लेन तबाह हो जाती है तो फिर पायलट को क्या सजा मिलती है दरअसल इमरजेंसी होने पर पायलट जान बचाने के लिए सीट इंजेक्शन सिस्टम को एक्टिवेट करता है जिससे सीट के नीचे लगी रॉकेट लांच हो जाती है और पायलट को 100 फीट की दूरी तक हवा में फेंक दिया जाता है जिससे पायलट को 14 से 20 ग्रेविटी का फोर्स लगता है इतना फोर्स लगने से पायलट की टांग भी टूट सकती है और गर्दन भी टूट सकता है और 20 से 30 पर पायलट की रिड की हड्डी टूट जा ती है जिससे वह कभी विमान उड़ाने लायक नहीं रहते हैं और जो ठीक बच जाता है उसे दोबारा विमान उड़ाने के लिए मिल जाता है