China Plus One- Opportunity for India

आप समझ लें कि जब आप गाड़ी चलती है सबसे बड़ा कॉस्ट तो ड्राइवर का कॉस्ट होता है पर किलोमीटर या पर आर कितना कॉस्ट अगर आप उसको ऑटोमेट कर दें तो गाड़ी चलाना बहुत सस्ता हो जाएगा अगर चीन उसमें सबसे आगे बढ़ जाता है तो कोई गाड़ी वाला कंपीट ही नहीं कर पाएगा अगर आप उस रेस में घुस ही नहीं तो चीन जिस तेजी से इन्वेस्ट कर रहा है आप कभी कंपीट ही नहीं कर पाएंगे सबसे बड़ा बदलाव चीन में यही आया डब्ल्यूटीओ जवाइन करने का क्योंकि ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स इतनी इतनी स्पीड से चीन में घुसे कि चीन मैन्युफैक्चरर्स का क्वालिटी क्वालिटी इंप्रूव हो गई तो जो इकोनॉमिक थ्योरी भी कहती है कि ओपनस ट्रेड ओपनस और और मैन्युफैक्चरिंग कंटिनेस और एक्सपोर्ट कंटिनेस जिस तरीके से वो इकॉनमी को अफेक्ट करते हैं उसमें फाइनेंशियल एलोकेशन और प्रोडक्टिविटी ग्रोथ यह दो सबसे बड़े मॉडल्स है [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] तो इससे आते हैं अभी अपने अगले टॉपिक पर ये तो ये चाइना कर रहा है हम अब बाकी देश जो है वो भी कुछ रिएक्ट करेंगे तो आपके हिसाब से क्या रिएक्शन होगा पर्टिकुलर हम स्टार्ट करते हैं कंजूमिंग कंट्री से फिर हम आएंगे मैन्युफैक्चरिंग कंट्री से जो मैंने कहा कि भाई वो जब जब श्री जिनपिंग का स्टेटमेंट आया कि 2049 में व विल बी द सुप्रीम पावर ऑफ द वर्ल्ड तो अमेरिका ने कहारे फिर हम क्या करेंगे उकी का झगड़ा शुरू हो गया और फिर ट्रंप बाबू आए उन्होंने कहा कि भाई 2000 में उन्होंने ट्रम टैरिफ लगाए कि भ जो भी हो जाए चीन के अगेंस्ट टैरिफ लगाएंगे हम अभी वो धमकी दे रहे हैं कि अगर फिर से राष्ट्रपति बन गए तो हम 60 प्र तारीफ लगा देंगे और अगर चीन ने अपनी करेंसी डीवैल्यू की उसको काउंटर करने के लिए तो फिर हम 100% वो है कि भाई कुछ भी हो जाए हम तो आपको आने नहीं देंगे बट इतना आसान नहीं है तो जो इकोनॉमिक एनालिस्ट बताते हैं ट्रंप टैरिफ के बाद भी जो परसेंटेज वैल्यू ड चीन का है ऑफ इंपोर्ट गोइंग टू द यूएस ग्लोबली मैन फैक्चरिंग शर बढ़ रहा है तो समझ में आ रहा है कक वो जापान से आसियान से यूरोप से अफ्रीका से मैन्युफैक्चरिंग शेयर खींच रहे हैं अमेरिका में भी अब क्या हो रहा है कि वो बस 40 किलोमीटर बॉर्डर क्रॉस करके वियतनाम में फैक्ट्री बना ली वियतनाम से एक्सपोर्ट कर रहे हैं और केवल रिबजिंग अलाउ नहीं की तो लास्ट मूमेंट में एक थोड़ा वो स्क्रू ड्राइवर लगा दिया कुछ लगा दिया बोला कि भाई हमारा नाम से वियतनाम से गया वैसे ही मेक्सिको से जा रहा है वैसे ही मोरक्को से जा रहा है तो यह सब चालू हो गया तो यह बैरियर लगाना भी बहुत मुश्किल है दूसरा तो जब इनको समझ में आया कि केवल टैरिफ से काम नहीं चलेगा तो इन्होंने फिर खुद से सब्सिडाइज करना शुरू किया तो जहा कहा कि भाई जो जो छोटी जो सेक्टर्स बहुत क्रिटिकल है जहां पर की उनकी मैन्युफैक्चरिंग को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है आप एक तरह से यह देखें फिलोसॉफिकली कि दुनिया की सबसे बड़ी समस्या अभी क्लाइमेट चेंज है तो अगर चीन कह रहा है कि भाई देखिए आप सोलर पावर सस्ते में बनाइए उसको सस्ते में स्टोर कीजिए बैटरी चीन के कारण ही दाम गिर रहे हैं और उस पावर को यूज करके मोबिलिटी बनाइए तेल जनाने की जरूरत नहीं है सब पोल्यूशन हम अपने यहां पे सोलर पैनल बनाने में कर लेंगे बाकी सब आपको सस्ते दाम प मुहैया करा दें क्या बुरा है मैं नहीं कह रहा कि बुरा नहीं है बट लोग लोग चीन कहेगा इसमें क्या बुरा है और कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि भाई इतनी बड़ी समस्या है चीन सस्ते में देने को तैयार है क्यों नहीं ले रहे उसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिस दिन भी आपने एक्सेप्ट कर लिया कि डोमेस्टिक इंडस्ट्री को जाने दो चीन से सस्ते में ले आओ धाम बढ़ने शुरू हो जाएंगे अच्छा दूसरी समस्या यह है कि कोई भी टेक्नोलॉजी एक जगह पर स्टैग्नेट करती नहीं है अब इलेक्ट्रिक व्हीकल इज नॉट द एंड गेम जैसे एक एक ईवी टॉल होता है लेटिंग कार्स बेसिकली फ्लाइंग कार उसमें क्या होता है कि बैटरी डेंसिटी जो है वो नॉर्मल इलेक्ट्रिक वेकल से दुगना होनी पड़ती है अब चूंकि पूरी की पूरी सप्लाई चेन जो है बैटरीज की अब चीनने हथिया ली है तो इनोवेशन भी ज्यादा वो कर रहे हैं तो वो जो डबल डेंसिटी वाली जो बैटरी है व चीन में ज्यादा बन रही है तो अगर चीन का ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का शेयर 60 प्र है तो ईवी टॉल का व 90 प्र तो जब हो सकता है पा साल बाद जब इलेक्ट्रिक व जब कार फ्लाइंग कार्स जब स्प्रेड आउट करना शुरू करेंगे चीन बहुत आगे होगा अभी सुनने में आ रहा है कि जो एक फुल सेल्फ ड्राइव का लच शायद अगस्त में होने वाला है आप समझ ले कि जब आप गाड़ी चलती है सबसे बड़ा कॉस्ट तो ड्राइवर का कॉस्ट होता है पर किलोमीटर या पर आर कितना कॉस्ट अगर आप उसको ऑटोमेट कर दें तो गाड़ी चलाना बहुत सस्ता हो जाएगा अगर चीन उसमें सबसे आगे बढ़ जाता है तो कोई गाड़ी वाला कंपीट नहीं कर पाएगा तो अगर आप उस रेस में घुस ही नहीं व चीन जिस तेजी से इन्वेस्ट कर रहा है आप कभी कंपीट ही नहीं कर पाएंगे तो इन वजहों से आपको डोमेस्टिक इंडस्ट्री क्रिटिकल चीजों में बनानी बहुत जरूरी है क्योंकि एनर्जी तो क्रिटिकल है एनर्जी के बिना जीडीपी ग्रोथ नहीं होगी तो हर इकॉनमी को रिस्प करना हो तोब वापस आते हैं कि अमेरिका क्या करेगा तो अमेरिका अब अपने इंडस्ट्री को फिस्कल सपोर्ट दे रहा है कि भाई आइए आपको हम टैक्स बेनिफिट दे देंगे हम ये दे देंगे कुछ कुछ ढांचे क्रिएट कर रहा है जो इंफ्लेशन रिडक्शन एक्ट जो हां इंफ्लेशन रिडक्शन एक्ट था उसमें बहुत सारे डब्ल्यूटीओ नॉर्म्स को वायलेट करने वाले प्रिंसिपल्स लगाए गए तो मैं एक एक डिनर में था सिंगापुर में 2022 दिसंबर में तो मेरे डिनर टेबल प एक कोरियन ट्रेड नेगोशिएटर था और एक यूरोपियन ट्रेड नेगोशिएटर थी दोनों एक दूसरे को चढ़ा रहे थे कि यार तुम अमेरिका के अगेंस्ट डब्ल्यूटीओ केस फाइल करो हम तुमको सपोर्ट करेंगे तो तो अमेरिका कर रहा है ये सब यूरोप के साथ क्या है कि उन लोगों ने एक तो वहां पे कंसेंसस बनाने में समय लगता है बिल्कुल तो उनका मोनेटरी यूनियन तो है इसलिए सब लोग उसको यूरोप बोलते हैं बट है तो अलग-अलग देश अलग पॉलिटिक्स है पॉलिटिकली तो अलग ही है पॉलिटिकली अलग है तो वहां पे कंसेंसस बनाने में बहुत समय लगता है और इसलिए वो रूल फॉलोअर है भाई अब डब्ल्यूटीओ के नॉर्म्स है तो फॉलो करो तो उन्होंने बहुत लंबा इन्वेस्टिगेशन किया तो लोग कह रहे हैं कि जो ईवीज प उन्होंने चीन के ईवी इंपोर्ट पे ड्यूटी लगाई है बड़ी रेवोल्यूशन है भाई 25 परो ड्यूटी मतलब क्या हो जाएगा और वहां पे समस्या यह है कि कुछ जर्मन कार मैन्युफैक्चरर्स हैं जिनका कि चीन में बहुत बड़ा प्रेजेंस है स्पेन की इलेक्ट्रिक व्हीकल और बैटरी स्टोरेज इंडस्ट्री जो है उसका डायरेक्ट कंपटीशन है फ्रांस की रनों का कोई ज्यादा चाइना में प्रेजेंस नहीं है तो फ्रांस और स्पेन कुछ और चाहते हैं जर्मनी कुछ और चाहता है और चीन उसमें फूड डाल रहा है जैसे उन्होंने रिटाइट टैरिफ जब लगाए बीफ पे तो मुझे भी जान के आश्चर्य हुआ कि शायद 60 70 प्र जो बीफ यूरोप से जाता है चीन वो स्पेन से जाता है अच्छा तो स्पेन को हिट किया जर्मनी को नहीं किया कि 10 साल बाद लगता है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल दैट इज द फ्यूचर स कुछ लोगों का अभी भी मानना है अभी थोड़ा वो बिलीव कम हो रही है क्योंकि लिथियम आयन बैटरी ऐसे गिर रही है कि उनलोगों को लग रहा है कि शायद उसकी जरूरत ना पड़े बट लोगों का मानना था कि लिथियम आयन एक और वो भी जो बैटरीज का अभी का स्ट्रक्चर जो है वो ट्रांजिटरी टेक्नोलॉजी है जैसे पाम पायलट एक ट्रांजिटरी टेक्नोलॉजी थी बट आईफो वाज द फाइनल बिग थिंग तो वैसे ही कि फ्यूल सेल इज द फाइनल डेस्टिनेशन ये तो ट्रांजिट टेक्नोलॉजी है हो सकता है ना हो बट अगर हो गया तो तो इसीलिए जो जो इकोनॉमिक प्यूरिस्ट है वो कहेंगे कि भाई इंडस्ट्रियल पॉलिसी तो फालतू है हु डिसाइड की ये इंडस्ट्री चलने वाली है जैसे चीन ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल में भी पैसे लगाए हुए हैं तो अगर नहीं चला तो ये सब जो कैपेसिटी है वो फालतू हो जाएगी 10 साल में बट आप उसी उम्मीद में लगे रहे कि भाई नहीं फ्री मार्केट विल रूल और फ्री मार्केट का एफिशिएंसी की एफिशिएंसी जो है व चलती रहेगी तो तब तक में तो होता है ना व दे विल कम एंड ईट योर लंच तो उनको भी अपने सिद्धांत छोड़ने पड़ रहे हैं जो लीडर ऑफ द फ्री वर्ल्ड वो खुद अब एक्टिव इंडस्ट्रियल पॉलिसी प्रोटेक्शन जम वो सब पर आ गया है तो जो जो ग्लोबल इकोनॉमिक एनवायरमेंट था जो पॉलिसी एनवायरमेंट था जो जिसमें कि हम सब बड़े हुए हैं और जो कन्वेंशन था मुझे लगता है अगले पा 10 वर्षों में यह पूरी तरह से बदल जाएगा और पूरी तरह से बदल जाएगा तो जैसे पिछले तीन चार दशक में ग्लोबलाइजेशन काफी बड़ा है तो इसकी संभावना है कि आगे चलके एक्चुअली थोड़ा रि हो जाए और जो सारे देश जो है वो इनवर्ट लुकिंग हो जाए सबकी सब खुद की इंडस्ट्री बना पॉलिसी बनाए और डोमेस्टिक इंडस्ट्री को सपोर्ट हा देखिए कुछ लोगों का मानना है कि वैसा होगा उस पर मैं यही कहूंगा व जूरी आट मतलब वो उस एक्सट्रीम पर जाना थोड़ा मुश्किल लगता है जैसे मैंने कहा कि वह चीन के अगेंस्ट भी लोग काम कर रहे हैं ब चीन को ऑफसेट नहीं कर पा रहे इकोनॉमिक फोर्सेस वेरी पावरफुल वो उनको पूरी तरह से काउंटर करना बहुत मुश्किल होता हैल है तो अब अगर जैसे क्या हुआ है कि टाइम एडजस्ट कॉस्ट ऑफ एयरलाइन ट्रेवल इज डाउन बाय 90 पर इन द लास्ट 50 इयर्स कहने का मतलब कि अगर एक कोई मजदूर है या वर्कर है उसको कितने घंटे कमाना पड़ता अगर उसको मान लीजिए लंदन से न्यूयॉर्क फ्लाई करना है अगर उसको एक समय में पहले 100 तो अभी उसको 12 घंटे 12 घंटे करना पड़ता तो अब क्या है कि अगर क्रॉस बॉर्डर ट्रैवल इतना सस्ता हो गया है या मैन्युफैक्चरिंग में कंटेनराइजेशन के कारण बड़े-बड़े शिप्स के कारण एफिशिएंसी के कारण इंफॉर्मेशन ट्रांसफर के कारण थडी कुछ भी इतने सारे एफिशिएंसी आ गई है कि इनको पूरी तरह से काउंटर करना बहुत मुश्किल है और गवर्नमेंट्स भी ऑल पावरफुल नहीं होती हैं आप समझ ले कि जैसे मैं कल एक एंकर कर रहा था एक्सपर्ट को इंडस्ट्रियल पॉलिसी पे तोय जान के आश्चर्य हुआ कि ये एक स्विंग स्टेट मिशिगन है यूएस में प्रेसिडेंशियल पॉलिटिक्स में आपको पता है कि वो ह एक आप पूरा स्टेट जी जीत लेते हैं मतलब वो फर्स्ट पास्ट द पोस्ट विद इन द स्टेट उसके आगे वो पूरा स्टेट आपका है अब मिशिगन बहुत क्रिटिकल स्टेट है मिशिगन में सभी गाड़ी गाड़ियों की कंपनी है तो आप कुछ भी कह ले वो आईसी कार जो है लोकल पॉलिटिक्स में वो बहुत इंपोर्टेंट है बिल्कुल इसलिए पूरी तरह से मार्केट फोर्सेस का का एक्ट करना भी मेरे ख्याल से बहुत मुश्किल होगा बट यह जरूर होगा कि थोड़ी फ्रेगमेंटेशन जैसे हो सकता है कि अमेरिका और य जो फ्रें शरिंग का कांसेप्ट है कि भाई अगर कि हम इंडिया से अलाव करेंगे बट इंडिया को यह करना होगा कि चाइनीज इंपोर्ट कंपोनेंट जो है चाइनीज कंटेंट कट कंटेंट जो है वो कम करें उसमें भी जीरो नहीं कर सकते तो आप 100 का 70 कर दे या 50 कर दे 40 कर दे तो तो यह सब होगा बट 20 साल बा हम कहां पहुंचेंगे वो कहना मुश्किल है बट यह जरूर है कि जितनी तेजी से ग्लोबलाइजेशन स्प्रेड कर रहा था एटलीस्ट गुड सप्लाई चेंस में वो अब स्लो हो जाएगा और उसका पहले सिग्नल दिखने लगे हैं पूरी तरह से रिवर्स होगा कि नहीं ये ये गलत होगा मेरे ख्याल से इट इ टू अर्ली टू सेट अब नीलक हमने बात करी ये कंजूमिंग कंट्रीज की अब चलते हैं कि जैसे भारत को क्या करना चाहिए इस इस सिचुएशन में सो भारत को सेक्टर्स पहले तो एक कंप्रिहेंसिव स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि बनानी चाहिए कि इस सिचुएशन में हम हमारे इंटरेस्ट में क्या है तो एक एक तरीका हो सकता है इस बारे में सबको चर्चा करनी होगी बट मेरे हिसाब से एक एक एक फ्रेमवर्क हो सकता है कि आप गुड्स को तीन भाग में बांट दे एक जिसमें कि अगर चीन से आपको सस्ते में कुछ मिल रहा चीन से आपको इन्वेस्टमेंट मिल रही है आप ले ले अगर हम एनर्जी इंपोर्टर हैं हमें अगर जो बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम कहते हैं कि भ आप रिन्यूएबल एनर्जी और बैटरी स्टोरेज को मिला के अगर 3.3 अभी एक दो महीने पहले 3.11 प बीडिंग हुई थी य आपको 247 पावर रिन्यूएबल एनर्जी के बैटरी स्टोरेज के साथ कुछ 400 मेगावाट का 3.11 प आया था अभी कुछ दिन पहले हुआ और 3.4 की पर किलो ये सब कोल प्रोड्यूस पावर से सस्ता है और ये ढांचा चलता रहा तो कुछ लोग कह रहे हैं कि जो अभी 7 डॉलर पर किलोवाट आर पर लिथियम आयन बैटरी है हो सकता है कि पाछ साल में वो 25 या 30 हो जाए तो फिर क्या क्या बुराई है तो आप आप ले ले बट ये जरूर रखें कि भाई डोमेस्टिक सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी डोमेस्टिक बैटरी थोड़ा सा कि आप पूरी तरह डिपेंडेंट ना हो जाए बट वो सब आपको कोशिश करते रहनी होगी बट आप पूरी तरह रेजिस्ट करेंगे तो आप ही का नुकसान है अगर जैसे स्टील मैन्युफैक्चरिंग हैन चीन में स्टील की भी कैपेसिटी एक्स्ट्रा है अब स्टील तो ऐसा है नहीं कि कोई उसमें टेक्नोलॉजी जो बनाने की कुछ नहीं को नया आजाद हो रहा है अगर हमारे पास भी 1 स मिलियन टन 15 करोड़ टन अगर हम स्टील बना सकते हैं तो अगर 25 30 मिलियन टन कभ बनाएंगे तो क्या हो जाएगा और अगर उसके कारण अगर क्योंकि स्टील तो इंटरमीडिएट गुड है अब वो शिप बिल्डिंग में जाता है मशीनरी में जाता है गाड़ी बनाने में जाता है कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में जाता है अगर आप उसको उसपे इपोर्ट ड्यूटी लगा देंगे और स्टील बहुत महंगा हो जाता है तो आपका फिर जो कंज्यूमर ड्यूरेबल है या शिप्स है या कार्स है इन सबका एक्सपोर्ट का मार्केट जो वक हो जाएगा तो इंटरमीडिएट गुड्स में आपको जरूर वो वो कॉल लेनी पड़ेगी तो य यय कैटेगरी हुई जहां पर आपको इन तरह के डिसीजन लेने होंगे दूसरा है कि जहां आपको जो आपके अस्तित्व के लिए मतलब यू ो जो क्रिटिकल टू योर सर्वाइवल आपके के लिए बहुत जरूरी है करना सेमीकंडक्टर से आप ठीक है अभी सेमीकंडक्टर बहुत बहुत अर्ली स्टेज प है हमारी पहली फैब्स में ग्राउंड ब्रेकिंग हुआ है कुछ कुछ महीने पहले पैकेजिंग प्लांट्स में पहला आउटपुट छ महीने में निकलेगा उसमें हमें 152 साल तक मेहनत करनी होगी बहुत पैसे डालने होंगे बहुत पैसे बर्बाद होंगे बट उसका व उसके बिना ऑप्शन नहीं है हमें अपनी चिप डिजाइन कंपनी प्रमोट करनी होंगी बहुत सारा रिसर्च करना पड़ेगा जिससे डोमेस्टिक इकोस सिस्टम बन सके क्योंकि ये बहुत कॉम्प्लेक्शन है जो इसमें हमारी प्रेजेंस बहुत कमजोर है तो इसको आप नहीं बनाएंगे तो आप जिओ पॉलिटिकली वीक हो जाएंगे कोई भी आपको आम ट्विस्ट कर सकता है कि भाई यह कीजिए नहीं तो आपको हम चिप देना बंद कर देंगे तो आपको डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता होनी चाहिए तीसरा कैटेगरी है जहां आपको जॉब्स क्रिएट करने हैं जैसे अब कुछ चीजों में आप बिना जॉब क्रिएट किया मतलब आपको खुद की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए और आई वुड से इक्विटेबल इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए कि मतलब वह सबको साथ लेकर चलने वाली ग्रोथ के लिए आपको जॉब क्रिएशन करना है उसके लिए अगर आपको सब्सिडी देनी पड़ रही है तो आपको देनी पड़ेगी बट य सब इसमें कुछ भी स्ट्रेट फॉरवर्ड नहीं है मेरे हिसाब से भारत को एक तो आई थिंक आर एनडी रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्रांडिंग प्रोडक्ट डेवलपमेंट और साथ ही साथ एक बहुत बड़ी स् जो है भारत की कि हमारे सर्विसेस एक्सपोर्ट्स हमारे मैनपावर ऐसे समय में जब जापान में साउथ कोरिया में यूरोप में यूएस में लोगों की कमी हो रही है इटली में किसान भारत से जा रहे हैं तो ऐसे में एक एक स्ट्रीमलाइन प्रोसेस बनाना जिससे कि ट्रेंड वर्कर्स भारत से उ उन देशों में जा सके तो हमें नए मॉडल्स भी क्रिएट करने होंगे जिससे कि हम ग्लोबल ग्रोथ में और स्ट्रंग पार्टिसिपेट कर पाए क्योंकि जो जो जो मॉडल चीन ने एंप्लॉय किया बहुत हद तक हम नहीं कर सकते हैं उस तरह का एक्सप्लोइटेशन वर्कर्स का पूरा एक जनरेशन वर्कर्स का अभी तो क्या है कि उनके पास प्राइसिंग प आ गई है तो वहां वो शायद डिमांड कर रहे हैं बट एक जनरेशन वर्कर्स का पूरा अपने घर के बाहर काम करके बहुत ही डोमेट्री में रह के 12 12 घंटा छ के दिन हफ्ते में काम करके किसी तरह से उन्होंने ये वेल्थ क्रिएट किया है चीन में उस तरह एक्सप्लोइटेशन और वन साइडेड इंडस्ट्रियल ग्रोथ मेरे ख्याल से हम सस्टेन नहीं कर पाएंगे हमें करना भी नहीं चाहिए लेकिन नई अपॉर्चुनिटी आएंगी तो जैसे जो मैंने कहा सर्विसेस ग्रोथ मैन पावर एक्सपोर्ट्स इन सब चीजों को यूज करके हम अपनी ग्रोथ को सस्टेन कर सकते हैं तो हमें नए और इनोवेटिव एक्सपोर्ट मॉडल भी खोजने पड़ेंगे एक आखरी सवाल नीलकंड की भारत आज एक साढ़े च ट्रिलियन इकॉनमी है हम कभी ना कभी ट्रिलियन के लेवल पर हमें पहुंचना है तो यह जो एक हमारी हमारा सफर है तो इसमें यह चाइना प्लस वन कितना महत्व रखता है यह बहुत ही इंपोर्टेंट सवाल है सी चाइना प्लस वन आई थिंक एक एक एक तरह से एक सिंबल है कि हम हमारी मैन्युफैक्चरिंग कितनी कंपट है हा बिल्कुल मैन फैक्चरिंग और एक्सपोर्टस और एक्सपोर्ट एक्सपोर्ट्स का ऐसा है ना एंड एंड आई एम ग्लैड यू आस्क दैट कि जैसे अगर हम चार से 20 जा रहे हैं तो 16 ट्रिलियन अगर इकॉनमी में ऐड करना है मेरे हिसाब से डायरेक्ट एक्सपोर्ट्स और सब्सीट्यूशन ऑफ इंपोर्ट्स जैसे ये भी है ना कि जैसे मान लीजिए अभी हम अ अगर 30 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट कर रहे हैं बट वो एक्सपोर्ट करने के लिए केवल उस एक्सपोर्ट के लिए हम शायद 2425 बिलियन डॉलर इंपोर्ट करते हैं कर तो अगर हम डोमेस्टिक कंपोनेंट इकोसिस्टम बना ले तो हो सकता है कि उसमें हम चार पाच बिलियन डॉलर और कम इंपोर्ट करें तो उससे भी डोमेस्टिक वैल्यू ड बढ़ता है तो इंपोर्ट सब्सीट्यूशन और एक्सपोर्ट के ग्रोथ के थ्रू मेरे हिसाब से इन 16 ट्रिलियन में एक डेढ ट्रिलियन से ज्यादा मे बी मैक्सिमम दो ट्रिलियन बाकी तो हमें खुद ही डोमेस्टिक डिमांड से क्रिएट करना है अच्छा चीन का भी वही हुआ है आप देखें गुड स्ट्रेट सरप्लस अगर उनका अभी 100 बिलियन डॉलर है 999 बिलियन डॉलर है पिछले महीने का आप उसको एनलाइज भी कर दें कहे कि भाई अगले 12 महीना इतना ही करेंगे उतना नहीं होगा उतना ही करेंगे तो 1.2 ट्रिलियन होता है ये 20 ट्रिलियन की इकॉनमी है चीन की और सर्विसेस में उनका डेफिसिट है तो करंट अकाउंट प उतना सरप्लस नहीं है तो केवल एक्सपोर्ट्स और इंपोर्ट सबट के बेसिस प आप पूरी इकॉनमी नहीं चला सकते एक्सपोर्ट कंपट यानी कि आपके आपके जो मैन्युफैक्चरर्स हैं जो आपकी फैक्ट्रीज है वह ग्लोबली कंपट लेवल पर कुछ बना सकती हैं इसका डोमेस्टिक बहुत फायदा होता है सी सबसे बड़ा बदलाव चीन में यही आया डब्ल्यूटीओ जवाइन करने का क्योंकि ग्लोबल मैन्युफैक्चरर इतनी इतनी स्पीड से चीन में घुसे कि चीन के मैन्युफैक्चरर्स का क्वालिटी क्वालिटी इप्रू हो गई तो जो इकोनॉमिक थ्योरी भी कहती है की ओपनस ट्रेड ओपनस और और और मैन्युफैक्चरिंग कंटिनेस और जो जो जो कहते हैं एक्सपोर्ट कंपने द चैनल थ्रू विच और जिस जिस तरीके से वह इकॉनमी को अफेक्ट करते हैं उसमें फाइनेंशियल एलोकेशन मैं समझाऊ इसको और और और प्रोडक्टिविटी ग्रोथ यह दो सबसे बड़े मॉडल्स है जैसे मान लीजिए कि हमें दवा बनानी है अब हमारे दवा के मैन्युफैक्चर भी थोड़े हैं महानुभाव की वो यूएस के लिए अलग फैक्ट्री बनाते हैं इंडिया के लिए अलग फैक्ट्री बनाते हैं यहां की क्वालिटी खराब होती है बट अगर हम इंश्योर कर सकते हैं कि उस तरह के मैन्युफैक्चरर्स को कि मतलब एक ही क्वालिटी में बनाए उसी तरह से मान लीजिए कि अगर हमने अ एक्सपोर्ट क्वालिटी अ गाड़ियां बना रहे हैं हम तो अगर हम ग्लोबली बेस्ट क्वालिटी गाड़ी बना रहे हैं तो हमारी डोमेस्टिक गाड़ियां भी अच्छी हो जाएंगी अी हो जाएंगी उसमें मेंटेनेंस कम लगेगा उसका टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप कम हो जाएगा टोटल कॉस्ट ऑफ मोबिलिटी कम हो जाएगा तो तो वैसे ही अगर हम दवा की कंपनी अगर जो ग्लोबल स्टैंडर्ड की दवा बनाते हैं वह अगर इंडिया की में भी वही दवा बेचने लगे थोड़ा दाम बढ़ सकता है लेकिन उसे फिर प सेट विच दे बिकम इफेक्टिव दवाओं का एफीकेसी वो सब इंप्रूव होने लगती है तो इसका असर केवल कितने बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट्स में आए उस परे नहीं पड़ता है उसका असर पड़ता है कि आपने आपकी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस जो है कितनी एफिशिएंट है और कितनी हाई क्वालिटी है दूसरा रिसोर्स एलोकेशन कि अगर आपको लोन देना है किसी को अब चीन का की स्ट्रेटजी तो एकदम ही अलग है क्योंकि उनका इकोनॉमिक मॉडल अलग है बट किसको लोन देना है अगर आप ग्लोबली कंपट नहीं है आपको लोन नहीं मिलेगा और इससे क्या होता है कि जो भी सेविंग्स है उनका डिप्लॉयड वो और एफिशिएंट हो जाता है तो तो मेरे हिसाब से हम लोगों को अपना अपने अपनी पॉलिसी ऐसी रखनी चाहिए कि हम ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस को कितनी तेजी से इंडिया में अडॉप्ट कर सकते हैं जो मॉडल जो इकोनॉमिक मॉडल में वो वो हो सकता है उसको हमें एक्सपेड इट करना होगा जो कि हमने अपने पॉडकास्ट पर बहुत बार चर्चा की है कि हमारे पास अथाह समय नहीं है हमारे पास 30 साल है 30 साल है जिसमें हमें किसी तरह से विकसित बन जाना है तो उसके लिए जरूरी है कि हम जितनी तेजी से ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस मैन्युफैक्चरिंग में सर्विसेस में ला सकते हैं जितनी तेजी से डोमेस्टिक आर एनडी स्किल्स आर एनडी कैपेबिलिटीज स्किल डेवलपमेंट ह्यूमन डेवलपमेंट मतलब इंप्रूव हेल्थ केयर सैनिटेशन यह सब अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर जितनी तजी से बना सकते हैं वह हमारे लिए उतना अच्छा होगा नीलक धन्यवाद इस चर्चा के लिए विषय था हमारा आज का चीन प्लस वन जिसमें हमने शुरुआत करी चीन के इकोनॉमिक मॉडल को समझने से फिर हम आए कि चीन प्लस वन कहां से आया और उसका ओरिजिन उसके ओरिजिन क्या थे हमने यह बात करी कि चीन खुद क्या कर रहा है और यह बहुत ही इंटरेस्टिंग कन्वर्शन था कि एक्चुअली चीन प्लस वन के बाद उनका उनकी जो शेयर है ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग व एक्चुअली बढ़ गई है घटने के अलावा और वो इसलिए हुआ है क्योंकि वह नए टेक्नोलॉजी और नए एरिया ग्रोथ एरिया में वो डोमिनेट कर गए अपने कंसिस्टेंट इन्वेस्टमेंट की वजह से हमने यह भी बात करी कि बाकी देश कैसे रिएक्ट करेंगे जो कुछ देशों ने टैरिफ लगाना चालू कर दिया है कुछ देश अपना इंडस्ट्रियल पॉलिसी बना रहे हैं और हमने अंत में यह बात की कि इसके भारत पे क्या इंप्लीकेशंस है भारत को क्या करना चाहिए जहां आपने काफी सारी चीजें बताई अ और एक महत्त्वपूर्ण चीज आपने बताई कि कुछ है जो हम हमें चीन से इंपोर्ट कर लेना चाहिए कुछ है जो इंटरमीडियरी है बट कुछ क्षेत्र है जो हमें हमें भी कुछ इन्वेस्टमेंट्स करना है हमें भी प्राइज करना है और हमें अपने लिए एक ग्लोबल लेवल पे एक बेंचमार्क सेट करना है अ बहुत ही बढ़िया चर्चा रही नीलकंड धन्यवाद आपका धन्यवाद थैंक यू फॉर लिसनिंग इन टू दिस एपिसोड ऑफ ओपन डायलॉग आई होप यू एंजॉयड दिस एस मच एस वी एंजॉयड ब्रिंगिंग इट टू यू वी आर ओवरवे बाय द रिस्पांस दैट वय रिसीवड एंड रियली लुक फॉरवर्ड टू योर कमेंट्स एंड फीडबैक डू लाइक एंड सब्सक्राइब टू आवर चैनल टू कीप ट्रैक ऑफ न्यू एपिसोड दैट आर कमिंग थ्रू थैंक यू [संगीत]

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Trump Threatens to Impose Tariffs on Countries Opposed to the US Dollar ( #shorts )

Category: News & Politics

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Apple & Google Must Pay $17B in Fines to the EU | The Opening Trade 09/10

Category: News & Politics

Intro nana: an hour away from the opening trade. here's what you need to know. apple reveals its latest ai powered iphone in the tech giant waits for an eu ruling over a possible 30 billion euro tax bill. chinese equity head for their lowest close in more than five years as bearish sentiment grips the... Read more

🌀 Typhoon Shanshan: Japan's Strongest Storm Yet? 🇯🇵  #news #japan #nature #typhoon  #usa thumbnail
🌀 Typhoon Shanshan: Japan's Strongest Storm Yet? 🇯🇵 #news #japan #nature #typhoon #usa

Category: News & Politics

Japan facing its strongest typhoon ever typhoon shan shan packed winds up to 180 km per hour over 5.2 million people have been ordered to evacuate as the storm batters the region with torrential rain and destructive gusts the typhoon has already claimed three lives with one person missing and 45 injured... Read more

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August 25: Hurricane Harvey Hammers Houston

Category: News & Politics

[music] [applause] i have mentioned that there are two hurricanes that are equal to one another monetarily as the costliest of their kind in american history hi i'm chris may writer producer and host of this day in weather history now in its second year from the weather network in canada with that we... Read more

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2024 Election Showdown: Trump vs. Kamala on Fracking, January 6th, and Democracy

Category: News & Politics

If she won the election fracking in pennsylvania will end on day one just to finish one thing so important in my opinion so i got the oil business going like nobody has ever done before they took when they took over they got rid of it started getting rid of it and the prices were going up the roof they... Read more