अस्सलाम वालेकुम नाजरीन अफगानिस्तान की कदीम सरजमीन सदियों से पोशीदा राजों और पुसर कहानियों का मरकज रही है यहां के पहाड़ मैदान और गारें ऐसी दास्ताने सुनाते हैं जिनकी हकीकत को समझना माहरीन के लिए भी एक चैलेंज है यहां से मिलने वाली नायाब अश्या ने ना सिर्फ माज को रोशन किया बल्कि दुनिया को इस खिता की अजमत से भी रूसना कराया है जो आज हमारी वीडियो का हिस्सा है लिहाजा इन पुसर दरयाफ्त के मुतालिक जानने से पहले आपसे गुजारिश है कि वीडियो को शुरू से लेकर आखिर तक जरूर देखें नाजरीन हाल ही में अफगानिस्तान में एक कदीम शहर दरयाफ्त हुआ है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह माजी के एक खौफनाक साने का गवाह है इस शहर को चीख का शहर भी कहा जाता है और मकामी रिवायत के मुताबिक यहां सदियों पहले एक गलनाक वाकया पेश आया था जिसने इस जगह को हमेशा के लिए पुरे सार बना दिया माहरीन ने इस शहर के खंरा को हाल ही में दरयाफ्त किया है जिनमें शिकस्ता इमारतें और दीवारें शामिल हैं जो शायद चंगेज खान के हमले का शिकार हुई थी 1221 में इस शहर के मुहास के दौरान चंगेज खान के पोते की मौत हुई थी जिसके बाद चंगेज खान ने इस पूरे शहर को तबाह कर दिया और आज भी यहां के खंरा में चीख की बाजग सुनाई देती है माहरीन का कहना है कि इस शहर की दरयाफ्त ना सिर्फ अफगानिस्तान की तारीख में एक आहम इजाफा है बल्कि यह जगह अब भी अपने पुर सरार और खौफनाक माजी की कहानी सुनाती है इसके अलावा अफगानिस्तान की रेत के नीचे 2000 साल तक दफन रहने वाला शहर हाल में एक और पुसर मोड़ पर दरयाफ्त हुआ है जिसने तारीख के तालब इल्म बल्कि पुर सरार तहकीकात हलकों को भी हैरान कर दिया है यह शहर कभी यूनानी तहजीब की अजमत का निशान होता था लेकिन इसके कुछ हालिया दरयाफ्त शुदा हिस्से ऐसे शवा हैद पेश करते हैं जो मावरा अकल है माहरीन ने यहां ऐसी चीजें पाई हैं जिनकी विजा रिवाय तारीख से मुमकिन नहीं है इनमें अजीबोगरीब धात के टुकड़े और पेचीदा ढांचे शामिल है जिन्हें जदीद टेक्नोलॉजी से भी समझना मुश्किल हो रहा है कुछ लोगों का खल है कि यह बाकिया ना सिर्फ यूनानी तहजीब की हैं बल्कि यहां हजारों साल पहले किसी गैर जमीनी मखलूक की मौजूदगी का इशारा मिलता है मकामी रिवायत भी इस इलाके को पुर सरार मानती हैं यहां रात के वक्त रोशनिसेक्स कर देती थी यह दरयाफ्त मजीद सवाल उठा रही है कि आया यह शहर यूनानिमिटी मखलूक की मदाखू के वजूद पर भी सवालात उठाती है नाजरीन सन 2002 में अफगानिस्तान के सूबे कंधार के सलाख पहाड़ों में एक ऐसा वाकया पेश आया जिसने दुनिया भर के साजी नजरिया और खुफिया तहकीकात हलकों को मुतजेंस फीकी फौजियों को वहां एक ऐसी मखलूक का सामना हुआ जो आम इंसानी अकल से बाला तर थी यह कोई आम दुश्मन नहीं बल्कि एक देयो हिकल इंसान नुमा मखलूक थी जिसकी लंबाई 12 से 15 फुट के दरमियान थी इस मखलूक के हाथ में एक बहुत बड़ा खारदे जा था जिसे वो महारत से इस्तेमाल कर रही थी फौजी दस्ते जब इस मखलूक के सामने आए तो इनके लिए यह गैर मुत वक्के और खौफनाक लमहा था कहा जाता है कि यह मखलूक ना सिर्फ जिस्मानी तौर पर ताकतवर थी बल्कि इसके वजूद से एक पुसर दहशत भी महसूस की जा रही थी कई फौजियों ने इस मखलूक की आंखों में एक गैर इंसानी चमक देखी रिपोर्ट के मुताबिक अमरकी फौजियों ने इस पर गोलियों की बारिश कर दी मुकाबला तवील और शदीद था लेकिन बिलखिरिया ने इसे शिकस्त दे दी जैसे ही यह मखलूक गिरी फौजी इसके करीब पहुंचे और इसकी गैर मामूली जिस्मानी साख को देखकर हैरान रह गए इसका जिस्म आम इंसानों से कहीं ज्यादा मजबूत और कदीम नजर आ रहा था और इसके हाथ में मौजूद नेजा भी किसी जदीद दौर का नहीं बल्कि किसी कदीम जंगी दौर की यादगार लग रहा था असल मोहिमा तब शुरू हुआ जब इस मखलूक की लाश को हेलीकॉप्टर के जरिए एक ना मालूम मकाम पर ले जाया गया फौजियों को हुकम दिया गया कि वह इस वाकए के बारे में किसी से बात ना करें उस मखलूक की लाश का क्या हुआ इसका कोई रिकॉर्ड आवामी दस्तावेज में मौजूद नहीं है यह वाकया जल्द ही हुकूम राज के पर्दे तले छुपा दिया गया और इसके बाद इसके बारे में कोई मालूमात मंज आम पर नहीं आई इस वाकए के बाद साजी नजरिया ने जोर पकड़ लिया कुछ लोगों का ख्याल है कि यह देवकल मखलूक किसी कदीम दौर की बाकिया थी जो हजारों सालों से जमीन की तय में छुपी हुई थी और अचानक किसी ना मालूम वजह से दोबारा जाहिर हो गई जबकि कुछ लोग यहां तक मानते हैं कि यह मखलूक किसी गैर जमीनी मखलूक या मावरा ताकत की नुमाइंदा हो सकती है और अमरीकी हुकूमत ने इसकी हकीकत को पोशीदा रखने के लिए इसे फौरन काबू में कर लिया और कंधार का यह वाकया एक सा महिमा है जो दुनिया की नजरों से अभी तक छुपा हुआ है मजज दोस्तों इसके अलावा अफगानिस्तान के एक दूर दराज इलाके में हालही में एक पुरे सार दरवाजा दरयाफ्त हुआ है जिसने माहरीन और मकामी लोगों के होश उड़ा दिए हैं इस कदीम दरवाजे पर अजीबोगरीब किस्म की शैतानी तसा वर और नकशो निगार कुंदा है जो अपनी नोई में बिल्कुल मुनफरीद और खौफनाक है यह दरवाजा जो बजहर कई सदियां या हजार साल पुराना है कुछ लोगों का ख्याल है कि यह किसी कदीम तहजीब का हिस्सा था जो जो मावरा या शैतानी कुतों की इबादत करती थी हालिया तहकीक के मुताबिक यह मुमकिन है कि यह दरवाजा किसी कदीम रस्मो रिवाज या शैतानी अकाद के साथ जुड़ा हो जो सदियों पहले खत्म हो चुके हैं लेकिन इनकी बाकिया अब भी इस दरवाजे पर कुंदा है यह दरवाजा अपनी पुर सरयत और खौफनाक नकू के साथ एक ऐसा मोहिमा बन चुका है जो ना सिर्फ अफगानिस्तान की तारीख बल्कि दुनिया भर के महक कीन के लिए एक नया चैलेंज बन चुका है नाजरीन सन 1978 में अफगान अस्तान के एक शुमाली सूबे में सोवियत अफगान मिशन के दौरान एक ऐसा सुनहरी खजाना दरयाफ्त हुआ जिसने दुनिया भर के माहरीन को हैरत में डाल दिया इस खजाने में 6000 से जयद नवाद दत शामिल थे जिनमें सोने चांदी और हाथी दांत से बनी कीमती एशिया शामिल थी यह खजाना कदीम दौर की एक ऐसी तहजीब से ताल्लुक रखता है जिसका दौर पहली सदी कबल मसीह से पहली सदी ईसवी तक फैला हुआ है इस खजाने की दरयाफ्त ना सिर्फ अफगानिस्तान की कदीम तारीख के एक आम पहलू को रोशना करती है बल्कि यह उस मुल्क के लिए एक उम्मीद की किरण है जो जंग और तबाही के तवील दौर से गुजरा हो इस खजाने में शामिल कीमती जेवरात सोने की मूर्तियां और नायाब दस्तकारी की अश्या इस बात का सबूत है कि अफगानिस्तान का यह खिता एक जमाने में तिजारत और तहजीब का मरकज था यह खजाना अफगानिस्तान की तकदीर बदलने की सलाहियत रखता है इसकी माली कदर तो बेहद ज्यादा है लेकिन इसकी तारीखी अहमियत कहीं बढ़कर है अगर इस खजाने की मुनासिब देखभाल की जाए और इसके जरिए मुल्क की तारीखी विरासत को दुनिया के सामने पेश किया जाए तो यह अफगानिस्तान की बैनल अकवाबा दे सकता है मायरीन का ख्याल है कि इस खजाने की नुमाइश और इसकी तारीखी अहमियत को उजागर करके अफगानिस्तान ना सिर्फ सहत को फरोग दे सकता है बल्कि दुनिया भर में अपनी सकाफी अहमियत को भी दोबारा तस्लीम करा सकता है मजीद यह कि इस खजाने की दरयाफ्त के बाद इस खिता में मजीद खुदाई और तहकीक की जा सकती है ताकि यहां मौजूद दीगर कदीम तहजीब के आसार को भी मंज आम पर लाया जा सके यह खजाना अफगानिस्तान की तारीख को एक नई जिंदगी दे सकता है बल्कि मुस्तकबिल में मुल्क की तरक्की और खुशहाली के लिए भी एक अहम किरदार अदा कर सकता है जी तो प्यारे दोस्तों यह थी हमारी आज की वीडियो लेकिन इस हवाले से आप दोस्तों की राय क्या कहती है कमेंट सेक्शन में हमारे साथ शेयर जरूर कीजिएगा इंशा अल्लाह आपसे मुलाकात होती है अगली वीडियो में तब तक अपना आसपास के लोगों का अपने रों का ढेर सारा ख्याल रखिएगा अल्लाह निगेहबान