सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी महिला | Astronaut Sunita Williams Life Story 2024🤗😇

Published: Aug 24, 2024 Duration: 00:02:57 Category: Entertainment

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सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो राज्य के यूक्लिड शहर में हुआ था उनका पूरा नाम सुनीता पंड्या विलियम्स है उनके पिता दीपक पंड्या भारतीय मूल के थे और गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखते थे उनकी माता का नाम बोनी पंड्या है जो कि बोस्टन की रहने वाली हैं सुनीता ने नीड हाई स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की उसके बाद उन्होंने 1987 में अमेरिकी नेवल अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनीता ने अमेरिकी नौसेना में एक अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की उन्होंने यहां हेलीकॉप्टर पायलट की ट्रेनिंग ली और अपने करियर की शुरुआत एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में की 1978 में सुनीता का चयन नासा के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए हुआ उन्होंने कड़ी ट्रेनिंग ली और 2006 में पहली बार अंतरिक्ष यात्रा की उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस पर अपनी पहली उड़ान एसटीएस 16 सन के दौरान की जो कि 10 दिसंबर 2006 से 22 जून 2007 तक चली इस मिशन के दौरान उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष में लगभग 185 दिनों का समय बिताया इसके साथ ही सुनीता ने सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला का रिकॉर्ड भी बनाया सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल सात बार स्पेसवॉक किया जि जिन का कुल समय 50 घंटे और 40 मिनट था इसके साथ ही उन्होंने महिला अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे लंबे स्पेस वॉक का रिकॉर्ड भी बनाया उन्होंने अपने स्पेसवॉक के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर विभिन्न मरम्मत और रखरखाव कार्य किए सुनीता का दूसरा मिशन 2012 में हुआ जब वह सोयूज टी एमए 05 एम से अंतरिक्ष में गई और एक्सपीडिशन 32 और 33 के हिस्से के रूप में आईएसएस पर लगभग 127 दिन बिताए इस मिशन के दौरान उन्होंने कई और स्पेस वॉक किए क्षेत्र में अधि माइकल जे विलियम्स से हुआ है वे ना केवल एक शानदार अंतरिक्ष यात्री हैं बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी हैं जिन्होंने अपने अद्वितीय साहस और समर्पण से लाखों लोगों को प्रेरित किया है उन्हें उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं जिनमें पद्म भूषण भी शामिल है जो उन्हें भारत सरकार द्वारा 2008 में प्रदान किया गया था सुनीता विलियम्स की कहानी साहस दृढ़ संकल्प और असीम संभावनाओं की एक प्रेरणादायक गाथा है उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता अगर उसे सच्चे दिल से पूरा करने की ठान ली जाए उनकी कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं

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