रूस लगातार यूक्रेन के खिलाफ घातक मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है इस क्रम में रूस ने यूक्रेन पर मंगलवार को भी सटीक हमला करने वाली दो मिसाइलें दागी हैं जिन्होंने भारी नुकसान पहुंचाया यूक्रेन ने भी रूस के इस हमले की पुष्टि की और इसे एक बेहद घातक हमला बताया रूस अब परमाणु ऊर्जा से संचालित होने वाली क्रूज मिसाइल 9m 370 रिबनिक का निर्माण कर रहा है इस घातक मिसाइल को फ्लाइंग चेरो नोबल भी कहा जाता है यह मिसाइल असीमित रेंज की वजह से चिंता का कारण बनी हुई है क्योंकि यह दुनिया में कहीं भी हमला करने की क्षमता रखती है और इसीलिए इसे मौत की मशीन भी कहा जाता है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियार से लस इस मिसाइल को अजय बताया है इस मिसाइल की मदद से रूस अमेरिका समेत दुनिया के किसी भी हिस्से को पलक झपकते ही तबाह कर सकता है अमेरिका के दो रिसर्चस ने रूस की 9m 370 बुरे बनिक मिसाइल की तैनाती वाली जगहों का पता लगाया है बताया गया है कि रूस ने इसकी तैनाती मॉस्को से करीब 475 किमी उत्तर में स्थित लगदा 20 और चेप सारा में की है खबर है कि इन जगहों पर पहले मिसाइलों में लगने वाले परमाणु बमों को रखा जाता था कितनी घातक है 9m 370 बुरे वैस्क मिसाइल रूस के सबसे विवादित हथियारों में 9m 370 बर बसंग मिसाइल शामिल है जिसे राष्ट्रपति पुतिन ने मार्च 2018 में पहली बार दुनिया को दिखाया परमाणु हमले के लिए डिजाइन की गई इस मिसाइल में परमाणु ऊर्जा से चलने वाला इंजन लगा हुआ है जो इसकी रेंज को असीमित बना देता है इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज के मुताबिक इसकी रेंज 20000 किमी तक हो सकती है इस रेंज की मदद से यह रूस से धरती के किसी भी हिस्से पर हमला करने में सक्षम होगी इस मिसाइल को छोटे ठोस धन वाले रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है बताया गया है कि यह मिसाइल कई दिनों तक हवा में रह सकती है लॉन्च के समय मिसाइल की लंबाई 12 मीटर होगी जिसके उड़ान के दौरान घटकर 9 मीटर रह जाने की बात कही जा रही है 50 से 100 मीटर की ऊंचाई तक उड़ने वाली यह मिसाइल विमान की तरह अपनी दिशा बदल सकेगी जिसकी वजह से एयर डिफेंस सिस्टम को भेद पाना भी आसान हो जाएगा जमीन से अगर इस मिसाइल को हवा में नष्ट भी किया जाए तो वह भी यह काफी तबाही मचाएगा मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 9m 370 मिसाइल कई बार अपने टेस्ट में फेल हो चुकी है 2016 में इसके 13 टेस्ट हुए जिसमें से सिर्फ दो ही आशिक रूप से सफल हो सके 2019 में हुआ टेस्ट जब फेल हुआ तो भारी मात्रा में रेडिएशन लीक हुआ जिसमें पांच रूसी परमाणु विशेषज्ञ की मौत हुई इन मौतों के बाद ही इसे उड़ता चरनो बिल कहा गया [संगीत]