Karl Marx Part II | Dialect Materialism | Marxism | Marxism and Religion |

Published: Sep 12, 2024 Duration: 00:30:16 Category: Education

Trending searches: marxism
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम अस्सलाम वालेकुम आज कार्ल मार्क्स के लेक्चर का पार्ट टू है कल हमने पहला पार्ट किया था जिसमें हमने इसके दो फिलॉसफी को डिस्कस किया था जो क्लास स्ट्रगल और सरप्लस वैल्यू थी आज का यह लेक्चर जो है इसमें हम डायलेक्ट मैटेरियलिज्म प बात करेंगे मार्क्सिज्म को देखेंगे और कार्ल मार्क्स का जो रिलीजन के बारे में जो इसके तारातरा कार्ल मार्क्स का अगला नजरिया जो था वो डायलेक्ट मैटेरियलिज्म के बारे में था और यह बहुत इंपॉर्टेंट उसकी फिलॉसफी है और आपके एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू से भी बहुत इंपॉर्टेंट है और इस परे बहुत दफा क्वेश्चन पूछे गए हैं तो आए देखते हैं कि कार् मार्क्स का डायलेक्ट मैटेरियलिज्म का कांसेप्ट क्या है मैटेरियलिज्म इज द सोशियोलॉजिकल और फिलोसॉफिकल डॉक्ट्रिन दैट ओनली द मटेरियल फिजिकल वर्ड नीड्स बी और कैन बी यूज्ड इन एक्सप्लेनेशन ऑफ सोशल प्रोसेस एंड इंस्टिट्यूट कि जो मादत है और जो फिजिकल नीड्स हैं उनको इस्तेमाल किया जा सकता है इस चीज को एक्सप्लेन करने के लिए कि किसी भी सोसाइटी के अंदर सोशल प्रोसेसेस क्या है या उनके इंस्टीट्यूशंस क्या है तो यहां पे फोकस जो है वह सिर्फ मटेरियल और फिजिकल चीजों के ऊपर है वो कांसेप्चुअल चीजों के ऊपर नहीं जाते वो हाइपोथेटिकल चीजों के ऊपर नहीं नहीं जाते उनका फोकस सिर्फ यह होता है कि जो फिजिकल चीजें हैं या फिजिकल नीड्स हैं उनको इस्तेमाल किया जाए बाकी चीजों को एक्सप्लेन करने के लिए या मटेरियल थिंग्स जितनी भी है उनको इस्तेमाल किया जाए टू एक्सप्लेन द सोशल प्रोसेसेस तो इसमें फोकस जो है वो मटेरियल चीजों के ऊपर है डायलेक्ट मैटेरियलिज्म को अगर समझने की कोशिश करें तो डायरेक्ट मैटेरियलिज्म इज अ डॉक्ट्रिन व्हिच सेज दैट ओनली टेक्निकल चेंजेज इन द एंड मींस ऑफ प्रोडक्शन कॉज डेवलपमेंट एंड चेंज इन द सोसाइटीज एंड इकोनॉमी मोड्स ऑफ प्रोडक्शन है उनके अंदर अगर टेक्निकल चेंजेज आए बुनियादी तब्दीलिया टेक्निकल बेसिस पर आए तो उसकी वजह से डेवलपमेंट होती है और यह सोसाइटीज और इकॉनमी फिर चेंज होती है तो डायलेक्ट मैटेरियलिज्म की डॉक्ट्रिन का कहना यह है कि जो भी डेवलपमेंट होती है या जो भी चेंज आती है सोसाइटी में या किसी मशत में उसके पीछे टेक्निकल चेंजेज होती है तो टेक्निकल चेंजेज जो है वही तरक्की का बायस है टेक्निकल चेंजेज ही सोसाइटीज में तब्दीली लाती है और टेक्निकल चेंजेज ही इकॉनमी में तब्दीली लाती है तो ये है डायलेक्ट मैटेरियलिज्म इस फिलॉसफी के मुताबिक डायलेक्ट मैटेरियलिज्म की फिलॉसफी के मुताबिक दुनिया में तब्दीली सिर्फ और सिर्फ जो मोड्स ऑफ प्रोडक्शन है उनमें अगर टेक्निकल चेंजेज आए उस वजह से मुमकिन है बाकी वह किसी और चीज को चेंज का बायस नहीं मानते डायलेक्ट मींस आर्ट ऑफ इन्वेस्टिगेटिंग द ट्रुथ बाय डिस्कशन एंड लॉजिकल आर्गुमेंट तो ये डायरेक्ट हमने जब हैगल की फिलॉसफी पढ़ी थी तो वहां भी हमने डायलेक्ट को डिटेल में डिस्कस किया था कि डायलेक्ट क्या होता है डायलेक्ट इज अ प्रोसेस बाय चच ट्रुथ इ अनवी डायलेक्ट वो प्रोसेस है जिसके जरिए सच्चाई तक पहुंचा जाता है जिसके जरिए हम हकीकत तक पहुंच सकते हैं जिसके जरिए हम रियलिटी तक पहुंच सकते हैं तो डायलेक्ट मटेरियल जम वालों का यह मानना है के सच्चाई तक पहुंचने के लिए हकीकत तक पहुंचने के लिए रियलिटी तक पहुंचने के लिए हमें वो मटेरियल चीजों का सहारा लेना पड़ता है मार्क्स इंटरप्रेट हिस्ट्री ऑन द बेसिस ऑफ मरियम तो मार्क्स ने चकि यह डायलेक्ट मैटेरियलिज्म कांसेप्ट दिया था तो वह इंटरप्रेट करता है कि हिस्ट्री जो है वह मैटेरियलिज्म की बुनियाद पे जो है उसको इंटरप्रेट किया जा सकता है हिस्ट्री की वजाहत डायलेक्ट मैटेरियलिज्म की वजह से की जा सकती है हिस्ट्री की वजाहत मैटेरियलिज्म और उसमें जो टेक्निकल चेंजेज आई है मोड्स ऑफ प्रोडक्शन में उनके जरिए हिस्ट्री को इंटरप्रेट किया जा सकता है ही सेज ओनली रियलिटी इज मैटर मार्क्स कहता है कि जो मैटर है मादा है मटेरियल चीजें हैं वही रियलिटी है सिर्फ वही रियलिटी है इसके अलावा और कोई रियलिटी नहीं है ऑल ह्यूमन सिस्टम रिवल राउंड मैटर और जितने भी इंसान ने सिस्टम बनाए हैं जितने भी इंसान ने इंस्टीट्यूशंस बनाए हैं वो स्वभाव जितने भी हैं वो मटेरियल के पीछे या मैटर के पीछे वो मैटर के गिर्द घूमते हैं वो मैटर का किसी ना किसी तरीके से उनके साथ ताल्लुक है इंसानी हिस्ट्री के साथ इंसानी इतका के अमल के साथ इनी डेवलपमेंट के साथ और इसकी प्रोग्रेस के साथ वो कहता है कि किसी ना किसी तरीके से यह मैटर जुड़ा हुआ है और मैटर के गिर्द तमाम चीजें घूमती है जितने ह्यूमन सिस्टम्स है वह मैटर के गिर्द घूमते हैं या मादत के गिर्द घूमते हैं अब इसकी वजाहत के लिए वह पुअर और रिच की एग्जांपल देता है किस तरह वसाय जो है कुछ लोगों को अमीर कर देते हैं और कुछ लोगों को गरीब कर देते हैं जो लोग वसाय काब होते हैं वो अमीर होते हैं और जो उनके महकूटा है कि एक अमीर क्लास होती है गरीब क्लास होती है और अमीर इसलिए अमीर होते हैं कि वो मसाइल पर काब होते हैं वो मोड मोड ऑफ प्रोडक्शन जो है वो उस परे काब होते हैं और पुअर इसलिए पुअर होते हैं कि वो उनको वेजेस कम मिलती है या उसको जो सरप्लस वैल्यू है उसमें से हिस्सा कम मिलता है तो वो तमाम डेवलपमेंट को कार्ल मार्क्स जोड़ता है विद मटेरियल थिंग्स मेजर एस्पेक्ट इज इन इकोनॉमिक एक्सपेक्ट तो सबसे बड़ा एक्सपेक्ट जो है वह इकॉनमी है ह्यूमन लाइफ रिवॉल्व अराउंड इकॉनमी इंसानी जिंदगी तमाम तर मशत के गिर्द घूमती है मशत पिटल पोजीशन है इंसानी जिंदगी में बाकी तमाम चीजें इस एक चीज के गिद घूमती है ऑल द लीगल टिकल सोशल रिलीजस सिस्टम ऑफ द सोसाइटी इज रेगुलेटेड बाय द इकोनॉमिक कंडीशन ऑफ द सोसाइटी कार्ल मार्क्स का कहना यह है कि किसी भी सोसाइटी के अंदर जितने भी सिस्टम है वो लीगल सिस्टम हो वो पॉलिटिकल सिस्टम हो वो सोशल सिस्टम हो व रिलीजस सिस्टम हो यह तमाम सिस्टम्स उस सोसाइटी की इकॉनमी या जो मशत की कंडीशन है जो हालत है माशी हालत है वो उस रेगुलेट करती है अगर मशत अच्छी है म मशत पावरफुल है तो वहां का लीगल सिस्टम भी पावरफुल होगा पॉलिटिकल सिस्टम भी पावरफुल होगा सोशल रिलीजस इंस्टिट्यूशन भी पावरफुल होंगे अगर किसी सोसाइटी की इकोनॉमिक कंडीशन खराब है वहां पॉवर्टी है तो उसके बाकी तमाम सिस्टम भी जो है वह उससे इन्फ्लुएंस होंगे वह सिस्टम कभी भी उस मुल्क के जहां पर पॉवर्टी है बाकी सिस्टम्स कभी भी उसके स्ट्रांग नहीं हो सकते तो कार्ल मार्क्स का कहना ये है कि इकॉनमी एक पिटल पोजीशन है और यह तमाम सिस्टम्स को इन्फ्लुएंस करती है तमाम सिस्टम उस एक इकॉनमी के गिर्द रिवॉल्व करते हैं ऑल सॉर्ट ऑफ सोशल पॉलिटिकल लीगल एंड रिलीजियस सिस्टम आर सबोर्डिनेट टू इकोनॉमिक इंड यह तमाम सिस्टम्स इकॉनमी के ताबे हैं यह तमाम सिस्टम वहां की मशत जो है या मशत की जो हालत है उसके ताबे हैं तो यह किसी हाद तक कार्ल मार्क्स का कहना ठीक भी है कि जो अब हम अगर देखें दुनिया में तो जितनी इकॉनमी स्ट्रांग है वहां के बाकी सिस्टम भी स्ट्रांग है और जिन मुल्कों की इकॉनमी वीक है उनके बाकी सिस्टम भी वीक है इकॉनमी डायरेक्ट इन्फ्लुएंस करती है बाकी सोसाइटी के बाकी तमाम सिस्टम्स के ऊपर इकोनॉमिक फैक्टर्स आर द फंडामेंटल फैक्टर्स व्च गवर्न होल सोसाइटी स्ट्रक्चर एंड इकोनॉमिक फोर्सेस आर द अल्टीमे पावर तो डायलेक्ट मैटेरियलिज्म का जो क्रक्स है जो निचोड़ है वह यह है कि इकोनॉमिक फैक्टर्स ही फंडामेंटल फैक्टर्स है और यही तमाम सोसाइटी के स्ट्रक्चर को कंट्रोल करते हैं और इकोनॉमिक फोर्सेस ही अल्टीमेट पावर है और जो सोसाइटी इकोनॉमिक फोर्स रखती है इकोनॉमिक पावर रखती है तो वही उसके पास ही अल्टीमेट पावर है तो यह इसका क्रक्स है डायरेक्ट मटेरियल जम का अब अगर एनालिसिस करें इकोनॉमिक फैक्टर के तो कार्ल मार्क्स कहता है के हर सोसाइटी के अंदर कुछ प्रोडक्शन फोर्सेस होती है प्रोडक्शन फोर्सेस आर लिविंग एंड नॉन लिविंग यह दो तरह की होती है एक लिविंग है और एक नॉन लिविंग है और जो नॉन लिविंग है उसको जो लिविंग है उसको व इन एनिमेट फोर्सेस का नाम देता है और जो नॉन लिविंग है उसको इन एनिमेट का नाम देता है तो दो तरह की फोर्सेस हैं एनिमेट फोर्सेस जो हैं वो लेबर है इंजीनियर्स हैं इन्वेस्टर्स हैं या दूसरे लफ्जों में कह सकते हैं कि ये ह्यूमन बीइंग्स है एनिमेट जो फोर्सेस हैं वो ह्यूमन बीइंग्स हैं और इन एनिमेट जो है वो नॉन लिविंग है जिसके अंदर उनके टूल्स हैं जिसके अंदर उनके कैपिटल्स हैं जिसके अंदर रॉ मटेरियल है जिसके अंदर वो साइट है जहां पे उन्होंने प्रोडक्शन यूनिट लगाना है या जहां पे उन्होंने मैस प्रोडक्शन करनी है तो दो तरह की फोर्सेस हैं और यह दोनों फोर्सेस मिलके किसी सोसाइटी के अंदर प्रोडक्शन फैक्टर बनाती हैं और यह प्रोडक्शन फैक्टर जो है यह वहां की इकॉनमी को डिटरमिन करते हैं दूसरी चीज वो कहता है किसी भी सोसाइटी के अंदर वो कंडीशंस हैं जिनके तहत चीजें प्रोड्यूस होनी और इन कंडीशंस में वो कहता है कंडीशन ऑफ प्रोडक्शन इज काइंड ऑफ गवर्नमेंट लॉस कि गवर्नमेंट ने लॉज किस तरह के बनाए हुए हैं एंड ग्रुपिंग ऑफ सोशल क्लासेस और सोशल क्लासेस के ग्रुप कौन-कौन से बने हुए हैं तो बेसिकली जो वहां पर इकॉनमी का स्ट्रक्चर है सोशल स्ट्रक्चर है या गवर्नमेंट की ला रेजीम है या उसको कह सकते हैं हम कि लीगल स्ट्रक्चर है यह तीन स्ट्रक्चर मिलकर फैसला करते हैं कि उस मुल्क में कंडीशन ऑफ प्रोडक्शन क्या है अगर ला फेवरेबल कर रहे हो सोशल क्लासेस जो है वो फेवर हो ग्रुप फेवरेबल हो और लीगल रेजीम जो है वह इनेबलिंग हो और एनवायरमेंट अच्छा प्रोवाइड किया हुआ हो तो वहां पर प्रोडक्शन जो है व फ्लोरिश करेगी द सम टोटल ऑफ द प्रोडक्शन फोर्सेस एंड कंडीशंस ऑफ प्रोडक्शन मेक द इकोनॉमिक स्ट्रक्चर च फदर डिटरमिन द अदर अब जो कंडीशन है वहां पर जो गवर्नमेंट ने ला रेजीम बनाई हुई है जो वहां के प्रोडक्शन फोर्सेस है में ह्यूमन बीइंग्स है या कैपिटल है उनका तो ये प्रोडक्शन जो है यह सारा दारोमदार इसका जो है यह उसके मुलक के इकोनॉमिक स्ट्रक्चर के ऊपर है अगर यह फेवरेबल है तो इसी स्ट्रक्चर ने आगे जाकर उस सोसाइटी के बाकी स्ट्रक्चर्स को डिटरमिन करना है अगर यह फैक्टर्स अच्छे होंगे इकोनॉमिक स्ट्रक्चर साउंड होगा तो बाकी स्ट्रक्चर सोसाइटी के भी अच्छे होंगे और ये डायरेक्ट इन्फ्लुएंस करता है बाकी स्ट्रक्चर्स के ऊपर अगर इकोनॉमिक स्ट्रक्चर बुरा होगा वहां पर जो प्रोडक्शन फोर्सेस जो है वो ठीक ना हो लेबर ठीक ना हो मैनेजमेंट ठीक ना हो टेक्निकल लोग ना हो और दूसरा इन एनिमेट फोर्सेस ना हो कैपिटल ना हो उनके पास उनके पास प्लेस ना हो और मैस प्रोडक्शन की फैक्ट्रीज ना हो तो फिर जो इकोनॉमिक स्ट्रक्चर है उसका वह कभी दुरुस्त नहीं हो सकता और अगर इकोनॉमिक स्ट्रक्चर दुरुस्त ना हो तो फिर सोसाइटी के बाकी स्ट्रक्चर्स भी दुरुस्त नहीं हो सकते विद द डेवलपमेंट द मटेरियल फोर्सेस ऑफ प्रोडक्शन इन सोसाइटी कम इन कॉन्फ्लेट विद कंसीक्वेंट सोशल रेवोल्यूशन यर्स जैसे जैसे तरक्की होती जाएगी तो वो मटेरियल फोर्सेस जो है जिसमें एनिमेट और इन एनिमेट फोर्सेस है वो फोर्सेस जो है वो सोसाइटी के साथ कॉन्फ्लेट में आती जाए और यह कॉन्फ्लेट वही है जिसकी वो क्लास स्ट्रगल की बात करता है और यह क्लास स्ट्रगल अल्टीमेटली एंड अप होगी जाके उसके रेवोल्यूशन के ऊपर जहां पर इक्वलिटी आएंगी और फिर जो प्रोलिटेरिएट है व रिवॉल्ट करेंगे और बजवा क्लास से उनके मोड ऑफ प्रोडक्शन छीन लेंगे तो वो कहता है कि ये उसने थेरी जो है डायरेक्ट मटेरियल जम की ये यूज की है हिस्ट्री का तमाम जितना भी है जर्नी या हिस्ट्री की जो भी डेवलपमेंट हुई है उसको समझाने के लिए विद द डेवलपमेंट द मटेरियल फोर्सेस ऑफ प्रोडक्शन ंड सोसाइटी कम इन कॉन्फ्लेट एंड टली सोशल रेवोल्यूशन अपीयर्स तो वो कहता है कि इसका कल्मिनेटिंग पॉइंट जो है वो रेवोल्यूशन है रेवोल्यूशन ऑफ द प्रोलिटेरिएट जो डिप्रेस्ड क्लास है उसका रेवोल्यूशन अगेंस्ट द पप्र क्लास गरीब लोगों का पुअर का प्रोलिटेरिएट का वर्किंग क्लास का रेवोल्यूशन अगेंस्ट दी बजवा क्लास या अगेंस्ट दी कैपिट तो इसका वो कहता है कि अंजाम जो है वो सारा यही है कि यह लोग जो है वो रिवॉल्ट करेंगे और वो रिवॉल्ट जो है वो किसी भी सोसाइटी के अंदर उस वक्त होता है जब इन इक्वलिटी ज्यादा हो जाए और प्रोलिटेरिएट को या वर्किंग क्लास को उनका ड्यू शेयर जो है इकॉनमी में वो ना दिया जाए अब इसके बाद मार्क्स का जो कांसेप्ट है कि मार्क्सिज्म के जो फीचर हैं उसपे मार्क्स ने काफी ज्यादा बातचीत की है जिसके अंदर सबसे ज्यादा जो उसके है पोलिटिकल इकोनॉमिक आइडियल जीी ऑफ कार्ल मार्क्स इज कॉल्ड मार्क्सिज्म अगर हम मार्क्सिज्म की बात करें तो जो उसने आइडियल जीी दी है कार्ल मार्क्स ने उसको मार्क्सिज्म कहा जाता है और इसमें जो उन्होंने पॉइंट दिए हैं डिफरेंट हेडिंग के अंदर वो है निगेशन ऑफ द कैपिट जम सबसे पहले जो मार्क्स का पहला पॉइंट है कि वो कैपिट ज्म को नेगेट करता है वो कैपिट ज्म के सख्त खिलाफ है वो कहता है कैपिट ज्म में जो बजवा क्लास है वो या एलीट क्लास है या कैपिटल है वो एक्सप्लोइटेशन करते हैं पुअर की वो एक्सप्लोइटेशन करते हैं वर्किंग क्लास की तो एक तो पहला उसका नेगेट करता है वह कैपिट जम को फिर वो कम्युनिस्ट सोसाइटी को एक आइडियल स्टेट मानता है कम्युनिस्ट सोसाइटी में जहां पर रिसोर्सेस जो है वो सारे पुल अप किए जाए और हर शख्स अपनी सलाहियत कार के मुताबिक कंट्रीब्यूट करे और हर शख्स को उसकी नीड के मुताबिक जो है वो गवर्नमेंट चीजें प्रोवाइड करे कि हर शख्स से उसकी काबिलियत के मुताबिक या कैपेबिलिटी के मुताबिक उससे काम लिया जाए और हर शख्स को उसकी नीड्स के मुताबिक चीजें दी जाए तो वो आइडियल मानता है ऐसी सोसाइटी को जो एक कम्युनिस्ट सोसाइटी हो जहां पे मींस ऑफ प्रोडक्शन जो है वो गवर्नमेंट के कंट्रोल में हो और कोई शख्स जो है वो मोड ऑफ प्रोडक्शन जो है वो उसका मालिक ना हो और तमाम लोग वहां पे जो है वो शेयर करें चीजों को और चीजें नेशनलाइज्ड हो और स्टेट ओन करे सारी चीजों को और स्टेट फिर हर शख्स से उसकी इस्तता के मुताबिक काम ले और उसकी जरूरत के मुताबिक उसको चीजें प्रोवाइड करें फिर वो कहता है कि डिक्टेटरशिप ऑफ द प्रोलिटेरिएट कि जो प्रोलिटेरिएट है वो चकि उनकी एक्सप्लोइटेशन होती है इसलिए वो एक्सप्लोइटेशन जब आपनी एक्सट्रीम प पहुंच जाती है तो फिर उनके पास कोई और वे आउट नहीं होता सवाय इसके कि वो फिर एक रेवोल्यूशन लाए और रेवोल्यूशन लाने के बाद वो प्रोलिटेरिएट की डिक्टेटरशिप कायम कर ले और डिक्टेटरशिप कायम करने के बाद फिर वो इसको इस्ते साल को या एक्सप्लोइटेशन को खत्म करें उसके बाद वो कहता है कि जब इस्ते साल खत्म हो जाएगा तब लोग बराबरी की सतह पर आ जाएंगे कोई इस पोजीशन में नहीं होगा कि किसी का इस्ते साल कर सके तो वो सोसाइटी फिर क्लासले सोसाइटी हो जाएगी उसमें अमीर और गरीब नहीं रहेगा तब एक जैसे हो जाएंगे एंड स्टेट कंट्रोल्ड इकॉनमी और उसमें जो मसाइल है उसके ऊपर स्टेट जो है उसका कंट्रोल होगा वो किसी शख्स के या किसी इदार के या किसी ग्रुप ऑफ पीपल्स के कंट्रोल में नहीं होंगे तो ये नजरिया जो मार्क्स ने पेश किए इनको मार्क्सिज्म कहते हैं तो आगे हम उनकी डिटेल जाकर डिस्कस करते हैं सबसे पहले उसका पॉइंट था निगेशन ऑफ द कैपिट इज्म कि कैपिट इज्म को नेगेट करें उसने नेगेट किया उसने कैपिट इज्म को वो कैपिट जम के अगेंस्ट था वो कहता था कैपिट ज्म एक इस्ते साली कुवत है ये एक्सप्लोइटेशन की बुनियाद पर बनी है और इसमें गुरबा का और वर्किंग क्लास की एक्सप्लोइटेशन होती है थेरी ऑफ मार्क्स आर अ प्रोडक्ट ऑफ रिएक्शन अगेंस्ट कैपिटल जम जितने भी मार्क्स ने थेरी दी है बेसिकली दे आर अ रिएक्शन अगेंस्ट द कैपिट इजम इन कैपिट इजम ड्यू टू मिनिमम स्टेट इंटरफेरेंस एंड एक्सेसिव प्राइवेटाइजेशन वेल्थ कंसंट्रेट्स इन फ्यू हैंड्स एंड टू अपोजिट क्लासेस अपीयर ऑन द बेसिस ऑफ वेल्थ एंड सोर्सेस ऑफ इनकम एंड प्रोडक्शन तो मार्क्स का कहना यह था कि कैपिटल में क्योंकि गवर्नमेंट इंटरफेस नहीं होती और एक्सेसिव प्राइवेटाइजेशन होती है यह जितना भी प्रोडक्शन का काम है यह प्राइवेट सेक्टर के अंदर होता है तो इस तरह वेल्थ जो है वो कंसंट्रेट कर जाती है चंद लोगों में और इस तरह मुशे के अंदर दो अपोजिट क्लासेस जो है वो अपीयर होती हैं एक के पास वेल्थ होती है और एक गरीब होते हैं तो जो दो क्लासेस बनती हैं उनका बेसिस होता है एक तो वेल्थ और दूसरा इनकम के सोर्स और तीसरा प्रोडक्शन जिनके पास वेल्थ होगी जिनके पास सोर्सेस ऑफ इनकम होंगे जो मोड ऑफ प्रोडक्शन पे जिनके कब्जे में होंगे वो लोग उमरा होंगे वो पैसा बनाएंगे और जो मजदूर होंगे वर्कर होंगे प्रोलिटेरिएट होंगे वो गरीब रह जाएंगे और इस तरह दो क्लासेस इमर्ज होती हैं और यह दो क्लासेस कार्ल मार्क्स का कहना यह है कि जहां जहां कैपिट इजम होगा वहां वहां यह दो क्लासेस लाजमी बन जाएंगी द रिच एक्सप्लोइट द वर्किंग क्लास तो जो उमरा होंगे या उमरा होते हैं वो वर्किंग क्लास की एक्सप्लोइटेशन करते हैं वो उनका इस्ते साल करते हैं वो उनसे काम लेते हैं और उनको उनकी पूरी मसूरी नहीं देते वो उनको इस तरीके से एक्सप्लोइट करते हैं कि वो हैंड टू माउथ रहे और वो जितना भी सारा काम है वो उनसे लिया जाए जितनी भी सरप्लस वैल्यू है व इस मजदूर से ली जाए और उसको उजरत कम से कम दी जाए और ज्यादा पैसा जो है वो जो मोड ऑफ प्रोडक्शन का मालिक है उसके पास चला जाए इस तरह मुशे के अंदर एक तफरी पैदा होती है एक तबका अमीर से अमीरता होता चला जाता है और दूसरा तबका जो है उसके पास अपनी जरूरियत पूरी करने के लिए भी पैसे नहीं होते तो यह दो क्लासेस इमर्ज होती हैं और यह कैपिटल जम की वजह से होती है क्योंकि कैपिट इजम जो है उसकी बुनियाद ही एक्सप्लोइटेशन पर रखी गई है इस तरीके से इसलिए दो क्लासेस हर सोसाइटी के अंदर इमर्ज हो जाती बजवा क्लास के हाथ में और वो बजवा क्लास के इंटरेस्ट को सेफगार्ड करती है स्टेट रिप्रेजेंट्स डोमिनेंट क्लास वो डोमिनेंट क्लास को रिप्रेजेंट करती है वो रिप्रेजेंट उन लोगों को करती है जो तमाम इंस्टीट्यूशन के ऊपर काब हुए हुए हो और चकि बोरज वा क्लास तमाम इंस्टिट्यूशन के ऊपर काब होती है पॉलिटिकल सोशल कल्चरल रिलीजस ये तमाम इंस्टिट्यूशन पर कब्जा कर लेती है इसलिए स्टेट भी उनको रिप्रेजेंट करती है इन अ सोशलिस्ट सोसाइटी देयर विल बी नो फर्द नीड फॉर सच अ रिप्रेसिव इंस्टिट्यूशन वो कहता है जब प्रोलिटेरिएट का रेवोल्यूशन आ जाएगा तो उसके बाद इस तरह के इंस्टिट्यूशन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी तो स्टेट जो है वह कम्युनिज्म के अंदर या कार्ल मार्क्स की डॉक्ट्रिन के अंदर स्टेट का कोई वजूद नहीं है वह कहता है स्टेट ऑटोमेटिक वेनिश कर जाएगी विदर अवे हो जाएगी और स्टेट की जरूरत ही बाकी नहीं रहेगी स्टेट देन इज एक्सपेक्टेड टू विदर अवे स्टेट ऑटोमेटिक खत्म हो जाएगी क्योंकि यह एक ऑपरेशन का आर्गन है और यह यूज कर रही है बोर जवा क्लास इसको फॉर ऑपरेशन अगेंस्ट द प्रोलिटेरिएट तो जब प्रोलिटेरिएट हुकूमत में आ जाएंगे ऑपरेशन खत्म हो जाएगा तो इसलिए इस ऑपरेसिव इंस्टिट्यूशन की भी जरूरत नहीं रहेगी कम्युनिज्म बिलीव्स कर्सिव गवर्नमेंट वड बी कम्युनिज्म बिलीव्स दैट द कर्सिव गवर्नमेंट वुड बी अननेसेसरी एंड देयर फोर दैट सच अ सोसाइटी वुड बी विदाउट रूलर तो वहां पर रूलर भी नहीं होगा स्टेट भी नहीं होगी तो वहां पर इस तरह के ऑर्गन की जरूरत नहीं पड़ेगी सो द एपेक्स ऑफ कम्युनिज्म इज अ स्टेटलेस्विजेट की जरूरत होगी ना स्टेट के ऑर्गन की जरूरत होगी ना जुडिशरी की जरूरत है ना अदालतों की जरूरत है ना किसी और इंस्टिट्यूशन की जरूरत है तो इस तरह ग्रेजुएट विदर अवे कर जाएगी और लोग एक नॉर्मल लाइफ गुजारना शुरू कर देंगे मार्क्सिज्म होगी उसको स्टेट कंट्रोल करेगी नेशनलिज्म ऑल द मीन ऑफ प्रोडक्शन आर नेशनलाइज कम्युनिज्म ल द मींस आर नेशनलाइज एंड सोशलिज्म मेजर मीन आर नेशनलाइज तो इन कम्युनिज्म फैसिलिटी आर गिवन अकॉर्डिंग टू नीड आपको यह बता दिया है कि जो कम्युनिज्म है उसमें हर किसी से उसकी इस्ते दद कार के मुताबिक काम लिया जाता है और उसकी नीड्स के मुताबिक उसको जो है वो फैसिलिटी दी जाती है या उसकी नीड्स पूरी की जाती है तो ये मार्क्सिज्म और कम्युनिज्म और सोशलिज्म के दरमियान फर्क है ये मैंने आपको पिछली स्लाइड में बता दिया है कि मार्क्स कम्युनिज्म में तमाम मींस नेशनलाइज हो जाते हैं और फैसिलिटी नीड के मुताबिक दी जाती हैं और उसमें कैपिटिस जो है वो रिप्लेस हो जाता है और गवर्नमेंट तमाम कारोबार संभाल लेती है प्रॉपर्टी शेयर हो जाती है किसी शख्स के इंडिविजुअल ना वह प्रॉपर्टी रख सकता है ना उसके पास इकॉनमी के रिसोर्सेस होते हैं वो तमाम स्टेट के पास होते हैं और सोशलिज्म में मेजर इंडस्ट्री नेशनलाइज होती है और छोटी इंडस्ट्री लोगों को रखने की इजाजत होती है और सोशलिज्म में डेमोक्रेटिक कंट्रोल होता है इकॉनमी के ऊपर और यहां पर कम्युनिज्म के अर नेशनल कंट्रोल होता है अब थोड़ा सा मैं ओवरव्यू दे दूं आपको मार्क्स की रिलीजन के बारे में क्या थॉट्स थी तो एक चीज आप जहन में रखें जितने वेस्टर्न फिलोसोफर हैं वो सारे स्टेट को अलग समझते हैं रिलीजन को अलग समझते हैं वो कहते हैं स्टेट शुड नॉट इंटरफेयर इन रिलीजन और रिलीजन शुड नॉट इंटरफेयर इन द स्टेट अफेयर्स लेकिन मार्क्स जो है वो रिलीजन की निगेशन करता है मार्क्स रिलीजन को सिरे से मानता ही नहीं है वेस्टर्न फिलोसोफर रिलीजन को मानते हैं लेकिन वो यह कहते हैं कि रिलीजन को इंटरफेयर नहीं करना चाहिए स्टेट में और स्टेट को इंटरफेयर नहीं करना चाहिए रिलीजन में यह दो अलग-अलग एंटिटीज हैं लेकिन मार्क्स कहता है कि रिलीजन होना ही नहीं चाहिए रिलीजन की जरूरत ही नहीं है वह रिलीजन की निगेशन करता है अब मार्क्स क्या कहता है मार्क्स डिनाउंस रिलीजन एंड सेड दैट पोपस र नॉट गोइंग टू हेल्प ह्यूमन सोसाइटी वह खुलम खुला इस परे इतराज करता था क्रिटिसाइज करता था कि पोप तो सोसाइटी की किसी सूरत कोई मदद कर ही नहीं सकते यह मुशे के लिए किसी किस्म का कोई बेनिफिट दे ही नहीं सकते देयर स्ट्रेंज शेप्स एंड क्लोथ्स आर मेरनी टू डिसीव इंडिजन पीपल ये लंबे-लंबे चोगे पहन लेते हैं और यह लिबास पहन लेते हैं नई-नई अजीब अजीब किस्म की शेप्स बना लेते हैं यह लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए करते हैं देयर फंक्शंस आर अगेंस्ट मटेरियल डेवलपमेंट ये मटेरियल डेवलपमेंट के खिलाफ है ये मटेरियल डेवलपमेंट होने नहीं देते यह लोगों को काम की तरफ लगने नहीं देते यह चाहते हैं कि लोग इनके गिर्द घूमते रहे और रिलीजन के होक रह जाए और बाकी काम जो है वो छोड़ दे रिलीजस लीडर्स आर इवॉल्व इन इन मोरल प्रैक्टिसेस वो कहता है कि यह जो पोपस है ये इलीगल प्रैक्टिसेस में मुलस है यह इवल में मुलस है यह खुद गुनाहों में मुलस है पोपस इलेजिटीमेट कंसीडर देम सेल्व रिप्रेजेंट ऑफ गॉड एंड रिलीजन इज अ सोर्स ऑफ लर्निंग एंड इनकम फॉर देम वो कहता है कि ये गलत बयानी करते हैं कि वो खुदा ताला के रिप्रेजेंटेटिव है यह खुदा ताला को रिप्रेजेंट कर रहे हैं उन्होंने कहा कि रिलीजन इनके नजदीक एक सोर्स बना हुआ है इनकम का यह कमाई का एक धंधा बनाया हुआ है इन्होंने रिलीजन इज ऑफ ओपिनियन दैट इज टू कीप डोनेशन डॉर्मेंट प्रीचर्स आर एनिमी ऑफ ह्यूमैनिटी यह इंसानियत के दुश्मन है ही डिनोस रिलीजन बिकॉज इट नेवर फेवर्ड वर्किंग क्लास यह बड़ी उसने अजीब बात की के जो रिलीजन है यह अपनी बात कर रहा है यूरोप की बात कर रहा है कि जो रिलीजन है यह किसी भी सूरत में वर्किंग क्लास को कभी फेवर नहीं करता यह फेवर भी करता है तो पैसे वाले को फेवर करता है यह मरा भी देता है तो पैसे वाले को देता है ही सेस ट रिलीजन इ यूज एस सोर्स ऑफ एक्सप्लोइटेशन तो रिलीजन मार्क्स का यह ख्याल है कि रिलीजन भी एक एक्सप्लोइटेशन के सोर्स के तौर पर इस्तेमाल होरहा है ये जितनी बातें मार्क्स कर रहा है यह अपने रिलीजन की बात कर रहा है यूरोप की बात कर रहा है क्रिश्चियनिटी की बात कर रहा है इसको क्रिश्चियनिटी तक महदूद रख के आपने इस पर गौर और फिक्र करना है ही सेज ट रिलीजन इज यूज एस अ सोर्स ऑफ एक्सप्लोइटेशन ही सेज ट रिलीजन इज यूज एस अ सोर्स ऑफ एक्सप्लोइटेशन रिलीजन हैज नो मटेरियल बेनिफिट्स बट टू थ्रेट पीपल ऑफ द अनसीन अथॉरिटीज एंड अवर्ड देम विद इमेजिनरी प्राइसेस कहता है यह लोगों को किसी किस्म की कोई मटेरियल बेनिफिट नहीं दे सकता यह लोगों को डराता है अनसीन अथॉरिटी से थ्रेट करता है और इनको ख्वाब दिखाता है इमेजिनरी प्राइसेस के या इमेजिनरी इनामा के यह उनको ख्वाब दिखाता है यह मटेरियल बेनिफिट को एक्सटेंड नहीं करता यह सिर्फ उनको सपने दिखाता है कि तुम्हारे साथ यह हो जाएगा तुम्हारे साथ वो हो जाएगा और उनको यह बातें करके डराता है और डरा के उनको अपनी तरफ रागव करने की कोशिश करता है क्रिएटर ऑफ ह्यूम निटी क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर या उनको ओबे करें तो रिलीजन जो है वो इस तरह की क्लासेस क्रिएट कर देता है मासरे के अंदर कि कुछ लोगों को कहता है कि तुम कुछ लोगों की ओबेडिएंस करो या अतात करो तो रिलीजन जो है वह मुशे के अंदर क्लासेस पैदा कर देता है इन रिलीजन देयर इज नो क्यर ऑफ पॉवर्टी मजहब में पॉवर्टी का कोई इलाज नहीं है बट इन कन्वर्स रिलीजस नॉलेजेस एंड इंस्टिट्यूशन टू प्रोड्यूस क्लासेस उसके मुकाब में जो रिलीजस नॉलेज है यह मुशे में तबकात पैदा करता है टू फॉलो रिलीजन टू वेस्ट टाइम एंड मनी मार्क्स कहता है कि अगर आप रिलीजन को फॉलो करते हैं तो आप अपना वकत जाया कर रहे हैं और आप अपना पैसा जाया कर रहे हैं तो यह कार्ल मार्क्स जो है यह रिलीजन के बहु जितने भी कम्युनिस्ट है वह रिलीजन के बहुत सख्त खिलाफ है और वो रिलीजन को नहीं मानते तो यह था हमारा आज का लेक्चर जिस पर हमने कार्ल मार्क्स की थॉट्स को पढ़ा और इसको आपने यह चार जो मैंने बेसिक चीजें आपको बताई हैं जिसमें क्लास स्ट्रगल की हमने बात की है उसको अच्छे तरीके से याद करें इसमें सरप्लस वैल्यू का है उसको अच्छे तरीके से तैयार करें उसके बाद डायलेक्ट मटेरियल जम है और उसके बाद इसके मार्क्सिज्म हमने देखा और उसके बाद इसके रिलीजन के बारे में कार्ल मार्क्स के थॉट्स तो इसको अच्छे तरीके से तैयार करें एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत इंपोर्टेंट है इसके साथ ही आज का लेक्चर खत्म होता है टेक केयर थैंक यू खुदा हाफिज यह था आज का लेक्चर जिसमें हमने कार्ल मार्क्स के पॉलिटिकल थॉट्स देखे और उसमें हमने डायलेक्ट मैटेरियलिज्म पर बात की उसम हमने मार्क्सिज्म प बात की और उसमें मार्क्स के रिलीजस रिलीजन के बारे में मार्क्स के थॉट को हमने समझा अगला लेक्चर इंशाल्लाह हमारा लेजम पर होगा जिसमें हम लिनन के पॉलिटिकल थॉट्स डिस्कस करेंगे उस वक्त तक के लिए थैंक यू वेरी मच टेक केयर खुदा

Share your thoughts

Related Transcripts

leftist tiktoks that are very demure very mindful thumbnail
leftist tiktoks that are very demure very mindful

Category: People & Blogs

Jesus wow you're the most beautiful entity that i've ever drooling on me yes ma'am hey guys just wanted you to know that if you roll up to a national park and you tell them you have uh developmental disability they'll give you a card for free for your entire life and everyone in the car also gets in... Read more

Mark Levin Audio Rewind - 8/19/24 thumbnail
Mark Levin Audio Rewind - 8/19/24

Category: News & Politics

Hey folks mark lvin here now before we dive in today's episode i want to talk about something truly valuable protecting your financial future with gold it's called diversification now for that i only trust advantage gold they're the real deal with five-star service and a sterling reputation so give... Read more

Mark's Opening Remarks - 8/19/24 thumbnail
Mark's Opening Remarks - 8/19/24

Category: News & Politics

Why is camala harris and her husband douge why is tampon tim and his wife broom hilda why are they trying to pretend they're normal average everyday americans at a convenience store buying doritos that's not who they are why do they pretend they're something they're not shouldn't they be like an abortion... Read more

Marxism, globalism and the Islamist: Why we need to vote for REFORM in 2029 thumbnail
Marxism, globalism and the Islamist: Why we need to vote for REFORM in 2029

Category: News & Politics

The islamist doesn't believe in autonomy uh he she regards themselves as slaves of god slaves of their concept to god there is no autonomy in the islamist worldview it is another version of group think in fact in the islamist worldview everybody's a muslim anyway everybody is born a muslim and therefore... Read more

Kamala Harris vs. Fracking: Is She Flip-Flopping AGAIN? thumbnail
Kamala Harris vs. Fracking: Is She Flip-Flopping AGAIN?

Category: News & Politics

Kamla might be in trouble she has to win pennsylvania who state is among the top five in favor of fracking but she's on record for wanting to ban it do you still want to ban fracking no and i made that clear on the debate stage in 2020 but she did not make that clear in 2020 here's what she said joe... Read more

Reporter Exposes Liberal Marxist Elites in Canada thumbnail
Reporter Exposes Liberal Marxist Elites in Canada

Category: News & Politics

I'm pretty sure it's become a sport amongst the liberal party and their supporters to try to do everything humanly possible to avoid answering a question vashi capelos is one of the few presenters in mainstream media who really just tells it like it is it sounds like what you're saying is as long as... Read more

Marxism vs. Dictatorship: The Epic Battle of Ideas thumbnail
Marxism vs. Dictatorship: The Epic Battle of Ideas

Category: Nonprofits & Activism

Marxism at its core champions the idea of an equal society where wealth is shared in contrast a dictator obsesses with holding on to power exercising control in totality the ambition of marxists is to establish a society without class divisions balancing the scales of justice dictators however are fixated... Read more

How Marxists are Formed thumbnail
How Marxists are Formed

Category: News & Politics

[music] [music] welcome to communists of america this recording is from the 2023 national congress of what used to be socialist revolution the us section of the international marxist dependency this year at the end of july we will be founding a new party the revolutionary communists of america if you... Read more

The Secret Marxist Conspiracy thumbnail
The Secret Marxist Conspiracy

Category: Education

This episode is brought to you by ground news if a new form of leftism that has infected institutions across our nation this form of cultural marks they offer the brand new book unwoke how to defeat cultural marxism in america the president is together with a band of his closest thugs misfits and marxists... Read more

Suffering through Project 2025 training videos so you don't have to (Part 1) thumbnail
Suffering through Project 2025 training videos so you don't have to (Part 1)

Category: People & Blogs

Courtney: hello everyone and welcome back.  my name is courtney. i am here, as always,   with my spouse, royce, and together  we are the ace couple. and i hope,   dear listener, that you are prepared  for more misery, because we are once   again talking about american politics.  always, always a fun... Read more

Donald Trump x Kamala Harris - "She's a Marxist" - Presidential Debate Rap Battle thumbnail
Donald Trump x Kamala Harris - "She's a Marxist" - Presidential Debate Rap Battle

Category: News & Politics

She's a marxist everybody knows she's a marxist just look at what they're doing to our country let's understand how we got here she's a marxist everybody knows she's a marxist trump abortion ban just look at what they're doing to our country let's understand how we got here marxist everybody knows she's... Read more

The Marxists: Why Karl Marx Was the Most Influential Thinker of All Time thumbnail
The Marxists: Why Karl Marx Was the Most Influential Thinker of All Time

Category: Entertainment

Intro [music] [music] [music] in [music] for marx was a liberal because a child of the enlightenment for marx the only thing that matter was freedom there is no seeming alternative to capitalism people just look at stalin and ma and say the alternative doesn't work revolutions kl marx philosopher journalist... Read more