Day 7 Shri Madbhagwat katha Katha Achary shri ram sevak Tiwari Gwalior( M.P. )

कोट नमन करते हुए मंगलाचरण की ओ जय श्री राधे जय श्री [संगीत] [संगीत] कृष्ण स्वस्ति श्री गणेशाय नमः श्री राधा वल्लभ [संगीत] विजयते श्री सरस्वत्य नमो [संगीत] नमः बैकुंठ लीला प्रवर मन [संगीत] हरम नमस्कृत्य देव गणे परम [संगीत] बरम गोपाल लीला भी उतम [संगीत] भजामि [संगीत] सिरसा नमाम प्रात नमामि वृषभानु सुता पदा नेत्रा प्रतम ब्रज सुंदरी प्रेमा तो रेण हरना सुभ शार देन श्रीम ब्रजेश तन येन सदा वि बंदम सच्चिदानंद रूपाय विश्वो पतदे तवे ताप प्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नमः कृष्णाय वासुदेवाय हर परमात्मने प्रत क्लेश ना साय गोविंदाय नमो नमः निगम कल्प तरर गलित फलम सुख मुखा मृत द्रव सतम पवत भागवत रस मालय मोहर हो रसिका भ विभव [संगीत] का नारायणम नमस्कृत्य नरम चैव नरोत्तम देवी सरस्वती व्यास ततो जय मुध र रामाय राम भद्राय राम चंद्राय वेद से रघुनाथा सीताया पतय नमः कुंद इंदु दर गोर सुंदरम अंबिका पति भीष्ट सिद्ध दम कारु कल कंज लोचन नौम शंकर मन मोचन अतुलित बलधाम है [संगीत] देहम नुज वन कशाल ज्ञान नामा ग्रणम सकल गुण निधानम बान राणा मधम रघुपति प्रिय [संगीत] भक्तमर मंडला काम व्याप्तम यन चराचर तद पदम येन तस्मै श्री गुरुवे नमः वसुदेव शतम देवम कंस चाडू मदनम देवकी परमानंद कृष्णम वंदे जगत गुरु [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] श्री राधे मेरी स्वामिनी मैं राधे तेरो [संगीत] दास जन्म जन्म मोहि दीज [संगीत] श्री वृंदावन कोरी [संगीत] बास तुलसी जिनके मुखन सो जी धो केनिक सतराम तिनके पग की पान ही सु मेरे तन कोरी चा प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय वृंदावन धाम की जय हो यमुना महारानी की जय हो वंसी वट की चतुरदास कुंज की हो राजा रामचंद्र की जय हो गरी शंकर भगवान की ज हो हनुमान जी महाराज की सब संतन की संत समाज की सब भक्तन की गुरु गोविंद की माता पिता की जय जय श्री राधे परात्पर अखिलेश्वर अकारण करुणा वरणा लय भक्त वांसा कल्पतरू तड़ित नंदित पीतांबर धारी बाल कृष्ण लाल की प्रति बांग मूर्ति श्रीमद् भागवत महापुराण यमुना की पावन रेती में आनंद की छटा को बिखरते हुए राश स्वर श्वरी राधा कृष्ण जी के चरणारविंद में कोटि कोटि नमन करते हुए भूत भावन गौरी शंकर भगवान को मनाते हुए राघवेंद्र सरकार के चरणों में नमन करते [संगीत] हुए भगवान की कथा के रसिक रसिया अनंत बलवंत हनुमंत लाल जी महाराज के चरणों में नमन करते हुए संत वृंद विद्युत समाज विप्र समाज को नमन करते हुए पावन श्रोताओं [संगीत] भगवान की कथा का विश्राम दिवस आइए सुंदर भगवत कीर्तन के साथ प्रवेश करेंगे और उसके बाद जैसी हरि इच्छा होगी कथा का आनंद [संगीत] लेंगे [संगीत] लेना खबर [संगीत] हमारी हरिदास के बिहारी [संगीत] लेना खबर [संगीत] हमारी हरिदास के बिहारी लेना खबर हमारी [संगीत] हरिदास के बिहारी लेना खबर हमारी हरिदास के [संगीत] बिहारी रा खबर हमारे हरिदास के [संगीत] बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी [संगीत] हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के बिहारी मौ मर गया हूं वे मौत मर गया हू दुनिया से करके आरी मैं मौत मर गया हूं दुनिया से करल गया आरे लेना खबर हमारी हरिदास के बहार खबर हमारी हरिदास के बिहारी [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जय [संगीत] [संगीत] हो [संगीत] द्वारे तुम्हार आया दर्शन की आस लाया दवारे तुम्हारे आया दर्शन किया ला द्वारे तुम्हारे [संगीत] आया दर्शन कि आ सुनाया द्वारे तुम्हारे आया दर्शन किया चलाया दर्शन की भीख दे दो दर्शन की भी दो दर्शन [संगीत] कह दर्शन की भीत दे दो दर्शन कहो भिकारी लेना खबर हमारी हरदास [संगीत] के रा खबर हमारी हरिदास के [संगीत] बिहारी [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] हो [संगीत] अपना लिया है तुमको ठुकरान देना को अपना लिया है तुमको ठुकरा ना देना हो अपना लिया है तुमको ठुकरा न देना [संगीत] मुझको अपना लिया है तुमको ठुकरा ना देना हमको जीवन की जोति जागे जीवन की जो जागे लख कर छवि तु जीवन की जोत जागे लखकर सभी तुम्हा [संगीत] ना खबर हमारी हर दास के [संगीत] निहा लेरा खबर [संगीत] हमारी हरिदास के [संगीत] बिहारी [संगीत] जय हो [संगीत] [संगीत] देखिए धर्मेंद्र पटेल भैया और नागेश भैया स्वागत कर रहे हैं जोरदार तालियों से उनका [संगीत] अभिवादन जू के आंखों के तुम हो एक तारे हरि दास जू कि आखों के हो एक तुम ही तारे हरिदास जू की आख [संगीत] हो एक तारे हरि दास जू की आखो के हो तुम एक तारे पागल कड़ा दुवारे पागल द हारे हे प्रेम के पुजारी [संगीत] पागल खड़ा दवारे हे प्रेम के पुजारी मोत मर गया [संगीत] हूं मत मर गया हो दुनिया से कर प आरे मौत मर गया हूं दुनिया से अलके ार लेना खबर हमारी हरि दस के [संगीत] बिहारी ना खबर हमारी हरि दस के [संगीत] बिहारी हरिदास के बिहारी हरिदास के ब हरिदास के बिहारी हरि दास के बिहारी लेना कबर हमारी हरदास [संगीत] सेरा हरि दास के [संगीत] बिहारी हमारी हरि दास के बिहारी हरि दास के बिहारी हर दस के प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्ण प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा आज थोड़ा सा और बुलवाएं भगवान का नाम फिर कल से तो तुम जाने तुम्हारा काम कल की सुंदर पावनी कथा कल की कथा का कहां विश्राम हुआ था देखो कल सब याद है सबको अच्छा कल सब लोग अपने अपने रंग में रंगे [संगीत] थे और कुछ लोगों को तो मैंने यह देखा भी था कि कुछ नाच रहे थे और कुछ तो ऐसा बे ढंगा नाच रहे थे कि कोई देखे ना देखे कोई मतलब नहीं उन्हे नाचने से मतलब यह बहुत अच्छा है नाच अपने स्टेप दिखाने के लिए नहीं होता अपनी कला दिखाने के लिए नहीं होता नाच तो मदमस्त होकर नाचा जाता है [संगीत] आइए सुंदर हरि कथा में प्रवेश [संगीत] करेंगे [संगीत] का मस्तु वासुदेवा दगद प्राग रुद्र [संगीत] मनना देहो प पतय [संगीत] भुय तम एव [संगीत] प्रतिप भगवान का विवाह रुक्मिणी के साथ हुआ रुक्मिणी कुछ दिनों तक महल में रही और कृपा ऐसी बरसी कि रुक्मिणी के गर्भ में एक बालक आ गया कौन है यह बालक यह बालक कोई और नहीं स्वयं कामदेव [संगीत] है जब सेवती सर नयन [संगीत] उघरा चित बत [संगीत] काम बय जर छारा [संगीत] तव काम भय हो जर [संगीत] छारा भोले बाबा को जब जगाने के लिए कामदेव गए थे पार्वती के विवाह से पहले तो भोले बाबा के तीसरे नेत्र से कामदेव जलकर भस्म हो गए कामदेव की पत्नी रति प्रार्थना करने पहुंच गए तो मेरे भोले बाबा तो बड़े दयालु हैं कृपालु है थोड़ा सा स्तुति क्या की प्रभु प्रसन्न हो गए और पत्नी को वरदान दे दिए रति जाओ द्वापर में कृष्ण बनकर आऊंगा वह कृष्ण बनकर जाएगा प्रभु परमात्मा और उसके बड़े पुत्र के रूप में तुम्हारा पति प्रकट हो जाएगा देखो अपराध सबसे होते हैं कामदेव ने अपराध किया पत्नी ने क्षमा [संगीत] मांगी पत्नी ने क्षमा मांगी तो वरदान भी मिल गया और जला हुआ पति पुनः जन्म लेकर नए शरीर के रूप में प्राप्त भी हो [संगीत] गया सव जातो बै दव्या कृष्ण वीर्य समोद भव प्रदुमन विख्यात सर्वतो नव मा [संगीत] पतो सव जातो द दव्या रुक्मिणी के गर्भ से सुंदर बाल पैदा हुआ भगवान के जैसा है बालक कृष्ण वीर्य समुद भव परमात्मा के तेज से प्रकट हुआ है सर्वतो नवम पितु यह बालक जैसे भगवान कृष्ण बचपन में दिखाई देते थे वैसा ही बालक है बालक इधर जन्म लेता है और नारद बाबा समरासर के यहां पहुंच जाते हैं नारायण नारायण नारायण तुम यहां बैठे हो और तुम्हारा काल द्वारका पुरी में प्रकट हो गया है संरा सुवर ने कहा क्या करना चाहिए तो नारद जी ने कहा अभी वह बहुत छोटा है और छोटे को मारने में कोई परेशानी नहीं होगी आप चाहो तो अभी उसकी हत्या कर सकते हो बड़ा हो गया तो फिर मारने में बहुत कठिनाई आएगी नारद बाबा की बात सुनकर समरासर भेस बदलकर [संगीत] भेस बदलकर द्वारिकापुरी में पहुंचा अच्छा एक बात बताओ आप लोग भगवान की नजरों से कोई बच सकता है अा भगवान को पता नहीं था कि मेरे बालक का हरण करने के लिए समरासर आ गया है पता था तो फिर हरण क्यों होने दिया इसका कारण है कि जैसे अलमारी में आपने 00 रुपए रखे ध्यान से सुनना और वो हो जाए शाम को [संगीत] चोरी तो सवेरे तुम उसी जगह पर 100 स के दो नोट रखे देखो तो दूसरे दिन जानबूझकर 200 रखोगे कि नहीं और अगले दिन 400 हो जाए तो सही बताना यह नोट बढ़ने वाली बात किसी से [संगीत] कहोगे आप सोचोगे भगवान ना करे काऊ की नजर लग जाए ऐसे ही बढ़त रहे देखो कछु तो सोच रहे हैं है जाए तो बढ़िया ही [संगीत] है अगर ऐसा चमत्कार होता भी है तो वह आपके लिए हानिकारक है क्योंकि वह आपके अंदर लालच पैदा कराएगा और जिस दिन आप मोटी रकम करके रखेंगे उस दिन कुछ भी नहीं [संगीत] मिलेगा [संगीत] प्रेम से [संगीत] बोलो भगवान जानते हैं कि मेरे पुत्र को लेकर जाएगा तो पुत्र जिस दिन वापस आएगा उस दिन पत्नी के सहित [संगीत] आएगा अब एक के दो होकर आ रहे हैं तो कोई काहे को रोकेगा स रोका नहीं एक दिन रुक्मिणी के महल में स्त्री बनकर प्रवेश करता है समरासर और बालक का हरण कर लेता है भगवान का पुत्र है बहुत सुंदर है य बहुत सुंदर है बालक सभी के सुंदर होते [संगीत] हैं बड़ा सुंदर वर्णन है भगवान की सुंदर पावनी [संगीत] लीला आगे से नहीं पीछे के मार्ग से चला और जहां भगवान का महल है पीछे की तरफ समुद्र है तो समुद्र के ऊपर से जा रहा है बालक को देखा बड़ा प्रसन्न हुआ मन में सोचा इस बालक की हत्या मैं क्यों करूं एक काम करता हूं इसे समुंदर में फेंक देता हूं जल के जीव इस बालक को खा जाएंगे और उस बालक को समरासर ने समुद्र में फेंक दिया जा को राखे साया मार सके ना कोई बालन बा को कर [संगीत] सके जो जग बैरी बालन बा को कर सके जो जग [संगीत] हो जैसे ही बालक को नीचे फेंका बड़ी सी मछली ने मुंह फाड़कर ऊपर सांस ली और बालक उसके पेट में चला गया उसी समय मल्ला हो ने जाल फेंक दिया मछली जाल में फस गई ज्यादा बड़ी है सु मल्ला हो ने उसे काटकर दो भाग किए तो बालक उसमें से जीवित [संगीत] निकला आपने कभी रेलवे की यात्रा की है ट्रेन की तो स्टेशन पर एक अलाउंस होता है क्या होता है पता है अलाउंस सुना होगा ध्यान नहीं है मैं बता ही देता हूं एक अलाउंस होता है कि कोई भी लावारिस वस्तु पड़ी हो आप उसे हाथ ना लगाए होता है कि नहीं अच्छा लावारिस वस्तु पर अधिकार किसका होता है जैसे तुम्हारा खेत है और खेत में सोना निकल आए और पुलिस वालों को पता लग जाए थाने वालों तो सोना तुम्हारा है कि सरकार [संगीत] का लावारिस वस्तु पर सरकार का अधिकार होता है [संगीत] यह बालक लावारिश है मल्लाह ने मन में विचार किया कि चलो जाकर राजा को देते हैं बालक को गोद में उठाया और राजा के यहां पहुंच गए अच्छा राजा कौन है देखिए विधि का विधान राजा है संभरा सुर अब आप सोच रहे हो तो फेंक कर गया फिर तो इसने बालक को पहचान लिया होगा पहचान नहीं पाया क्योंकि जब बालक को समुंदर में फेंका था तब बालक श्याम वर्ण का था और कुछ समय मछली के पेट में र रहने के कारण वह श्याम से पीला बन गया क्योंकि साइंस का नियम कहता [संगीत] है कि अगर सूर्य का प्रकाश या पृथ्वी का वातावरण किसी जीव को नहीं मिलेगा तो नाइट्रोजन की मात्रा बॉडी के अंदर बढ़ जाती है जिससे शरीर पीला पड़ जाता है यह पीला पड़ गया इसलिए बालक को पहचाना [संगीत] नहीं बालक को ले लिया और नारद बाबा पहुंच गए कहां नारद बाबा पहुंच गए रसोई में रसोई में एक स्त्री रसोई ब बना रही है भागवत में उसका नाम है मायावती और यह मायावती कोई और नहीं नारद बाबा के कहने से रसोई बनाने का काम कर रही है और यही मायावती नाम बदलकर काम कर रही है इसका नाम है रति नारद बाबा पहुंच गए बोले देवी परीक्षा समाप्त हुई आपकी इंतजार खत्म हुआ आपका आपके पति देव राज सभा में आ गए हैं अगर मिलना चाहती हो पति को पाना चाहती हो तो श्र पधारो और मायावती दौड़कर सभा में पहुंच गई द्रवा तद दुरे बालम मायावन वेदय नारद कथ यत सर्वम तस संकेत चेत द्रवा तद दुरे बालम मायावती निवेदन मायावती ने जाकर राजा से निवेदन किया बोले उम्र मेरी काफी हो चुकी है विवाह मुझे करना नहीं है बुढ़ापे के लिए सारा चाहिए राजन ना हो तो यह बालक मुझे दे दो राजा ने कहा ठीक है तुम ले जाओ और बालक मायावती ने ले लिया अच्छा अब ये कौन है मायावती कौन है बालक की पत्नी और पत्नी अपनी गोद में पति को ले [संगीत] आई मायावती ने अपने उस बालक का पालन पोषण किया पालन पोषण करने वाली कौन होती है बालक की मां होती है जब बालक बड़ा हुआ पढ़ाई की बात आई तो मायावती ने विद्यालय नहीं भेजा अपने बालक को पढ़ाया जब बालक बड़ा हुआ तो एक दिन हाथ पकड़ लिया और हाथ पकड़कर देखा तो कामदेव ने कहा तामा भगवान कार सनर मा तस्ते मति था मात्र भाव अतिक्रम्य रत से कामिनी [संगीत] यथा हमारे अशोक जैन साहब सुंदर स्वागत अशोक भैया के लिए जोरदार तालियों से उनका अभिवादन [संगीत] तामा भगवान जैसे ही हाथ पकड़ा तो पलट कर देखा ओहो भगवान कासिम मस्ते मत न्य [संगीत] था देखिए हमारे प्रिय शिष्य ब्रजमोहन पटेल स पत्नी मंच पर स्वागत करते हुए तालियों से इनका भी [संगीत] अभिवादन प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णामा भगवान का मात मथा कामदेव ने दे के देखने का नजरिया थोड़ा सा टेढ़ लग रहा [संगीत] है देखने का नजरिया बदल गया है मात्र भाव अतिक्रम्य कामदेव ने पलट कर कहा देवी प्रतिदिन तो तुम मुझे माता के भाव से देखती थी आज रत से कामिनी यथा आज कामिनी स्त्री की भाति आप देख रही हो क्यों रति ने हंसकर कहा भवान नारायण सुत संरे रतो ग्रत अते कृता [संगीत] पति कामो प्रभु मैं तुम्हारी मां नहीं हूं तो बोले मैं तो तुम्हारी पत्नी रती हूं और तुम कोई मेरे बालक नहीं तुम तो मेरे पति कामदेव हो संरा सुर ने तुम्हारा हरण किया मैंने तुम्हें जन्म नहीं दिया यहां तुम समरासर का वध करने के लिए आए हो पावन श्रोताओं कामदेव को यह पता चला पूरे जीवन के बारे में जानकारी रति ने दी हाथ में तलवार लेकर सभा में पहुंचे संरा सुर को युद्ध की चुनौती दी और उस युद्ध में कामदेव ने सरासर का वध किया प्रेम से [संगीत] बोलो अच्छा एक बात आप लोगों से पूछ रहा हूं आगे वालो [संगीत] अ मायके कभी गई हो सही [संगीत] बताना अ माइ के से ससुराल तो आई [संगीत] होंगे जब पत्नी माय के पति के साथ जाती है सही बताना तो मायके में जाते जा जाते समय पति आगे चलते हैं कि पत्नी हैं पति पत्नी आगे चलती है माइके में अच्छा लौट के जब ससुराल आते हैं तो फिर पत्नी आगे रहती हैं कि पीछे पीछे रहती है चतुर हैं वैसे एक बात कह पतियों के तो फजत हैं चले तो बेचारे डिग्गी में बे सामान लगाए और पत्नी उतर के भीतर चली जाए तो डिग्गी खोल के सब सामान ब निका कहां आगे कहां पीछे अगर गार्डन में भोजन करने भी जाए तो पत्नी कह देगी ले बैग टांग लो या छोरा पकड़ लो बहरे पति देव हमने पुरुषों को देखा है पुरुषों के कन्हा में क्या परस लगता है सुंदर और छोटा बच्चा गोद में परस इनके आ बगल में क्या बात है एक एक गार्डन में तो हमने भैया से राम राम कर लिया भाई साहब राम राम बहुत अच्छे लग रहे हो उसने कहा कि पंडित जी देखो फालतू बात मत करना एक तो हम वैसे ही शर्म के मारे मरे जा रहे और पत्नी बढ़िया प्लेट उठा के आ चाट भल्ला चल र [संगीत] आज की स्थिति देखी जाए तो पति कम हेल पर ज्यादा नजर आते हैं प्रेम से बोलो जय श्री कृ एक बात मुझे याद आ रही है एक पार्टी में गए थे पति पत्नी पति कलेक्टर साहब रहे और पत्नी उन की अंगूठा छाप रहे हैं अब वहां एसपी डीएसपी बहुत बड़े-बड़े रैंक के अधिकारी कलेक्टर साहब से पूछे मैडम किधर है मैडम अब वो बचारी गांव की थी सो साड़ी पहने एक कोने में बिचारी बैठी थी सो कलेक्टर साहब ने कहा वो है अब देखो महिलाओं की आलोचना महिला ही सबसे ज्यादा करती हैं एक ने कहा देखो देखो े बड़ा आनंद है चलो इससे आनंद लेते हैं दो चार महिला पहुंच गई अच्छा आप कौन है अब वो तो बेचारी छटपटा गई उसने ऐसे हाथ जोड़कर कहा भैया दजी हम इनकी पत्नी है और ये हमारे पति देव है अच्छा सती अनुसया है आप [संगीत] बड़े आदर से नाम लेती है बेजती हुई उसकी बहुत हसी उड़ाई घूंघट करके बैठी हो यह क्या तरीका है साड़ी कहां से खरीदी बहुत महंगी लग रही है इतनी बेज्जती हुई उसकी कि उसने मन में सोच लिया कि अब आगे से पार्टियों में जाना बंद अब दो चार पार्टियों में पति गए वो भी अच्छा नहीं लगे उसको उसने कहा कि तुम एक काम करो ना हो तो हमें अंग्रेजी सिखाओ अंग्रेजी सीखी मैंने कलेक्टर ने कहा कि देखो अंग्रेजी सीखने में बहुत टाइम लगेगा तुम एक काम करो दो चार शब्द सीख लो बोले बताओ तो कलेक्टर साहब ने कहा कि अगर कोई तुमसे पूछा करे कि तुम कौन तो आप इशारा करके कह दिया करो हम उनकी वाइफ है और वो हमारे हस्बैंड है दो चीज सीख लो बोले ये ठीक है अब ट्रेनिंग शुरू सब्जी बना रही है हम उनकी वाइफ है वो हमारे हस्बैंड है खाना परोस रही है मन में वही चल रहा है हम उनकी वाइफ है अब वो हमारे हस्बैंड है रट रही है भूल ना जाए पक्का कंठस्थ हो गया कलेक्टर साहब ने क याद कर लिया तो हंसकर बोली हम उनकी वाइफ है अब वो हमारे कलेक्टर साहब ने कहा मेरे सामने यह नहीं कहना है अच्छा अच्छा कोई बात नहीं अब गई बेचारी पार्टी में पार्टी में गई स ही महिलाए दिख गई उसे एक ने कहा अरे देखो देखो वो आ गई इधर आओ इधर आओ इधर आओ अब महिलाओं को देखकर घबरा गई वो तो अच्छा सही बताओ अब तुम कौन हो कहां से आई हो कौन हो आप बेचारी काप गई वो तो मैंने धीरे से कही कि हम उनकी पाइप है और वे हमार हेड पंप [संगीत] है अब घर जाकर पति का नाम हेड पंप मत रख लेना नहीं कल से कथा बंद हो जाएगी तु हां नहीं घर जाकर कह दो कि हेड पंप साब चाय बना [संगीत] लिया एक बहुत अच्छा पढ़ा लिखा व्यक्ति बैठा था उसने ताली बजाई लोगों ने कहा तुम्हें क्या लगा बोले क्या शब्द कहा है इसने वाकई कितनी जानकारी रखती है ये अब लोगों ने कहा ऐसा क्या कह दिया इसने बोले कितना सुंदर शब्द कहा अच्छा हेड पंप का काम क्या है हेड पंप का काम है दुनिया को पानी पिलाना पर सत्य बताना अगर नीचे पाइप ना हो तो हेड पंप पानी पिला सकता है बोले देवी तू धन्य है अगर धर्म पत्नी का धर्म ना हो तो पति धर्म पर कभी नहीं च चल सकता ठीक उसी प्रकार पाइप के कटने पर हेड पंप का कोई अस्तित्व नहीं रहता उसी प्रकार पत्नी के अलग होने के बाद में प्यारे पति का भी कोई अस्तित्व नहीं है इसलिए ध्यान रखो पति-पत्नी के जीवन को जितना मधुर बना सको उतना मधुर बना के चलो आज अंतिम विश्राम दिवस का और इस दिवस में बहुत सारी चीजें ऐसी होंगी जो अपने जीवन में उतारने लायक होंगी उतारते चलना कामदेव अपनी पत्नी को लेकर द्वारिकापुरी पहुंचे और द्वारकापुरी सीधे महल में नहीं गए महल में जाते तो हो सकता है कि कहते कि हम तुम्हारे पुत्र हैं तो शायद कुछ लोग उन्हें अपना लेते पर कुछ तो संदेह करते ये हो सकता है कि नकली बन कराए हो क्यों क्योंकि अगर पुत्र कहे कि मैं तुम्हारा पुत्र हूं तब पिता स्वीकार करे तो मामला कुछ उंगली उठाने लायक बनेगा पर अगर पिता स्वीकार कर ले कि यह मेरा पुत्र है तो फिर समाज में कोई कुछ नहीं कह सकता माली ने देखा भगवान को तो जाकर रुक्मिणी देवी को बताया कि अपने भगवान जैसे हैं वैसे ही एक राजकुमार अपने बगीचे में ठहरा है और विचित्र बात यह है उस राजकुमार की उम्र भी उतनी है जितने वर्ष पहले अपना राजकुमार खोया [संगीत] था प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण आपका का कोई बालक खो जाए और कोई स्त्री आकर यह कहे या कोई पुरुष कहे कि आपके बालक जैसा बालक चौराहे पर बैठा है आप क्या करेंगे आप दौड़कर चले जाएंगे और ये नियम नहीं [संगीत] है देखो मैं बिल्कुल सटीक बात करूंगा यह नियम नहीं है सत्य नियम क्या है रुक्मिणी को सूचना तो मिली और रुक्मिणी का मन जाने को हुआ पर शास्त्र कहता है पराय पुरुष का दर्शन करने के लिए पत्नी को अपने पति की आज्ञा लेना अनिवार्य होती है बिना पति की परमिशन के नहीं जा [संगीत] सक प्रेम से बोलो अा सही बताओ आज की दुनिया में ज सही है कि गलत है सही है पर मैंने तो उल्टा ही देखा है आजकल पत्नियां परम नहीं लेती पति परमिशन लेते हैं प्रेम से बोलो सुधर रहे हैं ना बदलाव है जीवन का भगवान खूब बदलो ऐसे मैंने पहले दिन की कथा में कहा था कि तरुणी प्रवता गहे श्याल को बुद्धि दाय कहा जिसके घर में स्त्री की मालकी हो गई और पति लल्लूराम बन गए समझ लेना उस घर की उन्नति नहीं रास होना शुरू हो [संगीत] गया प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण रुक्मिणी ने पति से पूछा कृष्ण से पूछा प्रभु से पूछा गोविंद एक राजकुमार अपने पुत्र जैसा आया है अगर आप कह दो तो [संगीत] मैं जाकर उसका निमंत्रण कर दूं क्योंकि मैंने सुना है कि वह अनाथ है और विवाह करके आया [संगीत] है वो अनाथ है तो सास का नेग मैं ही कर दू प्रेम से बोलो हे कृष्ण देखिए हमारे बीच में हमारे विशेष प्रेमी हैं यह राजेंद्र तिवारी जमार गांव से जोरदार इनके लिए तालियां सपनी मंच पर स्वागत करते हुए और मैं आपको जानकारी दे दूं जमार गांव वास्तविक बहुत अच्छा गांव [संगीत] है पास में है जिसमें शायद चार हो गई चार तीन हो चार भागवत करने का मुझे मौका मिला और भैया वहां के हनुमान जी महाराज का तो चमत्कार देखने लायक है भयंकर पानी बरस रहा था और सवेरे भंडारा होना था बस पांच लोग गए नारियल रखा और पानी बंद और यह बड़ी विचित्र खुले खेत में भटिया लगाई गई और पुआ से के पूरी रात बूंद नहीं गिरी और 100 मन आटे के पुआ सिक गए खब गए और उसके बाद बरसा [संगीत] शरू वास्तविक बात है प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा तो ऐसे शुभ स्थान पर ऐसे और जब उस गांव में में कार्यक्रम होता है ना तो सर्व समाज एक होकर उस कार्यक्रम के लिए जुट जाते यह कितनी अच्छी बात [संगीत] है रुक्मिणी ने निमंत्रण भेजा और दूसरे दिन सवेरे कामदेव अपनी पत्नी के सहित भोजन करने के लिए पधारे और जैसे ही कामदेव को देखा रुक्मिणी के हृदय में वात्सल मया रुक्मिणी को ऐसा लगा कि वास्तविक मेरे पति आ गए मेरे पुत्र आ गया मेरा पुत्र आ गया प्रेम से [संगीत] बोलो पर पुत्र को हृदय से लगाना कैसे नारद बाबा प्रकट हो गए नारायण नारायण देवी तुम्हारा बेटा विवाह करके लौटा है और आप अपने पुत्र को यानी कि दूल्हा दुलहन को लेने का काम अकेले कर रही हो रुक्मिणी के हाथ से थाली छूट गई दोनों हाथ जोड़कर आंखों में आंसू भर लिए नारद जी यह मेरा पुत्र है नारद जी ने कहा हां अा एक और चर्चा देखिए नारद के कहने पर भी रुक्मिणी ने सत्य नहीं माना पलटकर अपने पति से पूछा भगवान से पूछा यह नारद जी क्या कह रहे हैं प्रभु ने हंसकर कहा कि यह तुम्हारा पुत्र है रुक्मिणी जी जी नाराज हो गई प्रभु इतनी देर से मैं अपने पुत्र के सामने खड़ी थी आप मुझे पहले क्यों नहीं बोले भगवान हंसकर बोले मैं तो देख रहा था कि तेरे अंदर पुत्र को पहचानने की क्षमता है कि नहीं पूरे नगर में बल लगा और बिलौआ लगने के बाद बड़े सुंदर तरीके से दूल्हा दुलहन की अगवानी हुई है बड़ा सुंदर आनंद महोत्सव मनाया गया [संगीत] है आइए उसी महोत्सव में सम्मिलित होते [संगीत] हैं मेरा एक नजर तुझे देखना किसी बंदगी से कम [संगीत] नहीं दिल में जग दी आपने ये इबादत से कम नहीं आप य इस तरह से होश उड़ाया न [संगीत] कीजिए यो बन सवर के सामने आया न कीजिए हो काली काली अलको के [संगीत] हमें जिंदा रहने दे मुरली हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले काली काली अनको [संगीत] के काली काली अलको के फंदे क्यों डाले काली काली तो फंदे क्यों डाले हमें जिंदा रहने में गुरु देवा हमें जिंदा रहने दे है मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले हमें जिंदा रहने है मुरली हम जिंदा रहने है मुरली [संगीत] वाले [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] सितमगर हो तुम खूब पहचानते हैं सितमगर हम खूब तुम्हे पहचानते हैं सितमगर हो तुम खूब पहचानते हैं सितमघर हो तुम खूब पहचानते हैं तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं फरेब मोहब्बत में उलझाने वाले फरे बे मोहब्बत में उलझाने वाले हम जिंदा रहने दे है मुरली हम जिंदा रहने दे है मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वा दि ने दे मुरली वा श्री [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत] हरि [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत] ये रंगीले से नैना तुम को मुबारक ये रंगीले नैना तुम को मुबारक ये मीठे मीठे मैना तुम्ही को मुबारक ये मीठे मीठ मेना ी को मुबारक हमारी तरफ से हमारी तरफ से निगाहे हटा ले हमारी तरफ से निगाह हले हमें जिंदा रहने दे हमें जिंदा रहने दे हैं मुरली वाले श्री ह मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली [संगीत] वाले [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] हो [संगीत] श्री [संगीत] हरि [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] संभालो जरा ये पीतांबर गुलाबी संभालो जरा ये पिता गुलाबी करता है दिल में हमारे खराबी ये करता है दिल में हमारे खराबी ये करता है दिल में हमारे खराबी जो तेरा [संगीत] हुआ जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संभाले जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संले हमें जिंदा रहने दे मुरली हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हम जिंदा रने मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली हम जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले और इसी बीच में हमारे पास में दिनेश सिंह जादौन जोरा क्षेत्र ग्राम बराव से सुंदर मंच पर स्वागत करते हुए तालियों से अभिवादन अच्छा इनके यहां भी हम तीन भागवत कर चुके हैं और अब शिव पुराण की बारी है सूचना मिली थी तो बोले हम आ रहे हैं ने पधारो स्वागत है मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली बोले हमें जिंदा रहने दे मु हमें जिंदा रहने दे [संगीत] गुरवाली ताली बजाकर भाव से सभी [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] लोग [संगीत] हरि [संगीत] बोल यहां तुमने चेहरे पर्दा उठाया यहां तुमने चेहरे से पर्दा उठाया यहां तुमने चेहरे से पर्दा उठाया यहां तुमने चेहरे से पर्दा उटाया अले दिल का तमाशा बनाया अले दिल का तमाज बनाया भटकते हुए को भटकते हुए को तुम अब संभालो भटकते हुए को तुम अब संभालो हमें जिंदा रहने दो हम जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हम जिंदा रहने दे मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले वाले वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे है मुरली हम जिंदा रह दे दे है मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले हमें जिंदा रहने दे मुरली वाले मैं जिंदा रहने दे मुरली वाले मैं जिंदा रहने दे काली काली अलको के फंदे क्यों डाले काली काली अलकों के फंदे क्यों डाले काली काली अलको के काली काली अलको के काली काली अलको काली काली अलको के काली काली अलको के बंदे क्यों डाले हमें जिना रहने दे जिंदा रहने दे मुर्द वालो हमें जिंदा रहने दे मुर्द वाल हे मुरली वाले मुरली वाले मुरली मुरली वाले अच्छा अभी अभी हमारे प्रिय शिष्य अतुल बाथम भैया सुंदर मंच पर स्वागत करके गए उनके लिए तालियों से अभिवादन उनका रुक्मिणी ज्वेलर्स की तरफ से क्या बात [संगीत] है भगवान का पुत्र कामदेव विवाह करके वापस लौटा और जब कामदेव वापस लौटे ना प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अ कामदेव जब विवाह करके वापस लौटे इतने समय में भगवान के 16108 विवाह हो गए थे प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण परीक्षित ने कहा राजन परीक्षित ने कहा प्रभु सुखदेव महाराज आप मुझे उन सारे विवाहों की कथा का श्रवण [संगीत] कराइए अच्छा कितने दिन हो गए भागवत चलते चलते पांच नहीं हो गए सात हो गए आज सातवा है सात दिन में क्या विवाह भए अबे एक ही भव है तो सात दिना के हिसाब से 16108 विवा कना होंगे ते दिना कथा चलेगी देखो कछ तो कह रहे हैं चलन देव को बात ना प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा और कने तो एक एक दिना भारे पर रहो कब जाते प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्णा [संगीत] भगवान की सुंदर [संगीत] लीला आत सत्राजित [संगीत] सूर्य भक्तस परम सखा प्रीत तस्म मणि [संगीत] प्रादा सूर्य तुष्ट श [संगीत] मंत प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा देखिए अखिलेश पटेल दिनेश सोनी जी की तरफ से स्वागत तालियों से उनका अभिवादन हा अब बात नहीं करेंगे बात मंच पर नहीं करेंगे प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय हो देखो स्वागत भी होने चाहिए और कथा भी रुकना नहीं चाहिए तो ऐसा क्रम बनाए कि य भी रहे और व भी चलता रहे भगवान का एक मित्र है जिसका नाम है [संगीत] सतत सूर्य का भक्त है सूर्य की पूजा करता [संगीत] है अरे भैया बात ब कर बा ब प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्ण सूर्य की पूजा करता है तो सूर्य ने एक सुंदर मणि दी है जिसका नाम है शमतक [संगीत] मणि यह शमतक मणि आठ भार सोना प्रदान करती है एक दिन सराजित अपने गले में मणि को पहनकर भगवान कृष्ण की सभा में प्रवेश करते हैं अब मणि सूरज की तरह चमक रही थी जैसे ही सभा में सतत पहुंचे तो सब खड़े हो गए बोले पता नहीं कौन देवता है भगवान ने कहा खड़े मत हो बैठे रहो अपनी अपनी जगह पर यह मेरा मित्र सत जित है भगवान ने कहा सतत ये मणि कहां से मिली बोले सूर्य भगवान ने दी है इसका गुण क्या है बोले आठ भार सोना देती है ये रोज बैठ जा आठ भार सोना कितना होता है पहले यह किलो 100 ग्राम 200 ग्राम नहीं थे वर्णन बड़ा सुंदर है एक मुट्ठी धान को कहते हैं एक गुंजा और पांच गुंजा यानी पांच मुट्ठी धान को कहते हैं एक पण और पांच आठ पण का एक धरण होता है आठ धरण का एक कर्ष चार कर्ष का एक पल और 100 पल की एक तुला और 20 तुला का एक भार इतना [संगीत] बना भगवान कृष्ण ने सत जित से कहा सत जित इतने सारे सोने का आप क्या करोगे तुम्हें जितना जरूरत पड़े राजकोष से ले जाना यह मणि आप हमें दे दो जिससे संसार के भले के लिए इस सोने का प्रयोग हो [संगीत] जाएगा प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्ण एक बात और सुन लीजिए इधर बैठे हैं सब लोग किसी की कोई भी चीज कितनी भी सुंदर हो पर हम लोगों को किसी से मांगना नहीं चाहिए जैसे जेठानी जी द तोले को रानी हार बनवा ले आई और देवरानी ने कही जीजी भैया की शादी में जा रहे ना होए तो चार दिना को दे दो जिठानी ने कही तुम्हारी कसम हम नहीं देंगे द तोले का और शादी विवाह में इधर उधर हो गया तो हम क्या करेंगे बेचारी दौरानी चली गई और जिठानी ने दूसरे दिन बक्सा खोला तो उसमें से हार गायब अब सही बताओ किसने लिया हा राम देखो लड़ाई ऐसे होते घर में कछ ने तो क दौरानी ले गई होगी अच्छा लिया हो तो ना लिया हो और सगुनिया के पास जाओगे ना तो बहु जा कहेगा की एक बटिया देख रही है पक्का शक हो गया कि दौरानी ले गई अच्छा सगुनिया बटिया दिख रही पर काऊ जानकार है कोरोना से पहले कोरोना नहीं दिखो देखो भैया गुनिया सब कुछु दिख जाए तारे में रखी चीज दिख जाए पर नोटबंदी का नहीं दिखी आप जानो काहे प्रेम से [संगीत] बोलो भगवान की सुंदर लीला सत घर चले गए मणि सत जित के पास है सतत का भाई प्रन एक दिन मणि को कंठ में पहनकर घोड़े पर बैठ करर [संगीत] गया एक सिंह ने घोड़े पर आक्रमण कर दिया घोड़ा मर गया सत जित भी मर गए ना तो मणि वापस लौटी ना प्रसेन जित वापस लौटा प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृ [संगीत] आपस में माताओं में चर्चा होती है एक दिन सत जित ने अपनी पत्नी से कहा देवी मुझे तो ऐसा लगता है कि एक दिन भगवान कृष्ण ने मुझसे मणि मांगी थी और मैंने मणि दी नहीं तो कहीं ऐसा तो नहीं कि मणि के चक्कर में मेरे भाई की हत्या कृष्ण ने कर दी [संगीत] हो यह शब्द अपनी पत्नी से कहे और सत जितने कह भी दिया कि किसी से कहना [संगीत] मत अच्छा समाचार देखते हो आप समाचार टीवी पर कभी सुनते हो चैनल है आज तक एबीपी न्यूज वगैरह बहुत सारे चैनल नज के आते हैं एक इन सबसे बड़ा एक और चैनल है जो टीवी पर रेडियो पर नहीं आता अब वो है महिला मीडिया जो इनके चैनल पर सूचना फैले ब काऊ के पना पहले भगवान जाने कहां से बातें बन जाए एक बार चली थी चुटिया कट पता नहीं कटी काऊ की ना कटी पर भयभीत पूरा देश हम अपने बालन से कपड़ा बांध के स्वन लगे रात के अंधेरे में चुटिया कट चेहरा पर टॉर्च लगा के थोड़ देख काट आ काट को तो [संगीत] गड़बड़ अ चुटिया कट जाए तारे पुज जाए क्या बात है बेलना भरे आटे के घी के पुआ खब जाए ते छोरा तेही बेलना भरे आटे के पुआ केवल मैयो खाएगी बाप ने कहा बारो घर घर संकट है संकटा आज तक नहीं जिम काऊ के घर प्रम से बोलो जय श्री कृष्ण देख आप ही जानो मैं तो जो आ रही है बता रहा [संगीत] हूं धन्य है आप लोग अच्छा आप लोग तो बहुत अच्छे हैं आपकी बात नहीं कर रहा दूसरे क्षेत्र की बात कर रहा आप तो बहुत अच्छे ऐसी सर्दी में कथा सुनने आए जो बहुत बड़ी बात है आप लो बुरा मत मानना प्रेम से बोलो जय श्री कृष् कुंती ने जब करण जब करण के मरने के बाद युधिस्टर से कहा बेटा सबका पिंड दान तूने किया एक पिंड और कर दे युधिस्टर ने कहा मां किसका तो कहा एक पिंड अपने भाई करण के नाम का [संगीत] करते युधिष्ठिर ने कहा मां वो राधे था सूत पुत्र था कुंती ने कहा नहीं यिर व सूत पुत्र नहीं वो कौते था यष ने कहा मां इस महाभारत की नीव तूने लगा दी अगर मुझे पता होता इस बात का कि वो मेरा भाई है तो यह महाभारत नहीं [संगीत] होता इतना बड़ा रहस्य तू छिपा गई मैं धर्मराज युधिस्टर आज से समस्त महिला जाति को श्रापित श्रापित करता हूं आज के बाद कोई महिला अपने पेट में बात को पचा नहीं पाएगी प्रेम से बोलो तो देखो इसमें आपका दोष नहीं है ये यह तो य दुष्ट की श्राप का कारण है प्रेम से बोलो आप तो बहुत अच्छे [संगीत] हैं पत्नी ने दूसरी स्त्री से दूसरी ने तीसरी से तीसरी ने चौथी से और यह धीरे धीरे बात रुक्मिणी के कानों में पहुंच गई रुक्मिणी की आंखों में आंसू आ गई शाम को प्रभु पधारे तो रुक्मिणी ने कहा प्रभु एक साधारण सी मण के मणि के लिए तुमने एक हत्या कर दी भगवान ने कहा क्या कह रही है तू मैं किसी की हत्या क्यों करूंगा बोले तुमने प्रसन जित का वध किया है ऐसी सूचना पूरे नगर में है देखो मैंने कहा था ना कथा सुनकर जाना बहुत कुछ सार सीखने को मिलेगा भगवान के ऊपर आरोप लग गया अगर जब आपके जीवन में आप पर आरोप अगर लग जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए सबसे पहले आप जिस पद पर बैठे हैं परमात्मा कृष्ण ने राज्य का त्याग किया और मंडली कभी भी एक पक्ष की मत बताना दोनों पक्ष की अपने पक्ष की भी उनके पक्ष की मंडली ने दोनों ने तय किया कि मणि का चक्कर पड़ा है जब तक मणि नहीं मिलेगी कृष्ण आपका आरोप सि मणि ढूंढनी पड़ेगी भगवान कुछ जानकारों के साथ में जंगल की ओर घोड़े के चरण चिन्हो के द्वारा गए और आगे देखा कि घोड़ा मरा पड़ा है और वही हड्डिया पड़ी है प्रसंत के वस्त्र पड़े हैं पर मणि नहीं है यह सिद्ध हो गया कि प्रसेनजित अब जिंदा नहीं है और वहां शेर के पंजों के निशान देखे तो यह भी सिद्ध हो गया कि कृष्ण ने नहीं यह सिंह ने मारा है पर दोनों मंडलियों ने कहा कि मणि की बात हुई थी इसलिए कृष्ण पहले मणि ढूंढना पड़ेगा सिंह के चरण चिन्हो के माध्यम से आगे बढ़े आगे सिंह भी मरा पड़ा है मणि वहां भी नहीं है पर से रक्ष राज जांत जी के चरण दिखाई दिए बोले इन चरणों के माध्यम से आगे चलो और वो चरण चिन्ह एक गुफा में घुस गए परमात्मा उस गुफा में प्रवेश करते हैं साथी लोग दरवाजे पर बैठे रहे भगवान कह गए थे कि अगर 15 दिन में लौट करर आ जाऊं तो ठीक है नहीं तो घर चले जाना 15 दिन पूरे हो गए घर आ गए जब भगवान अंदर गए थे ना तो सुंदर जामवंती के झूले पर मणि लटक रही थी और अंधेरे में प्रकाश हो रहा [प्रशंसा] था भगवान जैसे ही मणि को लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाते हैं जा मंती जी ने आवाज लगा दी पिताजी कोई मणि लेने आया है जा मंत जी बाहर निकले और निकलते ही परमात्मा कृष्ण को पहचान गए कि मेरे राम [संगीत] आए [संगीत] मेरे राम आए [संगीत] हैं हाथ जोड़कर क्या बात है बोले यह मणि मेरी है मंत जी ने कना ये मणि मेरी है अच्छा जामवंती जी समझ रहे हैं कि यह मेरे प्रभु राम है पर भेष बदला है जामवंत जी जब त्रेता में राम जी के साथ युद्ध कर युद्ध लंका पर विजय प्राप्त करके वापस लौटे तो प्रभु ने सबको उपहार दिए जामवंत जी से कहा तुम भी कुछ मांग लो तो जामवंत जी ने कहा मैं क्या मांगू मैं युद्ध करने के लिए आया था परंतु युद्ध करने के लिए मेरे बराबर का तो कोई योद्ध ही नहीं मिला भगवान बोले तो क्या चाहते हो जा मंत जी ने कहा प्रभु अब तो मैं यह चाहता हूं कि आप ही मुझसे युद्ध कर ले अच्छा भगवान बोले देखो जा मंत जी बात ऐसा ऐसी है के स्वामी और सेवक का युद्ध शोभा नहीं इस समय तो मैं तुम्हारा यह मनोकामना पूरी नहीं कर सकता परंतु कुछ समय उपरांत जब मैं कृष्ण बनकर आऊंगा तो तुम्हारी य युद्ध की इच्छा भी पूरी करूंगा इसलिए जामवंत जी ने युद्ध मांगा था स परीक्षा लेने के लिए कहा प्रभु आप मुझसे युद्ध करो अगर युद्ध में जीत जाओगे तो मणि तुम्हारी भगवान ने कहा ठीक है और युद्ध प्रारंभ हुआ एक दिन दो दिन चार दिन छ दिन 10 दिन 15 दिन नहीं 28 दिन युद्ध चला जाम मंत जी की हड्डी हड्डी चटक गई अब तो गधा उठाए गधा छूट जाए जा मंत जी समझ गए कि मेरे प्रभु हैं दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम किया प्रभु मुझे तो राम रूप का दर्शन करा दो कित मुरली कित चंद्र [संगीत] का कित गोपन को साथ अपने जन के कारण सो कृष्ण बने [संगीत] रघुनाथ देखो कल 22 तारीख है ध्यान रखना सबके दरवाजे पर दीपक जलना चाहिए और एक ही भाव होना चाहिए हो मेरी झोपड़ी के बाग आज हो मेरे झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे तेरी झोपड़ी के भाग आज भूले जाएंगे राम आएंगे मेरी ोप के माग आज खुल जाएंगे राम आएंगे मेरी कुटिया के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे हो राम आएंगे आएंगे राम आएंगे ब आएंगे आएंगे राम राम आएंगे हो राम आएंगे आएंगे राम आएंगे आएंगे आएंगे राम आएंगे मेरी झोपड़ी के बाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे तेरी झोपड़ी के भाग आज ले जाएंगे राम आएंगे [प्रशंसा] जय हो श्री [संगीत] [प्रशंसा] हरि [संगीत] राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी दीप जला के दीपावली मनाएंगे दीप जला के दीवाली बनाएंगे मेरे जन्म के मेरे जन्मों के सारे पाप मिट जाएंगे रामा हो मेरे जन्मों के सारे पाप मिट जाएंगे रामा आएंगे मेरी झोपड़ी के भाग आज ल जाएंगे रामे मेरी झोपड़ी के बाग आज खुल जाएंगे राम [संगीत] आएंगे [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] हो राम झूलेंगे तो पल ना झुलाए हो राम झूलेंगे तो पल ना लाओगे राजा रामचंद्र की हो हो राम झूलेंगे तो फल ना झुलाए हो राम झूलेंगे तो पलना लाऊंगी मीठे मीठे भजन में सुनाएंगे मीठे मीठे से भजन सुनाऊंगा मीठे मीठे मैं भजन सुनाऊ हो मेरी जिंदगी के मेरे जिंदगी के सारे दुख मिट जाएंगे राम आएंगे मेरी जिंदगी के सारे दुख मिट जाएंगे राम आएंगे मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे राम आे तेरी खुशिया के भाग आज जाग जाएंगे राम [संगीत] [संगीत] [संगीत] आएंगे [संगीत] [प्रशंसा] हम तो रुचि रुचि भोग लगाएंगे हम तो रुचि रुचि भोग लगाएंगे प्रभु को रुचि रुचि भोग लगाएंगे प्रभु को रुचि रुचि भोग लगाएंगे तन झूमेगा गीत सुनाए तन झूमे का गीत सुनाएंगे तन झूमे का गीत सुनाएंगे ल झूमे का गीत सुनाएंगे संग सीता जी को संग सीता जी के प्रभु श्री आएंगे मेरी ि आख भाग आज जाएंगे राम आएंगे हो राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे नाम आएंगे तो अंगना सजाएंगे टिया के भाग आद जाग जाएंगे राम आएंगे हो मेरी कुटिया के भाग जाग जाएंगे राम आएंगे री कुटिया के भाग आज जाग आे [संगीत] आएंगे पंडित केके तिवारी जी ज्योतिषाचार्य [संगीत] वेदाचार्य अपने पत्नी पुत्र पुत्र बधु के साथ में सुंदर अभी मंच पर स्वागत कर रहे थे जोरदार तालियों से उनका अभिवादन और इससे पहले हमारे विजय सिंह कुशवा जी राजा बस [संगीत] साहब आपके धर्मवीर पेट्रोल पंप के पास से सुंदर स्वागत कर रहे थे यह भी हमारे प्रिय शिष्य हैं के लिए भी जोरदार तालियों से [संगीत] अभिवादन इधर आओ प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण भगवान की सुंदर पावनी लीला जाम मंत जी को राम जी का दर्शन हुआ फिर प्रभु कृष्ण रूप में आए जा मंत जी ने कहा प्रभु ये मणि ले जाओ पर इस मणि को सिद्ध कैसे [संगीत] करोगे इस मणि को सिद्ध कैसे करोगे कि यह मणि में वहां देखिए यह जो कार्यकर्ता लोग हैं यह बातें कम [संगीत] करें हा देखो कथा में आप काम कर रहे हैं बिल्कुल साइलेंट मड में काम करेंगे और आप अगर चर्चा करेंगे तो हमें ऐसा लगेगा कि हम सब्जी मंडी में बैठे हैं वहा सबको अपनी अपनी पड़ी अरे तनक हम सुन लो प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण भगवान की सुंदर पावनी लीला भगवान ने कहा हा जांत जी यह बात तो सही है सिद्ध कैसे करेंगे जा मंत जी ने हंसकर कहा एक काम कर लो मेरी बेटी से विवाह कर लो और मैं यह मणि अपनी बेटी को दहेज में दे दूंगा ठीक है ना जब सभा में तुम बैठोगे ना तो मेरी बेटी तुम्हारे चरणों में यह मणि रखेगी तो आपको कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी यह मणि मुझे कहां से [संगीत] मिली प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण भगवान ने कहा का है तुम्हारी बेटी बेटी आ गई अच्छा बेटी कौन है मालूम है बेटी है जाम मंती जी अच्छा रीच देखा है आपने रीच रीच के के पैर होते हैं कितने होते हैं चार और हाथ कितने होते हैं अच्छा दो हाथ सुन लो भैया कितनी जानकारी है इनको चार पैर दो हाथ क्या बात है जय हो अच्छा दो हाथ दो पैर ठीक है प्रभु जय हो अच्छा तो रीच पर दो हाथों से चलता है कि दो पैरों से चार अब फिर चार पे आ गया आप जय हो भगवान भलो करे आपको कितना बढ़िया सुधार है अरे सुधर जाओ रीच के दो हाथ जो है ना वो हाथों का भी काम करते हैं और पैरों का भी करते हैं वो टन है प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्ण जा मंती जी का भी ऐसा ही स्वरूप है पूरे शरीर पर इतने बड़े-बड़े बाल है भगवान दांतों तले उंगली लगाकर देखते रह गए हाय राम जा के संग विवाह करेंगे तो जा की तो पूछ [संगीत] ए बहु घर लेकर जाए तो सही बताओ हसी होगी कि [संगीत] नहीं प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण भगवान ने कहा देखो विवाह तो हम कर लेंगे पर शर्त रहेगी बोले क्या बोले विदा हम शाम को रात को कराएंगे प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण विदा रात को कराएंगे [संगीत] और एक बड़ो स घरो बनवाया एक बड़ी सी चोली ऊपर से बड़ी सी चुनरिया क्यों जिससे जामवंती को न नहीं दीख [संगीत] [संगीत] [प्रशंसा] है प्रेम से बोलो [संगीत] बड़ा सुंदर वर्णन [संगीत] है भगवान ने सुंदर घरो पहनाओ चोली पहनाई ऊपर से चंदरिया उड़ाई और ऐसे दोनों हाथ जोड़े जाम मंती जी के देवी जी रोज भले ही चार पैर से चलना पर अब हमारी इज्जत वाला मामला है रथ पर बैठ तो भले ही चार पैर से जाना पर जब उतरो तो ढंग से उतरना प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा अच्छा भैया आगे सब लोग बैठेंगे तो फिर पीछे कौन जाएगा इधर आ जाओ सब लोग राजू भैया व्यवस्था संभालो प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय भगवान की सुंदर पावनी [संगीत] लीला रात को विदा हुई और भगवान रथ में बिठाकर जा मंती को चले दो बजे महल पर पहुंचे द्वारपाल सो रहे होंगे कि जाग रहे होंगे एक द्वारपाल दूसरे से बोलो भाई साहब ऐसी विदा पहली बार देखिए जो रात के दो बजे आ रही है लगे कि भगवान ने विवाह कर [संगीत] लो प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्णा बड़ा सुंदर वर्णन है भगवान ने र ऐसे जाम मंती जी का हाथ पकड़ा बोले उतर आओ अच्छा जाम मंती जो उतरी ना तो उचक के उतरी प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अच्छा गोने से कोई बहू आई हो विदा है के और फोर व्हीलर में से उतरे तो सही बताइयो पूरे मोहल्ले में चर्चा होगी कि नहीं यह माताएं बहने बड़ी चतुर है यह बेटियों को सिखा देती हैं कि बेटा धीरे चलना धीरे बोलना थोड़ा खाना देखा होगा ना जब पत्नी घर आती है ना पहली बार विवाह होके तो बा से पूछेंगे पानी पिएगोन [संगीत] खाना खाएगी अच्छा ऐसे भी नहीं केवल ऐसे मोहल्ले की सारी महिलाएं बात करेंगी पर वो जवाब नहीं देगी मौन रहेगी ऐसे सर हिला देगी ऐसे कर देगी ऐसे बस और कुछ नहीं हमने तो गाड़ी में से उतरते हुए भी गौर से देखा ऐसा लगता है जैसे हॉस्पिटल से छुट्टी होकर आई हो दो लड़कियां पकड़ लेंगी वाह रे जमाने पहले आई पहले दिन ऐसा लगा जैसे इनसे सीधा इंसान तो कोई है ही नहीं और एक दो बार और आई गई अब नेक थोड़ी चटकने मटकनी है गई और तीन चार बर की आवे बारी है तो फिर पूछो का हमने रिसर्च किया इसके ऊपर पहली बार जब जाए तो चंद्रमुखी दो तीन बार के बाद में सूरज मुखी और एक साल के बाद में ज्वालामुखी अब सबरे धरे कुत का प आ जाओ क्या बात है जय हो भगवान भलो कर आप आपकी नहीं कह रहा आप तो बहुत अच्छे हैं क्या है कि 23 तारीख से इंदौर कथा है ना शिव पुराण की परसों से तो हमें कल निकलना पड़ेगा और वैसे अगर आप लोगों की इच्छा हुई तो एक शिव पुराण की हमारी इच्छा है आपको यहां सुनाने की क्योंकि अभी आपने जो शिव पुराण सुना है ना वो शिव पुराण अभी सुना नहीं है आपने जो पुराण में लिखा है आप जब उसे सुनोगे तब पता लगेगा कि पुराण में तो क्या क्या नहीं है अगर देखो कृपा भोले बाबा की रही तो शिव पुराण की कथा भी इसी प्रांगण में सुनेंगे और अगर भगवत कृपा रही तो इसी वर्ष सुनेंगे प्रेम से बोलो जय श्री [संगीत] कृष्ण भगवान अंदर ले गए जामवंती जी को और जाके एक कमरे में बंद कर दिया ताला डाल के चाबी जेब में और इतनी देर में तो देवकी आ गई लाला मैंने सुना कि तने विवाह कर लो भगवान बोले हां मैया तो बोले ला ने एक बहुए देख ल भगवान बोले मैया सवेरे देख लिए क्यों बोले रात में यदव नहीं मिलेंगे हकीकत ये है कि कोई दुलहन देखे जाए और जो घूंघट खोले बा में ते रीच नहीं रध रे तो हार्ट अटैक आवेग कि नहीं आवेग रात को वैद कहां ढूंढे जाएंगे बोले मैया सवेरे देख लिए बहुत सुंदर है अब मैया तो जैसे तैसे करके चली गई पर तब तक रुक्मिणी आ गई प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण रुक्मिणी ने कहा प्रभु मैंने सुना है कि आपने विवाह कर लिया मेरी छोटी बहन कैसी है भगवान बोले रुक्मिणी मत पूछे क्यों बोले हकीकत तो यह है इतनी सुंदर है कि तू तो वाक पान के धूर के बराबर ना रुक्मिणी के अंदर सोतिया डाह आने लगा अगर जामवंती मुझसे ज्यादा सुंदर है तो प्रभु उससे प्रेम करेंगे मुझसे नहीं करेंगे और चाबी से ताला खोल दिया कमरे में अंधेरा है भगवान बोले चलो र ने कहा अंधेरा क्यों है भगवान ने कहा तू जैसे ही घूंघट खोलेगी पूरे कमरे में उजार है जाए इतनी सुंदर जो है प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण [संगीत] कृष्णा शांति का दान दे सभी लोग रुक्मिणी को पक्का भरोसा हो गया कि जा मंती मुझसे ज्यादा सुंदर है अब जामवंती बिचारी एक कोने में बैठी [संगीत] है एक कोने में बैठी हैं रुक्मिणी जी पहुंच गई अच्छा भगवान पहले से ही सिखा कर गए थे जाम मंती को बोले हम रुक्मिणी को लेकर आएंगे और तुम अपनी चुनरिया के पल्लू से उनके चरण छू लेना जा मंती जी ने क हाथों से नहीं छुए बोले ना इतने बड़े हैं चुप जाएंगे जैसे ही रुक्मिणी आई सो जामवंती जी ने ऐसे पल्लू लिया और चरणों की तरफ हाथ वाह क्या बात है यह संस्कार है और ऐसा संस्कार माताओं के पास देखने को मिलता है मैंने देखा है मंच पर माताएं आती हैं मैं प्रसाद देता हूं तो आज तक किसी मां ने किसी बहन ने हाथ में प्रसाद नहीं लिया सब झोली में सही है कि नहीं मैं बनावटी कह रहा हूं बुराई तो नहीं कर रहा आपकी ये बढ़ाई अच्छा मैया पैर भी छूती है ना तो ऐसे घूंघट पल्लू को पकड़ के वाह क्या बात है जय हो भगवान के सामने भी जाए तो मांगेगी तो ऐसे पल्लू फैलाकर क्या बात है जय हो भगवान बहुत आपका संस्कार खूब ऊंचा बढ़े देहरी के पैर भी छूती है तो [संगीत] ये संस्कार है अगर घर में कोई बड़ा आ जाए ना जेठ वगैरा ससुर वगैरा तो पर्दा कासे करती है थोड़ा सा बोला करो पल्लू से वाह देखो प्रसाद काहे में लेती है पल्लू में पैर कासे छूती है पल्लू से और मंदिर में जाएंगी तो भगवान से मांगेगी तो पल्लू फैलाकर और पर्दा भी पल्लू से और तब तक निक आवे छोरा की नाक जल्दबाजी में हाय राम पल्लू ही पुछ जाए जय हो भगवान भलो करे कने तो क पल्लू जय हो और तब तक आ गए पंडित जी भोजन को तो रि जल्दी में आओ पंडित जी महाराज लगाओ भोग जय हो भगवान भला करे आपका देखो आप तो बहुत अच्छे हैं आपकी बात नहीं कर रहा ये मैं आप तो बहुत ही अच्छे हैं यह तो हमारी तरफ की है प्रेम से बोलो भगवान भला करे और जैसे ही पल्लू से पैर छुए रुक्मिणी ने चेहरा देखा ही नहीं दोनों हाथ ऐसे सर पर रखे और कह दिया बहन मेरो आशीर्वाद है तू मो जैसी सुंदर है जा वो सोच रही थी ज्यादा है कम है जाएगी पर वहा तो सुंदरता थी नहीं भगवान ने लंबी सांस ली बोले देवी खोलो चेहरा मुह खोलो और जो मुह खोलो तो तैसी रुक्मिणी तैसी जाम बनती जी भगवान मन में विचार करने लगे बच गई आज नाथ नहीं तो गड़बड़ है जाती सभा में सवेरे बैठे तो मणि लेकर जामवंती जी गई और प्रभु के चरणों में मणि को रखकर कहा यह मेरे पिताजी ने आपके लिए उपहार भेजा है और इतनी सी बात सुनी तो सत जित की आंखों में आंसू आ गए बोले मैंने झूठा आरोप लगाया सत जित मरने की तैयारी करने लगा लोगों ने कहा मरो मत तुमने पाप किया है तुम्हे प्रात करना पड़ेगा और प्रात स्वरूप में अपनी बेटी का विवाह भगवान कृष्ण के साथ कर दो प्रेम से बोलो सतत ने अपनी बेटी सत्य भामा का विवाह प्रभु के साथ कर दिया इस प्रकार प्रभु का तीसरा विवाह हुआ पावन श्रोताओं भगवान की सुंदर पावनी लीला एक दिन प्रभु के साथ में अर्जुन जंगल की ओर जा रहे थे और जंगल में एक स्त्री के रोने की आवाज सुनाई पड़ी अर्जुन ने हाथ में गांडीव लिया गोविंद कोई रो रहा है भगवान बोले रोने दो तुम्हें क्या लेना देना है नहीं नहीं प्रभु मैं जाना चाहूंगा और हाथ में लेकर उस स्त्री के पास पहुंचे सांवले रंग की स्त्री एक पे के नीचे बैठी बैठी रो रही [संगीत] है अर्जुन ने प्रणाम करके पूछा देवी तुम कौन हो पत्नी ने आप [संगीत] बताया अहम देवस्य सतु दुहिता पति [संगीत] मते विष्णु रेण वरदम त परम [संगीत] आस्ता देखिए हमारे बीच में दिनेश सिंह सिकरवार जी सुंदर स्वागत के लिए पधारे जोरदार तालियों से उनका अभिवादन अपने सभी साथियों के साथ स्वागत करते हुए और हमारे जगदीश पाल गोस्प नंबर दो से हजीरा से सुंदर स्वागत कर रहे हैं [संगीत] कैसे प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की [संगीत] जय [संगीत] शुभ नाम अन अन्नू भैया के लिए भी जोरदार तालियों से उनका अभिवादन अनू परिहार [संगीत] जी प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी जय देखो धर्म कांत शुक्ला भैया जी स्वागत कर रहे हैं तालियों से इनका भी अभिवादन और मैया हमें आशीर्वाद देवे आईने मैयो के काज ताली बजा [संगीत] दिया [संगीत] और देखो हमारी रूबी बिटिया भी सुंदर स्वागत कर रही है उनका भी [संगीत] अभिवादन अर्जुन ने पूछा तुम कौन हो उस स्त्री ने आप बताया अहम देवस्य सवि तोर दुहिता पति मते विष्णु वरेणम बरद त परम आस्ता मैं सूर्य की पुत्री हूं और विष्णु को अपने पति रूप में पाने के लिए सुंदर तप कर रही हूं अर्जुन ने कहा देवी अगर आपको बुरा ना लगे तो एक चीज कहूं बोले क्या बोले स्वयं परमात्मा कृष्ण रूप में पृथ्वी पर आ गए हैं कृष्ण रूप में अगर तुम चाहो तो तुम विवाह हम कृष्ण के साथ कर सकते हैं नाम क्या है तुम्हारा मुस्कुरा करर कहा कालिंदी समाख्या बसाम यमुना जले निर्मिति भवनी पिा या वद अचत [संगीत] दर्शन मेरा नाम कालिंद्री [संगीत] है मैं सूर्य की पुत्री हूं बसामी यमुना जले है मैं यमुना के जल में रहती हूं निर्मिति भवन पिा मेरे पिता ने घर बनाया है मेरा याव अक्षत दर्शन प्रभु के दर्शन के लिए बैठे हु देखिए कितनी बड़ी बात है यहां भागवत के अगर श्लोक के अर्थ को समझे तो रहस्य प्यारा है कालिंद्री ने क्या कहा कि मेरा नाम कालिंद्री है और मैं यमुना के जल में रहती हूं इसका मतलब यह है कि कालिंद्री अलग है और यमुना अलग है [संगीत] यमुना के जल में रहती हूं पर अगर अध्ययन करके इसकी जानकारी की जाए तो आपको मैं जानकारी दे दूं यह कालिंद्री यमुना का ही अवतार है अर्जुन ने कहा देवी तुम्हारा विवाह मैं तो नहीं करा सकता पर आप मेरे साथ चलो और अर्जुन अपने साथ में कालिंद्री को लेकर गए युधिष्ठिर दादा के पास में और युधिष्ठिर महाराज के माध्यम से कालिंद्री का विवाह भगवान कृष्ण के साथ कराया यह प्रभु का चौथा विवाह [संगीत] था पावन श्रोताओं बंदा [संगीत] बंदा दुर्योधन बसा [संगीत] स्वयं बरे स् भगनी कृष्ण सत्तान से [संगीत] सता राम किशन पटेल के नाती सोनू पटेल सुंदर स्वागत करते हुए तालियों अभिवादन विंद और अनुविंद उज्जैन देश के राजा थे और इनकी प इनकी एक सुंदर बहन है जिसका नाम है मित्र वृंदा मित्र वृंदा ने स्वयं अपनी इच्छा से परमात्मा से विवाह किया ये प्रभु का पांचवा विवाह हुआ कौशल देश के राजा नागन जित इनकी बेटी का नाम है नागन जिती नागन जित राजा के यहां सात बैल है और बड़े खक बैल है राजा ने शर्त रखी थी कि मैं अपनी बेटी का विवाह उसी के साथ करूंगा जो सात बैलों को एक रस्सी में एक बार में नाथ दे कई राजा इस शर्त को पूरा करने के लिए आगे तो बढ़े पर मर गए कर नहीं पाए परमात्मा ने इस शर्त को पूरा किया और नागन जिती के साथ में प्रभु का छवा विवाह हुआ भगवान कृष्ण की एक बुआ थी जिनका नाम श्रुति कीर्ति था केकई देश में विवाह थी इनकी कन्या का नाम भद्रा थाद ने अपनी मर्जी से विवाह किया मध्य प्रदेश राजा की एक सुंदर बेटी जिसका नाम लक्ष्मणा जैसे गरुड़ ने अमृत का हरण किया उसी प्रकार परमात्मा कृष्ण ने लक्ष्मणा का हरण करके आठवा विवाह पूर्ण किया पावन श्रोताओं [संगीत] इंद्रे त्रण हिरत कुंडल बंधुन हिरता मरा स्थाने जपि तो भ [संगीत] मछ पृथ्वी पर उस समय राजा था जिसका नाम था भोमा सुर अच्छा भम माने पृथ्वी भौम माने पृथ्वी यह पृथ्वी का पुत्र है और जब यह भौमा सुर पैदा हुआ था ना तो पृथ्वी ने प्रभु से पूछा बोले गोविंद आप मेरे पति स्वरूप हो य बे आपकी कृपा से भोले बाबा की कृपा से पैदा हुआ है मैं इसकी मृत्यु के बारे में जानना चाहती हूं प्रभु ने हंसकर कहा देवी इसकी मृत्यु मेरे हाथ से होगी पृथ्वी देवी ने दोनों हाथ जोड़े बोले आपके हाथ से मृत्यु हो जाए मुझे कोई दिक्कत नहीं पर आज तक मैंने आपसे कुछ नहीं मांगा आज मांग रही हूं क्या जब तक मैं ना कहूं तब तक मेरे पुत्र की हत्या आप ना करें भगवान ने कहा तथास्तु ऐसा [संगीत] ही इस भोमा सुर ने 161 कन्याओं को अपने कारा ग्रह में बंदी बना लिया है एक गुप्तचर ने जाकर भवान से कहा बोले प्रभु 161 कन्याए मरणासन स्थिति में है दुष्ट के यहां बंदी है आप राजा हो तो उनकी रक्षा [संगीत] करो भगवान सवा से खड़े हुए अपनी पत्नी सत्यभामा के कक्ष में गए भगवान का चेहरा उदास है आंखों में थोड़े से आंसू है सत्यभामा ने दोनों हाथ जोड़कर पूछा प्रभु क्या बात है बोले देवी कल मुझे युद्ध के लिए जाना है और जिस दुष्ट के साथ युद्ध करने के लिए मैं जा रहा हूं पता नहीं मैं जीत पाऊंगा कि नहीं जिंदा लौटूंगा कि नहीं बस इतना शब्द सुना सत्य भामा ने कह दिया कि मैं आपको अकेले नहीं जाने दूंगी ध्यान रखना कथा सुनना बहुत सरल है घर से तैयार होकर आ जाओ मंच पांडाल में आकर बैठ जाओ बढ़िया से चर्चा इधर उधर की करते हुए सुन लो थोड़ी बहुत और उठकर घर प्रसाद लेकर चले जाओ पर कुछ सीख कर जाओगे तो बहुत कुछ [संगीत] पाओगे अगर पति के जीवन में थोड़ा सा भी कष्ट है तो पत्नी को सारी बई भूलकर अपने पति के साथ खड़ा हो जाना [संगीत] चाहिए अगर पति को कोई परेशानी है और उस समय अगर पत्नी छाती ठोक कर बोल दे कि आप चिंता मत करो आपका परिवार आपका साथ दे न दे कोई फर्क नहीं पड़ता आपके रिश्तेदार मोहल्ले वाले आपके साथ हो ना हो कोई दिक्कत नहीं पर चिंता मत करना आप अकेले नहीं आपके साथ मैं खड़ी हूं आपका पति स्वर्ग से तारे तोड़क ले आएगा बड़ी सी बड़ी समस्या का समाधान ढूंढ करर ले आएगा पर पत्नी जब विपक्ष में खड़ी होती है तो हृदय टूटता [संगीत] है यह केवल पत्नियों के लिए नहीं पतियों के लिए भी है कि अगर पत्नी के जीवन में कोई संकट आ जाए या कोई समस्या आ जाए तो उस समय पति को सारी बुराई छोड़ देनी चाहिए और केवल एक ही शब्द कहना चाहिए तू घबराना मत मैं तेरे साथ हूं अगर यह चीज हो जाए ना तो जीवन का कलह समाप्त हो जाए हमने देखा है कि कई भाई लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं क्यों क्योंकि हम लोग एक दूसरे के कष्ट को समझ नहीं पाते ध्यान रखना आपका चेहरा कितना भी सुंदर हो पर सच्ची सुंदरता आपके मांग के सिंदूर से है और आपके मांग का सिंदूर आपके पति की वजह से है जिय बिन देह नदी बिन बारी तैसे ही नाथ पुरुष बिन नारी अगर मांग का सिंदूर धुल गया ना उसके बाद आप कितनी भी सुंदर बने रहना जब मोहल्ले में निकलोगे तो मोहल्ले वाले यही कहेंगे आज सवेरे सवेरे उसका चेहरा देखने को मिल गया सब बेकार हो गया मेरे भाई अपने उस कीमती चीज को प जानो और यह अनमोल जीवन जो आपको मिला है ना घर की छोटी-छोटी समस्याओं में उलझ करर अपने जीवन को बर्बाद मत करना कथा तो होती रहेंगी पर कुछ सीख कर जाना कुछ सुधर कर जाना पता नहीं हमें कल हम जिंदा रहे ना रहे पर कुछ ऐसे करके चले तो जीवन बदल जाए ये है रामचरित मानस में भी लिखा है कि धीरज धर्म मित्र और नारी आपतन परखिए चारी आपत्ति काल में पत्नी पति के साथ खड़ी हो जाए सच्ची वही पत्नी है बाकी सब कुछ नहीं [संगीत] है पत्नी ने कह दिया आप अकेले नहीं जाओगे और भगवान भी चाहते थे कि सत्यभामा मेरे साथ चले क्योंकि सत्यभामा पृथ्वी का अवतार है और जब भोमा सुर के युद्ध कर भोमा सुर से युद्ध करने के लिए प्रभु जब आगे बढ़े हैं ना तो भोमा सुर को पता चला कि कृष्ण अकेला आया है तो भोमा सुर भी नीति के अनुसार अकेला युद्ध करने के लिए आया पर विचित्र बात भोमा सुर का बाण इधर उधर नहीं जा रहा सीधा निशाने पर लगता है और भगवान कृष्ण के बाण निशाने पर नहीं जा रहे सत्य भामा ने कहा प्रभु यह क्या हो रहा है बोले यह माया भी है और एक बाण प्रभु की छाती पर लगा मेरे परमात्मा मूर्छित होने का नाटक करने लगे पति को विचलित अवस्था में देखा पत्नी ने बाण खींचा भूल गई कि मैं कौन हूं और जोर से चिल्लाकर बोल पड़ी स्वामी उठो प्रभु उठो और इस दुष्ट का सार करो मैं कहती भगवान यही चाहते थे क्योंकि वचन दिए थे ना भगवान तुरंत खड़े हुए सुदर्शन चक्र से भोमा सुर का उद्धार किया [संगीत] उद्धार करने के बाद अंदर कारागृह में गए अंदर जैसे ही कारागृह में गए 1600 राजकुमारियों को आजाद [संगीत] किया आजाद करने के बाद सारी जितनी भी कन्याए थी वो बाहर निकल कर आई रो रही है सब भगवान ने कहा अब तुम जाओ तुम आजाद हो एक भी कन्या वहां से नहीं हटी प्रभु ने कहा क्या बात है तो उनमें से एक कन्या बोली एक बात कहना चाहते हैं प्रभु ने कहा कहो बोले हमने सुना है कि तुम भगवान [संगीत] हो भगवान ने धीरे से कहा हां मैं भगवान हूं दूसरी कन्या बोल पड़ी हमने यह भी सुना है कि जो भगवान का दर्शन करता है परमात्मा उसे इच्छा अनुसार वरदान देता [संगीत] है हां यह भी बात सत्य है तुम्हें मुझसे कुछ मांगना है 161 कन्याओं ने कहा हां प्रभु ने मुस्कुरा कहा मांगो क्या [संगीत] चाहिए 16000 स कन्या हाथ जोड़कर खड़ी हो गई प्रभु हम आपसे कुछ नहीं चाहते अगर आप ईश्वर है और आपने हमें दर्शन दिया है तो हम 16 स कन्या एक ही चीज मांगते हैं और वो है मृत्यु हमें म दे दो भगवान ने कहा क्या कह रही हो मैंने तुम्हें आजाद किया है आप घर जाओ 161 कन्याओं ने कहा नहीं हम घर नहीं जाएंगे क्यों क्योंकि अगर हम घर गए तो पहली बात हमारे माता-पिता अब हमें अपने घर में प्रवेश नहीं देंगे क्योंकि हम कई वर्षों से इसके यहां बंद हैं और कई दिनों तक इसकी कारा ग्रह में बंद रहने के कारण अब संसार का कोई भी पुरुष हमसे विवाह नहीं करेगा यह संसार चरित्रहीन का लांछन हमारे जीवन में लगा [संगीत] देगा इसीलिए हमें मृत्यु दे दो [संगीत] भगवान ने [संगीत] कहा आप दुखी मत हो सत्य भामा की तरफ देखा सत्य भामा का चेहरा उदास है गोविंद क्या [संगीत] करोगे प्रभु ने हाथ में जल लिया मैं द्वारकाधीश कृष्ण [संगीत] आकाश तत्व अग्नि तत्व पृथ्वी तत्व सूर्य तेज तत्व वायु त इन पांच तत्वों को साक्षी मानकर आज 16 स कन्याओं को अपने पत्नी रूप में स्वीकार करता [संगीत] [संगीत] हूं [संगीत] एक आस तुम्हारी [संगीत] है विश्वास तुम्हारा है एक तेरे सिवा मोहन यहां कौन हमारा है एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है अब तेरे सिवा मोहन यहां कौन हमारा अब तेरे सिवा प्यारे यहां कौन हमारा है श्री [संगीत] हरि [संगीत] [संगीत] [संगीत] फूलो में महक [संगीत] तुमसे तारों में चमक तुमसे फूलों में महक तुमसे तारो मैं चमकी तुम [संगीत] से फूलो में महक तुमसे तारो में चमक तुमसे अपने बीच में पंडित हरिओम उपाध्याय डायरेक्टर हजीरा व्यापार संघ के और देवीराम वर्मा रोमियो जी अध्यक्ष हजीरा व्यापार संघ के जोरदार तालियों से मोरे श्याम कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी क पा की ना होती जो आदत तुम्हारी तो किस दिल में होती इबादत तुम्हारी तो किस दिल में होती इबादत [संगीत] तुम्हारी जो नों के दिल में जगह तुम ना पाते जय जय जो दिनों के दिल में जगह तुम ना पाते तो घर घर ना होती इबादत तुम्हारी तो घर घर ना होती इबादत तुम्हारी फूलों में महक तुमसे तारों में चमक तुमसे फूलों में महक [प्रशंसा] तुमसे तारों में चमक तुम से बफों में है शीतलता अग्नि में दलक तुमसे बरफ में है शीतलता अग्नि में धक तुम से हो जिस ओर नजर डालू और नजर डालू तेरा ही नजारा है तेरा ही नजारा है अब तेरे सिवा मोहन यहां कौन हमारा अब तेरा सिवा [संगीत] मोहन यहां कौन हमारा है देखिए मंच पर अभी सुरेश पटेल नरेश पटेल भैया सुंदर स्वागत कर रहे हैं जोरदार तालियों से उनका अभिवादन हरि [संगीत] बोल [संगीत] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] मझधार में नया [प्रशंसा] है मजबूर खिवैया है मजेदार में नैया है ओ बड़ी दूर की वैया है [संगीत] देखिए हमारे जीतू यादव भैया सुंदर स्वागत कर रहे हैं नरेंद्र भैया सुंदर स्वागत कर रहे हैं तालियों से उनका [संगीत] अभिवादन हरि [संगीत] बोल [संगीत] [संगीत] ना हम होते मुलजिम [संगीत] ना तुम हो [संगीत] ते मुलम ना तुम होते [संगीत] हाक ना हम होते मुलजिम ना तुम होते [संगीत] हाकिम र घर में होती इबादत तुमरी ना घर घर में होती इबादत तुम्हारी गरीबों की दुनिया है आवाद [संगीत] तुमसे गरीबों की दुनिया है आबाद तुमसे गरीबों में है बादशाहत तुम्हारी गरीबों में है बादशाहत तुम्हारी ताली बजाते हुए दोनों हाथ उठाकर बोलिए गरीबों में है बादशाहत तुम्हारी मजार में नैया है जय हो मजबूर की मैया है मजदार में नैया है ओ मजबूर खिवैया है नैया का खिवैया [संगीत] प्यारे तू कन्हैया [संगीत] है का खिवैया जो रे तू कन्हैया है हाथ उठाकर भाव से बोलिएगा भव पार लगा देना भ पार लगा देना प्रभु भव पार लगा मज धार कीना यहां तेरे सिवा है अब कौन हमारा [संगीत] है [संगीत] [संगीत] हरि बोल [संगीत] [संगीत] [संगीत] इस तन में रमे हो तुम इस मन में रमे हो तुम इस मन में रमे हो [संगीत] तुम इस मन में रमे हो तुम मैं तुमको को कहां ढूंढू इस दिल में बसे हो तुम तुमको कहां ढूंढू इस दिल में े हो तुम घनश्याम दरस दे दो घनश्याम दरस दे दो कोई अब ना हमारा है राम दरश दे दो अब कोई ना हमारा है एक तेरे सिवा मोहन यहां कौन [संगीत] हमारा तेरे सिवा मोह हमारा तेरे सवा मोहन यहां कौन हमारा है यहां कौन हमारा प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अच्छा महाराज को माला डालने की बड़ी जल्दी है प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्णा अब देखो माला हम ऐसे ना डरवा जय हो भगवान भला करे अच्छा सही बतायो जब जीजा सारे माला पहरा आवे तो कैसो मौसम बने हैं जय हो जय हो सगाई जाएगी अच्छा सगाई कर रहे हैं आई जय [संगीत] हो सुंदर मंच पर स्वागत [संगीत] हमारे हमारे बहनोई विष्णु थापक जी महाराज के द्वारा आशीर्वाद मुझे मिला जोरदार तालियों से उनका अभिवादन और हमारे शिष्यों के द्वारा भी सुंदर स्वागत शुभ आशीर्वाद सभी को प्रेम से [संगीत] बोलो भगवान के सुंदर 16108 विवाह होते [संगीत] हैं परमात्मा अपने महल में बहुत अच्छे से रहते हैं 16108 पत्नियों के साथ में जीवन में कभी कल नहीं है यहां एक दो नहीं 1618 पत्नी है एक दिन नारद बाबा ने सोचा कि इन्होंने हमारा नहीं होने दिया तो चलो ना हो तो इनके घर में आग लगाए वीणा बजाते बजाते मन में सोचे रुक्मिणी के घर होंगे तो सत्य भामा के घर आग लगाएंगे नारद बाबा बणा बजाते बजाते रुक्मिणी जी रुक्मिणी के घर पहुंचे ना तो भगवान भोजन कर रहे हैं सत्य भामा के घर पहुंचे तो सिंहासन पर बैठे जा मंती के घर बैठे तो पलंग पर लेटे हैं मित्र बंदा के घर पहुंचे तो चौपर खेल रहे हैं नारद जी जल्दी जल्दी दौड़ लगाकर चारों तरफ सब रानियों के महल में जा रहे हैं जिस महल में जाते हैं उसी महल में भगवान अलग रूप में नजर आते हैं लौटकर सांस फूल गई लौटकर रुक्मिणी के महल में आकर चरणों में गिर पड़े बोले समझ गया भगवान बोले क्या समझ में आया बोले विवाह उसी को करना चाहिए जो विवाह के लायक हो ना तो बिना विवाह के ही ठीक है महाराज आपने 16108 कर लिए मैं समझ गया कि आप सब रानियों को बराबर दृष्टिकोण से देखते हैं धन्य है आप प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण प्रदुमन का एक सुंदर पुत्र होता है भगवान का नाती जिसका नाम है अनिरुद्ध बाणासुर की पुत्री उषा सपने में अनिरुद्ध को देखती है चि लेखा सुंदर चित्र बनाती [संगीत] है उष ने कह दिया यही पुत्र है और चित्रलेखा ने माया से उस बालक का हरण कर लिया उषा अपने महल में उस बालक को रखती है और कुछ दिनों के बाद उषा का गर्भ रह गया प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसी कथा है तो मैं आपको जानकारी दे दूं यह शिव पुराण की कथा है शिव पुराण सुना है आपने सही बताओ सुना है तो अच्छा सही बताओ ष को श्राप किसने दिया अ क तो ही सोच रहे होंगे हमने तो बेल पत्र चढ़ाए वही सुन बाकी हमें का लेन दे खूब चढ़ाओ बेलपत्र मना नहीं है परंतु पुराण की कथाओं से परिचित तो हो जाओ कि हुआ क्या था एक बार ये बच्चों को थोड़ा शांत रखें एक बार बाणासुर भोले बाबा के पास गया शिव पुराण की कथा में है और बाणासुर ने बहुत सुंदर पूजा की पूजा करने के बाद भोले बाबा प्रसन्न हो गए कहा क्या चाहते हो बोले आप मेरे घर चलो और प्रभु बाणासुर के साथ चले अकेले नहीं पार्वती जी साथ में है नंदी गणेश कार्तिक सब है और बाणासुर ने एक महल बना दिया भोले बाबा के लिए और भोले बाबा उस महल में विराज लगे और बाणासुर भी अपने परिवार के सहित भोले बाबा की सेवा में लग गया सब एक साथ रहते हैं पर चर्चा एक बात की है बोले पार्वती जी शिवजी में प्रेम बहुत ज्यादा है यह पार्वती एक मिनट के लिए भी शंकर जी को नहीं छोड़ती उष ने एक दिन सहेलियों से कहा एक काम करो तुम पार्वती जी को ले जाओ देखो अपने खेल खेलते हैं और एक सखी मैया पार्वती जी को बुलाकर ले गई और उषा पार्वती जी का भेस बना लेती है और सब सखियां पार्वती जी की सखी बन गई माया से और उषा पावती बनकर भोले बाबा के पास पहुंच गई भोले बाबा आंख बंद करके बैठे हैं भोले बाबा को स्पर्श करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया उसी समय मैया पार्वती जी वापस आ गई और उन्होंने कहा उषा यह क्या कर रही है तू तू दूसरे के पुरुष को स्पर्श करने की लालसा अपने मन में रखती है दूसरे के पुरुष का स्पर्श करना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है [संगीत] जा मैं तुझे श्राप देती हूं जो अपराध तू करना चाहती य अपराध तेरे जीवन में होगा और विवाह से पहले तेरा गर्व रह [संगीत] जाएगा उषा को बुरा लगा बाणासुर को पसीना छूट गया मैं तो सेवा के लिए लाया था मेरी बेटी का जीवन बर्बाद हो सबने क्षमा मांगी तो भोले बाबा तो दयालु है मुस्कुरा कर कह दिया उसी पुरुष के साथ में तुम्हारी बेटी का विवाह हो जाएगा और वह पुरुष बड़ा ही अनोखा होगा प्रेम से बोलो और तुम्हारा सारा कलंक धुल जाएगा उषा गर्भवती हो गई एक गुप्तचर ने जाकर बताया तो बाणासुर ने महल में देखा राजकुमार मिला उसको बंदी बनाया और आदेश दिया किसे मृत्यु दंड दिया [संगीत] जाएगा अच्छा विचित्र चर्चा एक और सुन लो द्वारिकापुरी में किसी को पता ही नहीं [संगीत] है आप सोच रहे होंगे क्यों अ एक बात बताओ 16108 रानियां हैं और सबके 101 पुत्र हैं तो पुत्र कितने भए अच्छा एक हाथ दो इधर उधर हो जाए तो क्या पता ब तो धन्यवाद नारद बाबा का वीणा बजाते बजाते पहुंच गए बोले तुम सभा में बैठे हो फांसी लगने वाली है तुम्हारे नाती को बलराम जी क्रोधित हुए भयंकर युवंशंकर बाणासुर डर गया अच्छा डरने के बाद कहां पहुंचा मालूम है कैलाश पर्वत पर और भोले बाबा को मना लिया और धन्यवाद तो इस बात का करो आप भोले बाबा का कि ऐसे गुरु जीवन में नहीं मिलेंगे हाथ में त्रिशूल उठाकर बाणासुर के साथ युद्ध करने के लिए तैयार हो गए गुरुजी अब भोले बाबा ने पूछा युद्ध किससे है तो बाणासुर ने हंसकर कहा द्वारिका के राजा कृष्ण से अब हस करर बोले यह क्या तरीका है पहले क्यों नहीं बताया बोले पहले बता देता तो शायद तुम जाते ही नहीं अरे चलो कोई बात नहीं है दर्शन भी उनके किए महारास में नचे भी उनके साथ तो अब दो दो हाथ भी उन्हीं के साथ करेंगे रक्षक बनकर भोले बाबा पधारे हैं बड़ा सुंदर वर्णन है कार्तिकेय बाणासुर के सेनापति बने हैं और बड़ा भयंकर युद्ध हुआ है पर युद्ध कम आनंद ज्यादा हुआ उसम एक वाण भोले बाबा का भगवान की भुजा पर लगा तो भोले बाबा युद्ध रोक कर पूछ रहे हैं प्रभु ज्यादा तो नहीं लगी युद्ध है भगवान का बाण भ भोले बाबा को लगा तो प्रभु पूछ रहे हैं भोले बाबा ज्यादा तो नहीं लगी ऐसा य पर बाणा कोई बात नहीं आप लड़ो आनंद करो मुझे कोई मतलब नहीं क्योंकि जब तक आप जिंदा है तब तक मुझे कोई परास्त नहीं कर सकता और आपको कोई मार नहीं सकता रथ में बैठा है बाणासुर के रक्षक जो भोले बाबा थे ना इन्होंने एक बाण छोड़ा जिसका नाम है ज्वर बाण प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण एक बात में और आप लोगों से जानकारी दूं यह जो आसपास का वातावरण है ना यह प्रकृति है इसकी रक्षा करो इसको साफ स्वक्ष [संगीत] रखो अपने आसपास वातावरण को गंदा मत करो ध्यान रखो अपने घर पर झाड़ू लगाते हो तो दरवाजे पर भी सफाई करना सीखो घर में भी साफ स्वच्छ रखना सीखो अभी पिछली फरवरी में मैं इंदौर कथा करने गया था तो लगातार आठवी बार इस बार भारत में नंबर वन पर है सफाई के मामले में इंदौर अच्छा मालूम है क्यों क्योंकि ऐसे ही कथा हो रही थी आपको बताऊं ऐसे ही कथा हो रही थी तो एक सज्जन मेरे पास आए बोले महाराज जी हमें फ्रूटी का प्रसाद बांटना है तो हमने कहा थोड़ा डिस्टर्ब होगा बोले आप तो यस करिए हमने कहा ठीक है और हमने हां कर दिया प्रसाद बट भी गया हमें पता भी नहीं चला और पांडाल के अंदर कोई भी व्यक्ति खड़ा नहीं हुआ आप सोच रहे होंगे फिर चमत्कार कैसे हुआ मालूम है उन्होंने कार्टून लाकर पीछे रख दिए भरे भराए और पीछे वाली महिलाएं आगे की तरफ बढ़ाती रही और आगे से प्रसाद भटकर पीछे की तरफ पहुंच गया ना किसी ने डबल लिया ना कोई बिना प्रसाद के ना बिल्कुल कतई हलचल ई ईमानदारी से जय हो और विचित्र बात पांडाल से चार छ पत्तियां नीचे गिर गई पेड़ की तो चार महिला खड़ी होती है उन पत्तियों को उठाकर परस में रख लेती है अरे [संगीत] देखिए अवतार सिंह गुर्जर भैया सुंदर मंच पर स्वागत कर रहे हैं तालियों से अभिवादन और हमारे बीच में जो संत पधारे हैं आज हमें आशीर्वाद देने के लिए इनके लिए जोरदार तालियों से इनका अभिवादन मैं आपको जानकारी दे दूं ग्राम बरे अंबा और मुरेना के बीच में बरे से ऊपर पड़ता है आरोली सिद्ध स्थान महाराज जी वहां विराजित हैं और महाराज जी ने मुझे 15 फरवरी से श्रीमद् भागवत की कथा के लिए आमंत्रित किया है और मैं 15 फरवरी से महाराज जी के यहां सेवा में महाराज जी की पहुंच रहा हूं आप सब लोगों से भी आग्रह है कि आप सब लोग भी 15 फरवरी से कथा में जरूर पधारे जोरदार तालियों से महाराज जी का अभिवादन करेंगे [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण देखो परम संत है [संगीत] य [संगीत] महाराज जी ने नर्मदा तट पर खूब महाराज जी के द्वारा दो भेट हमें मिली हैं एक पंचमुखी रुद्राक्ष और एक एकादश मुखी रुद्राक्ष [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण भगवत कृपा संत कृपा आसपास में सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखो आपके लिए अति आवश्यक है यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कोई भी चीज अगर प्रकृति में पैदा होती है तो वह कभी समाप्त नहीं होती एक छोटा सा किसी का गलत परीक्षण कोरोना को जन्म दे गया और जिससे सारी दुनिया परेशान रही पर ध्यान रखना यह कोरोना कभी समाप्त नहीं होगा एक बीमारी और बढ़ गई प्लेग एक बीमारी और बढ़ गई ज्वर यह भोले बाबा ने जब बाण छोड़ा ना ज्वर यही से बुखार आना सबको प्रारंभ हो गया भगवान कृष्ण ने जमर नाम का बाण छोड़ा माया निवृत बाण छोड़ा तो ज्वर समाप्त हो गया और उसके बाद जमर बाण छोड़ा तो जमाई आने लगी तब तक बाणासुर की सेना को परास्त कर दिया मारने को तैयार हुए तो भोले बाबा ने हाथ जोड़े बोले प्रभु आपका विवाह हुआ पर कन्यादान नहीं हुआ आपके बेटे का विवाह हुआ पर कन्या दान नहीं हुआ अब ज बाणा सुरे छोड़ दो ताते नाती के विवाह में तो कन्यादान है जाए बाणासुर को छोड़ा भोले बाबा ने सुंदर गण बनाया उसको अपना और सुंदर अनिरुद्ध का विवाह उषा के साथ में हुआ बलराम जी ब्रज जाते हैं बड़ी सुंदर पावन लीला है गोपियों को सुंदर शांतना देते हैं दुद का उद्धार बलराम जी के द्वारा होता है पावन श्रोताओं एक राजा हुआ जिसका नाम था नरग एक बात और बता दूं मैं पांडवों के राजस यज्ञ में भी प्रभु गए वहां पहली पूजा जब हुई तो शिशुपाल ने विरोध किया 101 गाली पर उसका अंत परमात्मा ने किया वरदान के अनुसार इसकी मृत्यु हुई दंत वक्र ने चढ़ाई की तो उसका भी उद्धार हुआ और भीम दादा के माध्यम से जरास का वध कराकर मेरे गोविंद सुंदर राजस यज्ञ की पूर्ति करते हैं राजा नरग एक दिन भगवान उपवन में प्रवेश करते हैं बाल गोपाल साथ में है एक गिरगिट पड़ा हुआ है तालाब में सब लोग मिलकर उसे निकालते हैं परमात्मा ने जैसे ही स्पर्श किया अपने चरण से उसे सुंदर राजा बनकर स्वर्ग की ओर जाने लगा तो प्रभु ने पूछा तुम कौन हो तब उस राजा ने कहा मैं राजा नरग हूं और मैंने एक गाय को दो बार पूजा की दो बार दान किया दो बार दान करने के कारण दोनों ब्राह्मणों के श्राप के कारण मैं आज गिरगिट बनकर पड़ा हूं और विचित्र बात सतयुग से द्वापर तक गिरगिट बना रहा प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अब आप लोगों को एक जानकारी दे दूं अच्छी से यह गिरगिट बना पड़ा रहा इसका उद्धार नहीं हुआ और भगवान इसके मुंह से उसके कर्मों का वर्णन क्यों कराना चाहते हैं आप माताएं बहने बैठी है मेरी बात को ध्यान से सुन लेना यहां पर परमात्मा अपने नाती पोतों को सुंदर सं दे रहे हैं और संस्कार भी बड़ा प्यारा [संगीत] है प्रभु की पावनी [संगीत] लीला संस्कार कैसा [संगीत] है वैसे एक चीज और सुन लो पहले अच्छा दादी का और बाबा का सबसे प्रिय मित्र कौन होता है मालूम है नाती सबसे प्रिय मित्र कौन है [संगीत] नाती आजकल बच्चा जब रोता है जिद करता है तो माताएं मोबाइल दे देती हैं गलत अपने बच्चों की उंगली पकड़ो और उंगली पकड़कर उसे मोहल्ले में घुमाओ और अपने बच्चों से कहो कि देखो बेटा इसने गलत काम किया था आज इसलिए बर्बाद हो गया य और यह अच्छे कर्म कर रहा है यह आबाद हो रहा [संगीत] है तो बच्चा जब आंखों से देखेगा कि कौन आबाद हो रहा है कौन बर्बाद हो रहा है तो सत्य बताना बच्चा कभी गलत कर्म करने का विचार करेगा पर हम उसे डोरे मोन दिखा रहे हैं हम उसे छोटा भीम दिखा रहे हैं और अब उससे अपेक्षा कर रहे हैं कि संस्कारवान बन जाए जैसे कार्टून तसे तुम्हारी छोरा छोरी इसलिए यह चीजें तुम्हारे भविष्य को बर्बाद तुम्हारे तुम्हारे बच्चों को बर्बाद करने के लिए हैं इनसे अपनी संतान को दूर रखो परमात्मा ने अपने पुत्रों को यह दिखाया कि इस पृथ्वी पर रहकर व्यक्ति अपने पापों को कम कर सकता है और इस पृथ्वी पर रहकर अपने पुण्य को बढ़ा सकता है और जब व्यक्ति के पुण्य बढ़ते हैं तो पाप कम होते हैं और जब पाप बढ़ते हैं तो प्यारे पुण्य कम होते हैं पर ध्यान रखना स्वर्ग में पहुंच गए तो वहां आपके पाप कम नहीं होंगे वहां आपके पुण्य कम होंगे और जब पुण्य समाप्त हो जाएंगे तो फिर से पृथ्वी पर आपको आना पड़ेगा इसलिए प्यारे ध्यान रखो अपने बच्चों को प्रभु की तरह सुंदर संस्कार [संगीत] दो अथ कदा द्वार वत बस तो राम कृष [संगीत] सूर्य पराग सु महाना स कलप [संगीत] था भगवान कृष्ण अपने सिंहासन पर बैठे हैं बलराम बगल में बैठे हैं और भी सभासद बैठे हैं कृष्ण ने कहा दाऊ प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण ध्यान से सुनना बड़ा सुंदर वर्णन है भगवान कृष्ण ने कहा दाऊ भैया हां लाला देखो पृथ्वी पर अपन अवतार लेकर आए [संगीत] हैं मैं ईश्वर हूं जानता हूं पर मानव शरीर लेकर आया [संगीत] हूं और जब जीव मानव शरीर में आता है तो जाने अनजाने में उससे पाप भी हो जाता [संगीत] है भगवान बोल पड़े दाऊ हमें अपने पाप का प्रश्चित करना [संगीत] चाहिए एक बात बताओ जब वो ईश्वर अपने पाप का प्रश्चित करने का विचार कर रहा है आपने कभी अपने जीवन को [संगीत] देखा अच्छा हम तो जानबूझकर पाप कर रहे हैं परहित सरस धर्म दूसरे का हित धर्म और दूसरे को कष्ट अपना स्वार्थ तो आपको नजर आ रहा है पर दूसरे का कुछ नहीं दिख [संगीत] रहा [संगीत] प्यारे किसी को कष्ट मत हो अपने पापों का प्रश्चित करने का विचार करो बलराम ने कहा कृष्ण अपन पाप का प्रश्चित कैसे करेंगे [संगीत] प्रभु भगवान ने कहा दाऊ भैया सूर्य ग्रहण पड़ रहा है और सूर्य ग्रहण में दान करने पर कई गुना फल प्राप्त हो ऐसा नियम है कि अगर सूर्य देखो एक बात और सोच लो पहले कोई सूर्य ग्रहण नहीं जानता था अब यह मोबाइल चल गए ना तो हर आदमी जानने लगा है पहले कोई सूतक आज से 10 साल पहले कौन बनाता था सूतक कौन जानता था पर अब सब लोग जानते हैं एक महीने पहले से शुरू हो जाएगा पंडित जी ग्रहण कब है हम फोन बता बता के थक जाते इतने लोगों के फोन [संगीत] आते अच्छी बात है पर सूतक की जानकारी मिलने के बाद सूतक के नियमों का पालन करना भी आपको ना चाहिए वैसे अगर नियम से अगर जाप किया जाए तो ग्रहण के समय पर द माला जपने पर मंत्र सिद्ध हो जाता [संगीत] है और अगर यहां तक जल में बैठकर एक माला सूर्य ग्रहण के समय पर कोई कर दे तो मात्र एक माला से कैसा भी मंत्र हो सिद्ध हो जाता है अच्छा मैंने अपने जीवन में यह प्रैक्टिकल करके किया है देखा है इसलिए बता रहा हूं आपको यहां तक जल में पर ध्यान रखना यहां तक जल में जैसे बहते पानी में मैंने यमुना जी में बैठकर देखा तो छोटी छोटी मछलियां नीचे से काट जाती है पर मन विचलित नहीं होना चाहिए मन माला पर चला जाए शरीर हर चीज में परीक्षा है एक माला करना बहुत मुश्किल होता है पर प्यारे माला शुरू करके फिर छोड़ना मत देखना आपके जीवन में एक नया निखार आ जाएगा ग्रहण पड़ रहा है तो सुंदर कुसा का आसन लो और कुछ डालकर जल को पवित्र करो और ऐसे पवित्र स्थान पर बैठ जाओ जहां कोई तुम्हें टच ना करे रोके नहीं कोई तुम्हें डिस्टर्ब ना करे परेशान ना करे सुंदर आसन शुद्धि कर करके माला को शुद्ध करके शांति भाव में एक जगह बैठकर परमात्मा का जाप करो आपके पाप का प्रश्चित हो [संगीत] जाएगा दान करो अच्छा दान कोई बढ़ाई के लिए नहीं करता अपने लिए करते हैं आप अगर किसी ब्राह्मण को दान देकर आप यह सोच रहे हैं कि हमने ब्राह्मण के ऊपर एहसान कर दिया मैं कह रहा हूं इस मंच से आपने किसी ब्राह्मण पर कोई एहसान नहीं किया ब्राह्मण अपनी मेहनत का कमाता है मेहनत का खाता [संगीत] है आप अगर दान नहीं दोगे तो आप यह सोच रहे ब्राह्मण भूका मर जाएगा कतई नहीं जिसके अंदर सरस्वती मां की कृपा है व व्यापार क्षेत्र में भी उतरेगा तो वहा भी तरक्की कर जाएगा प्यारे ध्यान रखना मेरी बात का दान आप अपने लिए करते हैं किसी और के लिए नहीं कहां चले बोले कुरुक्षेत्र चलते हैं और भगवान कृष्ण बलराम के सत कुरुक्षेत्र पधारे पांडवों को पता चला कुरुक्षेत्र जा रहे हैं पांचों पांडव अपना अपना खालसा लेकर चल [संगीत] पड़े लगी तो नहीं दत [संगीत] किया ल देखो गोपाल दास मंगल और स पत्नी रजनी मंगल के साथ में सुंदर स्वागत करते हुए तालियों से इनका [संगीत] अभिवादन प्रेम से बोलो [संगीत] कुरुक्षेत्र गए पांडवों के जितने भी बस वर्ती राजा थे सब पहुंच गए और सबने अपना अपना सुंदर सुंदर खालसा लगा [संगीत] लिया प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अच्छा कुंभ कभी गए हो सबके खालसा लग जाते हैं ऐसे ही कुरुक्षेत्र में सबके खालसा लगे हैं नंद बाबा ने यशोदा से कहा यशोदा सब लोग कुरुक्षेत्र जा रहे हैं अगर तू कह दे तो अपन भी [संगीत] चले यशोदा ने कहा मेरा कहीं जाने का मन नहीं [संगीत] है नंद बाबा के मुख से निकल गया यशोदा अपना कृष्ण भी गया है वहां आज यशोदा को कृष्ण से दूर हुए 100 वर्ष हैं भोग चुके हैं [संगीत] [संगीत] शर अपने लगा प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अच्छा यशोदा को पता चला कि मेरा कृष्ण कुरुक्षेत्र गया है महल में गई तुरंत लौट कर आ गई नंद बाबा ने कहा क्या हुआ बोले चलो ना अपने कृष्ण से मिलने के लिए कैसी तैयारी [संगीत] चलो और देखिए विधि का विधान नंद बाबा का खालसा भगवान कृष्ण के खाल के पीछे लगा [संगीत] है एक गोपी भगवान कृष्ण को देख आई और दौड़कर आकर मैया से कहा मैया आज मैंने अपन लाला देखो बहुत बड़ो है ग [संगीत] है बहुत बड़ा हो गया है मैया पागलों की भांती दौड़ पड़ती है लाला [प्रशंसा] कन्हैया आंखों से आंसू [संगीत] है भगवान अपने पलंग पर लेटे थे अचानक यशोदा की आवाज सुनाई [संगीत] [प्रशंसा] पड़ी और जैसे ही आवाज सुनाई पड़ी मेरे गोविंद दौड़ पड़ते [संगीत] हैं प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] कृष्ण एक यशोदा पागलों की भाति गलियों में भटकती हुई देखी परमात्मा ने आवाज लगा दी पीछे से मैया और जो कानों में मैया शब्द पड़ा यशोदा जो आगे जा रही थी ना तुरंत रुक गई तुरंत रुक [प्रशंसा] [संगीत] गई मैया ने पलट कर कृष्ण को देखा कृष्ण अब कृष्ण नहीं है कृष्ण राजा है मैया सोच रही थी कि मैं जाकर कृष्ण को अपने हृदय से लगा लूंगी पर आज कृष्ण को देखकर मैया हृदय से लगाने का विचार छोड़ [संगीत] बैठ हां भैया व्यवस्थापक से मेरा अनुरोध है दिख नहीं रहे हैं और यह बच्चे थोड़ा उदम ज्यादा कर रहे हैं [संगीत] इधर थोड़ा शांति का दान दे तो अच्छा [संगीत] लगेगा मैया पास में आई कृष्ण के मुख को देखा पर विचित्र बात भगवान जैसे ही मैया के पास पहुंचे इधर उधर नहीं देखा यशोदा के चरणों में लेटकर यशोदा को प्रणाम किया और जो नीचे धूल में कृष्ण लेट गया कृष्ण को उठाकर हृदय से लगा लिया और सबसे पहले सर पर हाथ रखा और हाथ रखने के बाद कहा लाला तू बहुत कमजोर है गौरे तोक भोजन ना भर पेट मिले का भगवान रो पड़े मैया तेरी बहुए रोज 56 प्रकार का भोग बनाती है तेरी बहुए भोजन करते समय पंखा डोलती हैं तेरी बहू हाथ में जल का पात्र लेकर मेरे पास खड़ी रहती [संगीत] है मेरे जीवन में सर्व आनंद है पर मैया तेरी तरह कनुआ कहकर खिलाने वाला कोई नहीं है तेरी तरह डाट [संगीत] कर खिलाने वाला कोई नहीं [संगीत] है प्रेम से बोलो [संगीत] मैया तेरी बहुत याद आती है [संगीत] कृष्ण ने मैया का हाथ पकड़ा और हाथ पकड़ने के बाद अंदर महल में ले [संगीत] गए [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा देखिए अपने बीच में मैं क्या परिचय दूं आपको आप ही ने इन्ह चुनकर इतने ऊंचे पद पर पहुंचाया और आप ही की सेवा में संलग्न रहने वाले आप ही के बीच में पधारे हैं जोरदार तालियों से हमारे माननीय प्रदम सिंह तोमर जी का [संगीत] स्वागत प्रभु कैसे हैं [संगीत] आप [प्रशंसा] [संगीत] बस बढ़िया है तालियों से [संगीत] अभिवादन प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय जय हो [संगीत] [संगीत] [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री क बड़ा सुंदर विवेचन [संगीत] यशोदा को जैसे ही प्रभु अंदर ले गए ना तो भगवान खड़े हैं और यशोदा जाकर जमीन पर बैठ [संगीत] गई अच्छा [संगीत] रोहिणी देवकी सोने के सिंघ सन पर बैठी है दोनों बहन नीचे उतर [संगीत] आई बहन ऊपर बैठो यशोदा ने कहा नहीं मैं तो एक गांव की गवार गोपी हूं मेरे नसीब में सिंहासन कहां एक हाथ देवकी ने पकड़ा एक रो ने पकड़ा और कहा यशोदा तू बड़ भागी है बड़ भागनी है आज हमारे आंचल में जो प्रसन्नता के प्रसून है वोह तेरी वजह से [संगीत] हैं अगर तू जमीन पर बैठेगी तो हम सोने के सिंहासन पर नहीं [संगीत] बैठेंगे दोनों माताओं ने ने उठाकर यशोदा को सिंहासन पर बिठाया भगवान पलंग पर बैठे कुरुक्षेत्र में भगवान के सुंदर खाल से पर पर्दा पड़ा है और पर्दे के पीछे दो चिन्ह दिखाई दिए चरण [संगीत] चिन्ह परमात्मा खड़े हो गए पर्दे के पीछे कोई खड़ा है कोई और नहीं परमात्मा से प्रेम करने वाली राधा है आंखों में आंसू भरे गर्ग संहिता में वर्णन है 100 वर्ष का वियोग का श्राप लगा आज श्राप पूर्ण हो गया परमात्मा ने हाथ जोड़े राधा तू मुझसे मिलने आई है आ जाओ अंदर आ जाओ ललिता विशाखा के साथ राधा प्रवेश करती है पूरे खाल में हलचल मच गई से प्रेम करने वाली राधा आई है सब रानिया दौड़ पड़ी हम कृष्ण से प्रेम बहुत ज्यादा करते हैं पर सपने में कृष्ण केवल राधा नाम रटते हैं वो राधा है कैसी चलो चलकर देख सबब दौड़कर राधा का दर्शन करने के लिए आई राधा बिल्कुल कसत शरीर मैला सा वस्त्र पहने साधा सी जीवनी जमीन पर बैठी अपने पैर के नाखून से जमीन कुरेद रही नजर नीचे को गड़ी सत्य भामा ने कहा यह राधा है थोड़ा सा मुंह बनाकर कहा इससे सुंदर तो मेरी दासिया है ओ कृष्ण को इसमें क्या दिखता है जो इतना प्रेम करता है इससे इससे सुंदर तो मेरे घर की दासी है पर कुछ नहीं कहा एक रानी जल लेकर आई राधा जल पी लो ललिता ने कहा जिस दिन से कृष्ण राधा से अलग हुए हैं उस दिन से राधा ने आज तक एक बूंद जल की ग्रहण नहीं की सत्यभामा महल में गई और दूध उबाला एक पात्र में लेकर [संगीत] आई और पात्र में दूध लाने के बाद राधा के सामने रखा और सत्यभामा ने कहा राधा यह तेरे कृष्ण का चरण उदक [संगीत] है और बस इतना ही कहा था कि यह तेरे कृष्ण का चरणो दक है राधा ने दोनों हाथों से उस पात्र को उठाया और उठाने के बाद एक सांस में खोलता हुआ सारा दूध गटा गट करके राधा पी [संगीत] गई और जैसे ही राधा ने उबलता हुआ दूध पिया परमात्मा पलंग पर लेटे थे अचानक आवाज आई राधा ये तूने क्या किया रुक्मिणी की नजर प्रभु की तरफ गई भगवान के चरण में बड़े बड़े फोले [संगीत] हैं बड़े बड़े फोले आंखों से आंसू रुक्मिणी ने चरण पकड़े प्रभु आप तो पलन से नीचे नहीं उतरे ये फफोले कैसे भगवान ने कहा रुक्मिणी सत्य भामा तूने राधा को जल पिला दिया उबलता दूध पिला दिया राधा मुझसे प्रेम करती है और मेरे चरण राधा के हृदय में हमेशा वास करते हैं आज तूने उबलता दूध पिलाया तो मेरे चरण जल गए रानिया रो पड़ी सत्य भामा रो गई राधा रानी के चरणों को स्पर्श करके क्षमा मांगी और चरणों से धूल को उठाकर अपने मस्तक पर [संगीत] लगाया एक बात कहूं आपसे वृंदावन में मंदिर किसका है बांके बिहारी का सबसे बड़ा पूजा किसकी होती है बाके बिहारी [संगीत] की ब्रज का राजा कौन है कृष्ण है पर प्यारे सत्य बताना सरकार कृष्ण की चलती है कि राधा रानी की चलती है सरकार राधा रानी की चलती है आज भी वृंदावन में कृष्ण कृष्ण कोई नहीं कहता आने वाला भी राधे राधे जाने वाला भी राधे मालूम है क्यों क्योंकि आज भी राधा रानी का कृपा प्रसाद वृंदावन में बरसता है आज भी राधा किसी को भूखा नहीं सोने देती कई संत यमुना के किनारे भूके बैठे रहे तो रात्रि में भोजन परोस कर किसी न किसी रूप में राधा रानी ने भर पेट भोजन कराया उसकी कृपा जब होती है ना हमें कौन जानता एक साधारण से गांव में मेरा जन्म हुआ मेरे पिताजी पढ़े लिखे नहीं अनपढ़ और मैं किसी गरीब मैं किसी अमीर परिवार से नहीं एक साधारण सा गरीब घर का बालक और गरीब के घर के बालक की कोई इज्जत नहीं [संगीत] होती पर उस राधा रानी की कृपा वर्षी आज उसका परिणाम आपके सामने बैठा [संगीत] है वृंदावन में वही बास करता है प्यारे जिसको राधा रानी बुलाती [संगीत] है राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों हे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की रज धूल जो मिल जाए रज धूल जो मिल जाए सच कहता हूं [संगीत] मेरी सच कहता हं मेरी तकदीर बदल [संगीत] जाए राधे तेरे चरणों की देखिए हमारे प्रिय शिष्य विनोद पटेल भैया जी के द्वारा सुंदर स्वागत होता हुआ तालियों से उनका [संगीत] [संगीत] अभिवादन सुनते हैं तेरी रहमत दिन रात बरसती [संगीत] है सुनते हैं तेरी [संगीत] रहमत दिन रात बरसती है एक बूंद मिल जाए हो एक बंद भी मिल जाए दिल की कली खिल जाए राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की [संगीत] श्री [संगीत] [संगीत] हरि [संगीत] मेरा मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन [संगीत] करूं ये मल बड़ा चल चल है कैसे तेरा भजन करू जितना इसे समझाऊ जितना इसे समझाओ उतना ही म चल जाए राधे तेरे चरणों की ओ श्यामा तेरे चरणों की [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] कभी अपने जीवन में हम लोगों को बड़ा कष्ट होता है कुछ लोग तो कहते हैं कि आप के ऊपर राधा रानी ने कृपा की है जिससे इतने लोगों को बैठकर तुम सुंदर शिक्षा दे रहे हो पर आप लोगों के लिए तो ठीक है पर हमारे ऊपर ऐसी कृपा क्यों नहीं हुई कि हम ब्रज के बासी क्यों नहीं बने नजरों से गिरा राना चाहे जितनी सजा [संगीत] देना नजरों से गिरा ना चाहे जितनी सजा [संगीत] देरा नजरों से जो गिर जाए नजरों से जो गिर [संगीत] जाए मुस्किल है संभल पाए राधे तेरे चरणों की रज धूले जो मिल जाए राधे ते चरणों [संगीत] की [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] राधे मेरे जी जीवन की बस एक तमन्ना है राधे इस जीवन की बस एक तमन्ना है अच्छा हम तो राधा रानी से एक ही प्रार्थना करते हैं बरसाने वाली अगर तेरी कृपा हमारे ऊपर है तो जब इस शरीर से प्राण निकले तब तू हमारे सामने [संगीत] हो राधे इस जीवन [संगीत] की बस एक तमन्ना है राधे इस जीवन बस एक तमन्ना है तुम सामने हो मेरे तुम सामन होए दोनों हाथ उठाकर बोलिए तुम सामने हो तुम सामने हो मेरे मेरा दम ही निकल जाए राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की [संगीत] राधे तेरे चरण की श्यामा तेरे चरणों की बज दूल जो मिल जाए स तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों राधे तेरे चरणों में श्री काका जी साड़ी सेंटर वालों की तरफ से सुंदर स्वागत होता हुआ बाबू जी की तरफ से दुर्गा बाबू जी की तरफ से तालियों से अभिवादन उनका वैसे आप लोगों का प्रेम मेरे लिए बहुत है अच्छा मैंने सात दिन आपसे कुछ नहीं मांगा और आज मैं आपको आपसे मंच से मांग रहा हूं मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए पर यह प्रेम कभी कम मत होने [संगीत] देना आज यह कार्यक्रम की सफलता जो देख रहे हो ना आप लोगों की वजह से हमारे कार्यकर्ताओं की वजह से [संगीत] है हमारे कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी टीम है सब अपना धंधा पानी छोड़कर व्यवस्था में जुटे हैं यह उनकी तरफ से सफलता का प्रतीक है एक बार सभी के लिए जोरदार तालियो [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] सेन [संगीत] देखो जसवंत भैया सुंदर स्वागत कर रहे हैं तालियों से उनका अभिवादन एक बात और सुनिए भगवान कुछ दिन कुरुक्षेत्र में रहे राधा रानी भी वही रही यह कथा भागवत में नहीं है अन्यत्र ग्रंथों से खोजकर हम लोग तैयार करती है उसके बाद जब भगवान द्वारिका पुरी के चले लिए चले तो राधा रानी से कहा तुम मेरे साथ चलो एक बात बताओ जब यह शब्द राधा की कान में [संगीत] पहुंचा कान में पहुंचा राधा रानी तैयार हो गई पर राधा बनकर द्वारिका पुरी नहीं [संगीत] गई राधा [संगीत] रानी राधा रानी देविका बनकर गई है और भगवान ने राधा रानी के लिए द्वारकापुरी में सुंदर महल बनाया राधा रानी बड़ी प्रसन्न है कि अब तो कृष्ण के पास आ गई बारबार मुझे मिलेंगे पर ध्यान रखना समय बदल जाता है और यह प्रेम धीरे धीरे कम होने लगता है भगवान द्वारिका के राजा है अब समय नहीं मिलता 151 दिन निकल जाते हैं राधा को कृष्ण का दर्शन नहीं होता एक दिन राधा रात्रि में बैठी बैठी रो रही है यह क्या हुआ पावन श्रोताओं रात्रि के ठीक 12 बजे राधा अपने महल का त्याग कर देती [संगीत] है जंगल में चली गई भगवान कृष्ण समझ गए कि राधा ने महल त्याग दिया मेरे परमात्मा जंगल की तरफ [संगीत] गए देखो व्यवस्था बना चले बिगाड़ कर [संगीत] नहीं प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण राधा एक पेड़ के नीचे बैठी रात्रि में रो रही है परमात्मा कृष्ण ने कहा राधा घर चलो राधा ने कहा नहीं कृष्ण अब आप ज बापस जाओ कृष्ण ने कहा राधा तू अगर वापस नहीं जाएगी तो मैं कारी का त्याग कर [संगीत] दूंगा नहीं कृष्ण द्वारिकापुरी वासियों को तुम्हारी जरूरत [संगीत] है जाओ भगवान कृष्ण वही खड़े रह गए मैं नहीं जाऊंगा राधा ने कहा कृष्ण आज तक मैंने तुमसे कुछ नहीं [संगीत] मांगा आज मैं अगर तुमसे कुछ मांगू तो क्या तुम मुझे दोगे परमात्मा ने कहा राधा अब जो मांगेगी मैं तुझे दूंगा ऐसे राधा ने हाथ [संगीत] जोड़े राधा के पास में बांसरी [संगीत] है राधा ने बांसुरी निकाल कर कृष्ण को दी गोविंद कई दिन हो गए मैंने बांसुरी नहीं सुनी एक काम करो मेरे लिए आज बांसुरी बजाओ और ध्यान रखना बांसुरी को रोकना मत परमात्मा ने अदृष प्र बासुरी को रखा सुंदर तान [प्रशंसा] छड़ी राधा आंखों से आंसू बहा रही है अचानक राधा रानी ने दोनों हाथ ऊपर उठाए और कहा हे कृष्णा और ऐसा जब कहाना राधा रानी के प्राण निकलकर परमात्मा में समाए [संगीत] शरीर त्याग [संगीत] दिया बांसुरी बजना बंद हो गई और बांसुरी को मेरे प्रभु हाथ में लिए रो पड़े राधा रानी को देखा ऐसे बांसुरी को पकड़ा और अपने घुटने पर रखकर उसके दो टुकड़े कर दिए और झाड़ी में फेंक दिया और संकल्प ले लिया मेरी राधा मुझे छोड़कर चली गई आज के बाद में किसी बाद यंत्र को नहीं [संगीत] बजाऊंगा मेरी राधा नहीं तो बांसुरी [संगीत] नहीं यह बांसुरी किसका अवतार है कल मैंने कहा था यह बांसुरी सरस्वती का अवतार है परमात्मा से विवाह करना चाहती थी त्रेता युग में भी गई परमात्मा ने कहा द्वापर में आना अरोट पर धारण करूंगा और भगवान कृष्ण को बांसुरी भोले बाबा ने जब मुलाकात करने गए बचपन में पलने में देखा तब [संगीत] द भोले बाबा ने अपने हाथों से वासरी का निर्माण किया प्रेम से बोलो मेरे गोविंद बड़ी कृपा करते हैं कृष्णस सीत सखा कस ब्राह्मणो ब्रहम तम विरक्त इंद्रिया करथे सु प्रशांत आत्मा [संगीत] जिद्र प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा भगवान का एक सुंदर मित्र है जिसका नाम है देखो भागवत में नाम नहीं है इसका पर अन्यत्र पुराणों में मिलता है तो जानते हैं इसका नाम है सुदामा बोलिए वृंदावन बिहारी लाल की जय जय देखिए अपने बीच में चल रही श्रीमद् भागवत कथा पूज्य महाराज श्री आज विश्राम की ओर है अपना े कार्यक्रम जो चल रहा है य चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण देख सकते हैं सभी इष्ट मित्रों को बता सकते हैं राधा मोहन भक्ति राधा मोहन भक्ति चैनल के माध्यम से आप लोग श्रवण कर सकते हैं आगामी कथाओं का भी आनंद ले सकते हैं जैसे कि 23 तारीख से इंदौर में तुलसी नगर में कार्यक्रम होने के लिए जा रहा है नौ दिवसीय शिव महापुराण आपको शिव महापुराण श्रवण करने की भी पद्धति और विधि मिलेगी कैसे पूजा करना चाहिए कैसे पूजा नहीं करना चाहिए ज भी पूज्य महाराज श्री के आप य चैनल के माध्यम से जुड़ेंगे तो आगामी कथाओं का भी आनंद ले पाएंगे और दो तारीख से 2 फरवरी से महाराज जी राजस्थान के लिए प्रस्थान हो जाएंगे राजस्थान से लौट कर के 15 तारीख से पूज जी महाराज श्री बैठे हैं उनके आश्रम पर कथा होना है बहुत भव्य क्षेत्र में तो आप चैनल से जुड़ने के लिए आप चैनल को सब्सक्राइब करें और अपना फसबुक के माध्यम से भी अपना लाइव प्रसारण चल रहा है आचार्य श्री राम तिवारी जी महाराज के नाम से फ पर सर्च करोगे आपको कथा मिलेगी जय श्री राधे जय श्री कृष्ण वैसे कहा जाए ना आप लोगों को देखकर मुझे लग रहा है कि यह मेरा परिवार है वैसे ग्वालियर छोड़कर जाने का मन तो मेरा भी नहीं है और जाना तो पड़ेगा [संगीत] मुझे क्योंकि इंदौर वासी इंतजार कर रहे [संगीत] हैं और उनके यहां कल का दिन छोड़ के परसों से ही शिव पुराण की कथा प्रारंभ है और जिसे आप अपने मोबाइल पर य के द्वारा देख सकते हैं राधा मोहन भक्ति से जुड़कर आप देख सकते सब्सक्राइब करके देख सकते हैं देवी भागवत कथा भी है बाड़ी में शिव पुराण की कथा है 21 22 फरवरी से महाराज जी के 15 फरवरी से दो तारीख से करौली में 23 तारीख से इंदौर में तो मैं चाहता हूं कि आप सब लोग जुड़े और सुंदर कथाओं का मैं कहीं भी रहूं पर आप लोग जब मुझसे जुड़ेंगे तो मुझे अच्छा [संगीत] लगेगा आकाश पाल भैया के लिए जोरदार तालियों से [प्रशंसा] अभिवादन विकास विकास यादव मेरा आवाज सुन रहे तो इधर आ जाए विकास कृष्ण स्या सत सखा कसत भगवान का एक मित्र है जिसका नाम है सुदामा भागवत में नहीं है कैसा है सुदामा ब्राह्मणो ब्रह्म वित्तम ब्राह्मण है ध्यान रखना सुदामा को लोग कंगाल बताते हैं कंगाल नहीं है धनवान का भी धनवान है पर सुदामा के पास खर्च करने वाला पैसा नहीं है सुदामा के पास में परमात्मा रूपी धन [संगीत] है सुदामा की ग्रहस्ती है विरक्त इंद्रिया थेस सुदामा विरक्त है ग्रहस्ती में रहता हुआ विरक्त है 10 इंद्रिया है पर रस से अविज्ञ है आत्मा प्रसन्न रहती है प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण वर्णन आता है सुदामा का जन्म मूल नक्षत्र में हुआ सुदामा को जंगल में फेंक दिया गया बचपन में सुदामा का जन्म कामधेनु के द्वारा हुआ प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण कुछ लोगों को सुदामा जी मिल गए छोटे से थे तो सांदीपनी ऋषि के आश्रम में सुदामा जी को छोड़ [संगीत] दिया प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री [संगीत] कृष्ण सांदीपनी आश्रम में सुदामा रहते हैं एक दिन मां ने कहा पुत्र सुदामा हां गुरु मां जंगल जाओ और वहां से कुछ लकड़ी लेकर आओ सुदामा एक पेड़ पर चढ़ गए लकड़ी तोड़ रहे थे लकड़ी जब टूट गई तो सुदामा अचानक पेड़ से कूदे और कूदे से बड़ा सा कांटा सुदामा के पैर में घुस गया [संगीत] सुदामा उस कांटे को निकालने का बहुत प्रयास करता है पर कांटा नहीं निकल रहा है दर्द ज्यादा है तो पेड़ के पास बैठकर पैर को पकड़कर सुदामा रो रहा [संगीत] है भगवान कृष्ण बलराम रथ पर बैठकर गुरु जी के आश्रम में विद्या अध्ययन के लिए जा रहे हैं ये बच्चों को थोड़ा शांत करें राजू भैया आपके बच्चे बहुत परेशान कर रहे [संगीत] हैं प्रेम से बोलो [संगीत] प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री [संगीत] कृष्णा भगवान जब जा रहे थे तो रोने की आवाज सुनाई पड़ी दाऊ कोई रो रहा है मेरे गोविंद रथ से नीचे उतरे पेड़ के पास पहुंचे तो सुदामा बैठा है मेरे परमात्मा ने मुस्कुरा आकर कहा मित्र क्या बात है अच्छा सुदामा पढ़ने के लिए नहीं गया पढ़ने के लिए नहीं गया सुदामा सेवा करने के लिए गया [संगीत] था कोई मित्रता नहीं है सुदामा की किसी से और आज कृष्ण ने मित्र कहा कहा भैया मेरे पांव में एक बहुत बड़ो कांट च भगवान बोले भैया लाजा काटे मैं निकू एक बड़ो स कांटो भगवान तोड़ के लाए और सुदामा के पैर को पकड़कर अपनी गोदी में रखकर कुरे देने लगे और बोले सुदामा कांटे को कांटे से ही निकालना [संगीत] चाहिए बहुत बड़ी नीति है यह सुई से निकालो तो टिटनेस होने का खतरा हो जाता है लोहा है कांटे को कांटे से निकाल कांटा दिख रहा है पकड़ में आ रहा है पर खींच नहीं रहा दर्द बढ़ रहा है ऐसे पैर को पकड़ा अपने मुंह की तरफ ले गए और अपने दांत से पकड़कर कांटे को खींच दिया और जो खींचा दर्द हुआ तो मेरे कृष्ण को ऐसे बाहों में जकड़ लिया परमात्मा ने हृदय से लगाया और ऐसे पीठ पर हाथ फेरा अब दर्द हो रहा है बोले अब नहीं चल कहां जाएगा गुरु जी के आश्रम में सांदीपनी अच्छा अच्छा चल ना वही हम भी चल रहे हैं लकड़ी का गट्ठा दाऊ भैया ने उठाया कंधे पर हाथ सुदामा ने रखा कृष्ण के और तीनों रथ में बैठे और सुंदर आश्रम पहुच गए अच्छा उसी दिन से सुदामा की मित्रता कृष्ण से जुड़ गई अब तो कृष्ण सोते हैं तो सुदामा के साथ खाते हैं तो सुदामा के साथ ए बेटा ए लाला बेटा बेटा रस्सी बहुत कमजोर है ते लायक प्रेम से बोलो जय श्री कृष्णा बताओ रस्सी पर चढो जा [संगीत] माताए ने गुटे खाए होंगे प्रेम से बोलो भगवान की सुंदर लीला बजाओ प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री [संगीत] कृष्ण देखो भैया बजाते रहो इसी में फायदा है हा और नहीं तो एक किस्सा याद आ रहा है हमें तीन चार भैया थे सात पीढ़ी बाद उनके बहन पैदा भई लड़की हा बड़ी लाड़ली मैयो बाप के इतनी लाड़ली की इतनो स काम नहीं करा में बा [संगीत] से भाईया पूछ पूछ के सब [संगीत] काम धीरे धीरे बड़ी हो गई तो पिताजी ने धीरे से कहा बिटिया अब तुम कहो तो तुम्हा विवाह करा दे बिटिया बोली पिताजी रुक जाओ थोड़ा सा अभी हम और इंतजार देख लेंगे आगे चलके धीरे धीरे पिताजी गुजर गए विवाह नहीं हुआ मां ने कहा कि मेरी आंखन के आ ब्याह हो जाए बोले मम्मी अभी उम्र छोटी है देख लेंगे मम्मी गुजर गई उम्र हो गई 35 साल बड़े भाई साहब ने कहा दीदी ना होए तो कह से जीजा की व्यवस्था करें बोले अभी मन नहीं है धीरे-धीरे बड़े भाई साहब भी गुजर गए उम्र हो गई 45 [संगीत] साल दूसरा तीसरा चौथा भाई भी गुजर गया उम्र हो गई 55 साल एक दिन भतीजे ने कही कि बुआ ना हो तो फूपा की व्यवस्था करें बुआ ने कही अभी मन नहीं है जब मन होगा तो बता देंगे ठीक है उम्र हो गई 70 साल एक दिन सब जगह पर बुआ नहीं जगी सब पूरे गांव में बड़ी खलबली बुआ नहीं दिख रही सो भतीज ग स कमरा में परी और रो रही 70 72 साल की उम्र भतीजे ने क क्या बात है बुआ जी बोले बेटा अब हम ब्याह [संगीत] करेंगे अब भतीजे को बड़ा टेंशन बोले 72 साल को फूपा कहां ढूंढो पर बुआ ब्या को झगड़ है तो ढूंढना तो करे बढ़िया मोटरसाइकिल से गया स एक खेत पर पहुंचे गन्ना का खेत बेरिया के पेड़ के नीचे एक डुकरा रो रो [संगीत] दादा राम राम राम राम की का रो रहे हो बेटा मत पूछे कल ते अम्मा मर गई माने पाई छुए बोले बरो ना मानो तो तुम्हा ब्याह करवा द राने क पला करवा कते बोले मेरी बुआ है 72 साल की तो मैं तो 75 को कोक्त ना डोकरा ने तो खजा मुछ र बढ़िया सगाई है गई अब 70 75 साल में ब्याह होर तो बुआ ने बड़ो बहार बना राखो सात गावन को तो धुआ बंद [संगीत] नता आज तीन ट्रक तो सामान आओ ब्या में इतना दहेज और भूपा बढ़िया घोड़ी पर बैठ के आए इंडिका कार में विदा प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अब बुआ हिलक हिलक के रोए विदा और चलत में भतीजे से क तीन दिना पीछे ले आइए लला भतीजे ने की तू जा तो सही कल आ पंडित ने पाच दिना में विदा बन है तो पाच दिना बाद बुआ लेवे को भतीजे गए और उधर से भूपा ने टच को मोबाइल [संगीत] बुआ बुआ उधर से आई हा बुआ को ना पाव लगे धरती पर जाए घर में घुस बा घर में घुस बुआ माके में रुके ही नहीं तीन दिन तक तो घरही नहीं पहुची अपने मोहल्ले में बनी रही और चौथे दिना फोन आए ग चौथे दिना भतीजे पर फोन पहुंच बोले भाई साहब कहां हो सीताराम बोले सीताराम बुआ लेके जल्दी आओ बोले काहे का हैग बोले फूपा नहीं [संगीत] रहे अ भतीजे को दिमाग खराब के बुआते कैसे कहे और तोन भगवान की कृपा से बुआ सामने आ ग बुआ ने पूछी लला कते आओ [संगीत] फोन भतीजे के मोते निक गई फूपा नहीं रहे हाय बुआ ने रो शुरू करो बुआ नहीं चुप होए काऊ कीमत [संगीत] पर महाराज जी बैठे ना ऐसे ही कोई बाबा जी पहुंच गए बोले जा बुआ मैं [संगीत] देखता गाव पर तो चुप नहीं हो बुआ हाथ में डंडा लेके पहुच गए का बात गई अरे मर गए तो मर ग का दिक्कत है अरे तीन चार दिन में खा रही ऐसी दिक्कत तो दूसरो कर [संगीत] देंगे बने मा से हाथ लगाओ बोले महाराज बात नहीं है तो बोले फपा तो मरासू धरे हम ब्या में गए त समझ गए कि तो आज क में चले जा तो बोले फिर का रो रही बोले हमें का सझ मतलब बोले अबन कनन में जमत आए अब दो दिना के ब चक्र में अब हम कन में नने महाराज जी ने चिंता मत करक में है जा भाई साहब बजाते रहो नहीं कन्य हो जाओगे डकन में आ जाओगे प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण सुदामा एक दिन सुदामा के आश्रम पर सांदीपनी ऋषि के आश्रम पर दुर्वासा ऋषि आते हैं और दुर्वासा ऋषि ने भिक्षम देही गुरु पत्नी आई भिक्षा देने के लिए ध्यान से सुनना थोड़े से चने घर में थे बाकी कुछ नहीं [संगीत] था दुर्वासा जी ने कहा आज मैं तेरे दरवाजे पर भिक्षा मांग रहा हूं कुछ हो तो दे दे गुरु मां ने कहा आज प्रभु कुछ नहीं है अभी बालक भिक्षा मांगने जाएंगे तो कुछ लेकर आएंगे तब आपको देंगे दुर्वासा जी क्रोधी तो है पर शांति भी रखते हैं कोई बात नहीं है वही आश्रम में बैठ गए थोड़ी देर बाद जब सुदामा जंगल की ओर जाने लगे कृष्ण के साथ में तो माता अंदर गई और अंदर से एक चने की पोटली लेकर आई [संगीत] एक चने की पोटली लेकर [संगीत] आई प्रेम से [संगीत] बोलो चने की पोटली लेकर आई सुदामा यह चने ले जाना दोनों खा लेना दुर्वासा ने देखा ओहो मैंने जब मांगा तो मुझे दिया नहीं इसका मतलब यह है कि इसके अंदर भेद है इसने मुझे पुत्र नहीं समझा आंखें बंद करके क्रोध करके दुर्वासा ने श्राप दे दिया जो भी इन चनों को ग्रहण करेगा वह हमेशा के लिए दरिद्र हो जाएगा सुदामा बगल में खड़ा खड़ा सुन रहा था मां को पता नहीं चला और मां ने सुदामा को चने दे दिए सुदामा चनों को लेकर चला मन में विचार कर रहा है क्या करू इन चनों का पानी बरसने लगा सर्दी बढ़ी सुदामा ने चने खोले सुदामा समझ गया कि अगर मेरा कृष्ण इन चनों को खाएगा तो दरिद्र हो जाएगा प्यारे एक एक मुट्ठी भरकर सुदामा चने खाते रहे और कृष्ण मांगते रहे और सुदामा बहाना बनाते रहे सुदामा की आंखों से आंसू बरसते रहे मेरा कृष्ण कभी गरीब ना हो मेरा मित्र कभी दरिद्र न हो मित्र चिंता मत करना मैं अपने हिस्से की गरीबी काटू और तेरे हिस्से की भी गरीबी मैं [संगीत] काटू लोग कहते हैं कि सुदामा ने चोरी की मेरे भाई चोरी करने वाले के चरण परमात्मा नहीं धोता त्याग करने वाले के चरण धोता है भगवान तो पढ़कर चले गए और सुदामा ने सुंदर सुशीला के साथ विवाह किया घर में गरीबी इतनी दरिद्रता है कि पूछो मत पहनने के लिए कपड़ा नहीं तीन दिन से बच्चे भूखे छोटा वाला बच्चा कह रहा है मां मुझे भोजन दो मां ने कहा तेरे पिता मांगने गए हैं लौटकर आएंगे तो पेट भर के भोजन कराऊंगा दरवाजे पर बैठकर इंतजार कर रहा है ध्यान रखना गरीबी का दर्द बड़ा मीठा दर्द होता है एक बार जिसने अपने जीवन में गरीबी देखी हो वो जानता है कि ये दर्द क्या है परमात्मा सब कुछ देना पर किसी को गरीबी मत [संगीत] देना इंतजार कर रहा है थोड़ी देर बाद सुदामा आ गए मां पिताजी आ गए भोजन दो मां दौड़कर दरवाजे पर आई झोली खाली है पूछा कुछ नहीं मिला बोले नहीं अंदर [संगीत] गई प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण अंदर [संगीत] गई और अंदर जाने के बाद में पति के पास जाकर बैठ [संगीत] गई [संगीत] प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय [संगीत] जय प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण पावन श्रोताओं बड़ा विचित्र वर्णन [संगीत] है स्वामी ऐसे कब तक चलेगा बच्चा भूखा है बच्चा रो रहा है सुदामा बोले नहीं पत्नी खड़ी होकर बच्चे के पास आई और उसके हाथ में थोड़ा सा जल रखा बेटा पी ले बच्चे ने कहा मां यह क्या है बोले ये चरणो दक है क्यों कहा पुत्र आज अपने घर में एकादशी है बच्चे ने आंखों में आंसू भरकर कहा मां एक बात मुझे बता कल भी एकादशी थी परसों भी एकादशी थी उससे पहले दिन भी एकादशी दुनिया के घर में तो दो बार आती है अपने घर में रोज रोज [संगीत] क्यों मां ने हृदय से बेटे को लगाकर कहा बेटा अपन भाग्यशाली [संगीत] है बच्चे को थपकी लगाकर सुला दिया आंगन में जमीन पर और पति के पास जाकर रो पड़ी एक काम करो कहीं से थोड़ा सा जहर ले आओ मैं अपने बच्चों को भूख से मरता हुआ नहीं देख [संगीत] सकती सुदामा बोला नहीं खड़ी होकर ठाकुर जी का मंदिर बना रखा था उसी पर जाकर सर पटक कर रोने लगी प्रभु दुनिया अपने पुत्रों की लंबी उम्र मांगती है और मैं तुमसे अपने बेटों की मृत्यु मांग [संगीत] रही भगवान का हृदय फट गया द्वारिकापुरी से आवाज लगा दी आ रहा हूं और मेरे गोविंद भिकारी का भेस बनाकर दरवाजे पर पहुंच गए माई भिक्षा देही पत्नी ने कहा भिकारी दरवाजे पर भीख मांग रहा है बच्चा भूखा सो रहा है क्या दूं सुदामा ने आंखों में आंसू भरकर कहा जा पहले प्रणाम करना और उसके बाद प्रणाम करने के बाद उससे कह देना कि हमारे घर में सूतक [संगीत] है सूतक है पत्नी गई जाकर प्रणाम किया बोले महाराज हमारे घर में सूतक है शायद कोई भिखारी होता तो चला जाता भगवान ने कहा बच्चे को जन्म तूने दिया नहीं मृत्यु किसी की हुई नहीं सूतक किस चीज का है पत्नी लौट करर आई वो पूछ रहा है सूतक किस चीज का है सुदामा ने हंसकर कहा जा उससे कह देना कि हमारे घर में गरीबी का सूतक है वो समझ जाएगा कि इनके घर में देने के लिए कुछ नहीं है पत्नी आई महाराज हमारे घर में गरीबी का सूतक है भगवान ने ऐसे झोली फैला दी यह गरीबी का सूतक मुझे दे दे पत्नी रो पड़ी य कोई देने की चीज है परमात्मा ने कहा है कैसे बोले तेरे पति का एक मित्र है द्वारिका का राजा कृष्ण तू अपने पति को उसके पास भेजते हैं तेरी गरीबी का सूतक मेरे पास आ [संगीत] [प्रशंसा] जाएगा प्रेम से [संगीत] बोलो पत्नी पास में आई पूछा तुम्हारा कोई मित्र है सुदामा ने कहा गरीबों का कोई मित्र नहीं अच्छा कोई रिश्तेदार बोले अपना कोई रिश्तेदार नहीं है पत्नी ने आंखों में आंसू भरे दोनों हाथ जोड़े द्वारिका का राजा कृष्ण तुम्हारा कौन लगता है आकाश से भरे भैया सुंदर स्वागत करते [प्रशंसा] हुए हाथ से माला छूट गई मेरा मित्र है वो आंखों में आंसू भरकर कहा एक बार उसके यहां चले जाओ सुदामा ने कहा नहीं मैं उसके यहां नहीं जाऊंगा पत्नी ने चरण पकड़ लिए केवल एक [संगीत] बार शिक्षक हो स गरे जग कोती ताक कहा अब देती है शिक्षा जे तप के परलोक सुधा संपति के तिन केा मेरे ही हर के पद पंकज ब हजार ले देख परीक्षा और अनको धन चाहिए बावरी ब्राह्मण को धन केवल भिक्षा द्वारिका जाओ जो द्वारिका जा आठ याम य जख तेरे और जोन कहो करियो तो बड़ो दुख जए कहा अपनी गति हेरे द्वार खड़े प्रभु की रिया ज भूपत जात न पावत नेरे पाच पार देख विचार के बैट को चार चावर मेरे हरे सुदामा बच्चे घर में तीन दिन से भूखे हैं जाने की बात तो कर रहा है पर मांगने की नहीं भगवान को देने की सोच रहा है रे सुदामा तू धन्य है [संगीत] रे आहा पत्नी ने कहा चाहिए चार घर गई और फटक की टूटन लेकर आई साफ करके एक मैले से वस्त्र में बांध दिया जाओ अपने प्रभु को भेट दे देना सुदामा चल पड़े [संगीत] हैं हाथ में सटका [संगीत] है तुम्हारी याद आती [संगीत] है तुम्हारी याद आती [संगीत] है और देखिए कितना बड़ा सुंदर सौभाग्य का दिन है हमारे विकास भैया और हमारे प्रेम सिंह भैया क्या बात है देखो प्रेम सिंह भैया का तो कहना ही क्या हम जहां भी कथा करने गए इंदौर हो चाहे वह कहीं भी हो प्रेम सिंह भैया सब पत्नी सब परिवार पहुंचते हैं क्या बात है और अब तो हमारे विकास भैया भी पहुंचेंगे इस बार तालियों से उनका [संगीत] [प्रशंसा] अभिवादन और देखो हमारे प्रेम सिंह भैया को तो आप जानते हैं हमारे जगदीश पटेल के पुत्र हैं और 2018 में उनके द्वारा इसी प्रांगण में कितना भव्य आयोजन भागवत का हुआ था और किन्ही कारणों के बस व अपने बीच में मौजूद नहीं है चेन्नई गए घूमने के लिए कोई बात नहीं है अच्छा एक बात बताओ शिव पुराण की कथा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए हरे राम हमने हाथ की नहीं की तोत तैयार क्या बात है जय हो एक बार तालियों से अभिवादन हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेवर हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव चिंता ना करो अगली बार भोले बाबा के नाम का डंका बजेगा इसी प्रांगण में और यह आयोजन किसी एक की तरफ से नहीं होगा आप सब लोगों की तरफ से सार्वजनिक रूप से सार्वजनिक रूप से होगा [संगीत] तुम्हारी याद ती है बता दो क्या करें मो तुम्हारी याद आती है बता दो क्या करे मोह ताली बजाते भाव से तुम्हारी याद आती है बता दो क्या करे मोहन तुम्हारी याद आती है बता दो क्या करे वो है सुबह और शाम आती है रात भर वो रुलाती है सुबह और शाम आती है रात भर वो रुलाती है सुबह दोर सा [संगीत] आती है रात भर वो रुलाती है सुबह और शाम आती है रात भर वो रुलाती है चैन हम को नहीं आता चैन हमको नहीं आता बता दो क्या करे वो तुम्हारी याद आती है बता दो क्या करे मोह [संगीत] [संगीत] [संगीत] हरि [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत] बोल चलू जब वो ना चलने दे रुकू और वो न रुकने दे चलो जब वो ना चलने दे रुकू जब वो ना रुकने दे मिलू और वो ना मिलने दे मिलू और और ना मिलने दे तुम बताओ क्या करे म तुम्हारी यात आती है बताओ क्या करे [संगीत] मोहन श्री [संगीत] हरि [संगीत] [संगीत] [संगीत] य चाहा था तुम्हें हमने मगर तुमने नहीं चाहा य चाहा था तुम्हें हमने मगर तुमने नहीं चाहा चले तुम जो गए मोहन चले तुम गए मोहन तुम बता दो क्या करे मोहन तुम्हारी याद आती है बता दो क्या करे मोह बता दो क्या करे वो क्या करे [संगीत] वो सुदामा जी चलते चलते मूर्छित हुए और जब नजर खुली तो द्वारिका पुरी पहुंच गए अच्छा जिससे भी पता पूछा उसने अपमान किया ध्यान रखना भगवान की भक्ति में जब चलोगे तो जगह जगह पर अपमान होगा पर ध्यान रखना अपने मान का बदला भगवान के भरोसे पर छोड़ देना सारा हिसाब किताब परमात्मा ब्याज लगा के [संगीत] करेगा दरवाजे पर पहुंचे द्वारपाल से कहा कि मुझे प्रभु से मिलना है द्वारपाल ने मना किया सुदामा रोने लगे गिड़गिड़ा लगे जब ऐसी हालत देखी द्वारपाल अंदर पहुंचा भगवान भोजन करने के लिए बैठे थे द्वारपाल ने कहा प्रभु शीष प न जगा तन [संगीत] प जाने को आही बसो केही [संगीत] [प्रशंसा] गा धोती फटी सी लट [संगीत] दुपति बाहे उ पाहन की नहीं [संगीत] साम द्वार खड़ो [संगीत] द्विज दुर्बल एक रहो चक सु वसुधा विरा पूजत दीन दयाल को धाम बताव आपनो नाम सुदा बता बताओ अपनो नाम सुदामा बता ब तो अपनो नाम [संगीत] सुधा भगवान खड़े हो गए देखि अभी हमारे बीच में सुमित गुप्ता जितेंद्र लक्षकार और जितेंद्र राजपूत के द्वारा स्वागत हुआ था और हमारी तीन बहनों के द्वारा भी अभी अभी स्वागत हुआ इन सबके लिए तालिया वैसे मैं आपसे एक बात कहूं आप सब मेरी बहने [संगीत] हैं [संगीत] हा एक बात और सुन लो एक को छोड़ कर हैं हा हमारी पत्नी स बैठी में बे समझ जाए लो हम नाम बहन में आ प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण कह रहे बरे पंडित एक जगह हम गए थे लोग कह रहे थे कि पंडित नहीं है य तो जलेबी के टूक है हमने धोखे में खाए ना ज प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण वास्तविक बात है आप लोगों का बहुत स्नेह है मुझसे ऐसी सर्दी में लोग बाग मेरे से पूछ रहे थे पंडाल में भीड़ मैंने की जबरदस्त लोग क ऐसा हो नहीं सकता मैंने वीडियो देखो ना लोग ताज्जुब कर रहे इतनी सर्दी में लोग कैसे आ रहे हैं आपके हमने कि मेरे यहां लोग नहीं आ रहे हमारी राधा रानी के ठाकुर जी के दीवाने हैं इसलिए सर्दी में चलकर आ रहे और देखो यह हजरे का कार्यक्रम है यहां तो मैं पांचवी कथा है ये मेरी दो रामजान की मंदिर में हुई उनके चरणों में रोज मैं यहीं से नमन करता [संगीत] हूं और आप लोगों के बीच में ये तीसरी कथा इसी प्रांगण में है और मैं एक का नाम इसलिए नहीं ले रहा क्योंकि सब लोग मेरे हैं चाहे वो यादव परिवार हो चाहे वो पटेल परिवार हो कोई भी सब मेरे हैं और मेरे लिए तन मन धन से मेरे साथ जुड़े हैं हमारे भागीरथ जी सेठ जी देखो क्या बात है क्या कहना सतीश भैया देखो य सब मेरे से तन मन धन से जुड़े हैं मैं किस किस का नाम लू जितने नाम लूंगा मैं उतना कम पड़ेगा यह पूरा क्षेत्र मेरा है और इन सभी क्षेत्रवासियों के लिए जोरदार तालियों से इनका अभिवादन भगवान ने पूछा सुदामा मेरा मित्र आ गया 56 प्रकार के भोग को लांग गए दुपट्टा गिर गया दौड़ लगा द सात जोड़ी पार करके प्रभु गए थे सात ड़ी पार करके द्वारपाल इधर से गया था सुदामा ने समझा कि बहुत देर हो गई अब नहीं आएगा सुदामा चले गए और जब भगवान द्वार पर आए तो द्वारपाल के सामने हाथ जोड़कर कहा मेरा मित्र कहां है द्वारपाल चरणों में तो गिरा पर मुख से निकला सुदामा तू धन्य है रे जिसके प्रेम में दीवाना पागल होकर कृष्ण घूम रहा है अच्छा जिस जिस व्यक्ति ने अपमान किया उसी को हाथ पकड़कर पूछा तूने मेरा मित्र देखा मानो अपने मित्र के अपमान का प्रभु बदला ले रहे [संगीत] हो सुदामा को जाते हुए देखा भगवान ने आवाज लगाई सुदामा अब पलट कर नहीं देखा सुदामा एक बार मेरी ओर देख पलट कर सुदामा ने देखा दंड हाथ से छूट गया तीन लोग का नात 16108 रानियों के बीच में खड़ा होकर ऐसे हाथ फैलाकर स्वागत के लिए खड़ा है सुदामा दौड़ कर जाकर हृदय से लग गए हैं कंधे पर हाथ रखकर सुदामा को महल में लेकर आए प्रभु ने सुंदर सत्यभामा से कहा मेरा मित्र आया है रुक्मिणी परात लेकर आई वर्णन है ऐसे बिहाल वि [संगीत] वाहिक टक जाल लगे पुण जो हाय महा दुख पायो सखा तुम आए इते न किते दिन [संगीत] खोए देख सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणा निधि रोए पानी परात को हाथ छुओ नहीं नैनन के जलसों पग धो अच्छा भोजन पाने के लिए परात सामने रखी 5 भोग सुदामा ने ग्रहण नहीं किया सारी रानिया आशीर्वाद लेने आई ऐसे आशीर्वाद दिया वर्णन बड़ा प्यारा [संगीत] है शाम को भगवान कृष्ण के पास सुदामा बैठे तो गोविंद ने कहा कि मेरे लिए भाभी ने क्या भेजा सुदामा की कांख में पोटरी है परमात्मा ने झपट्टा लगाया पोटली फट गई एक मुट्ठी चावल भरे अपने मुख में डाले एक मुठी हरि भर लई लीनी मुख में डारी चब चबा करन लगे जी चतुरानन त्रिपुरा एक लोक तेरा दूसरी मुट्ठी में सुदामा दूसरा लोक तेरा तीसरी मुट्ठी पकड़ ली रुक्मिणी ने क्या कर रहे हो महाराज बोले मुझे रोके मत देने दो ऐसे झोली फैलाई प्रसाद तो चाहिए ना ब्राह्मण देवता का मुठी चावल की छोड़ दी झोली में अच्छा रुक्मिणी ने एक एक टूटा चावल सब रानियों को बांटना शुरू किया सत्यभामा के हथेली पर टूटो चावल रखो सत्यभामा कह लगे जी जी जि तो टूटो चावल है रुक्मिणी ने कान में काहा खा ले दो लोक तो गई तीसरो दे रवे और क तीसरो दे दो तो अपन बैठे को गद्दी पे और कंडा बनवावे [संगीत] अच्छा भैया क को परस खोएगा व अब चल के हमन आएगा है माल पानीयो ठीक ठाक हमने खोल के देखलो हा अबता को हो तो ले जायो प्रेम से बोलो जय पर इस ईमानदारी के लिए तालियों से उसका स्वागत जिसने यहां मंच पर इसको [प्रशंसा] पहुंचाया सुदामा रात भर रुके जब शाम को स्नान किए ना तो भगवान ने अपनी सुंदर नई धोती दे दई सुदामा खुश हो गए बोले ठीक र नई मिल गई सवेरे सुदामा जी फिर नहाए भगवान ने ई फटी पुरानी फिर पकड़ा दी भैया अपनी धोती पहन लो सुदामा ने सोची बन गए करोड़पति घर वाई कह रही चले जाओ जान तो नई धोती उतरवा फट पराई अब मन हो रहा है कि कुछ मांग ले लाला वैसे तो सब ठीक है पर घर में छोटे छोटे भतीजे हैं बिनको भगवान बोले उनके लिए इंतजाम है अंदर गए मुट्ठी बंद करके आए सुदामा ने की लाला अब चलेंगे कंधे पर हाथ रखकर नगर से बाहर छोड़ने आए रास्ते में पचास बार पूछा भतीज ने के काज अब भगवान सुदामा सोच रहे हैं कि मुट्ठी बंदने से पांच पांच मोहरे ले आओ होग चका चक है जाएगी भगवान समझ गए कि मुट्ठी बंद रही तो े जाएगा नहीं सो धीरे से बोले भतीज न को आशीर्वाद सुदामा ने के बन गए करोड़पति चलो सटका ले लो आगे को चल पड़े लौटकर पीछे नहीं देखा थोड़ी दूर में जंगल में प्रवेश किया एक पेड़ के नीचे बैठे थे तब तक चार डाकू आ गए बता तेरे पास क्या है सुदामा जी बोले फटी फटाई धोती उतार [संगीत] दे कहां गया था बोले द्वारिकापुरी गए थे चार मुठी लेके दो छोरा पेट भर के खा के तना के स्त बे चले के कछ मिलो नहीं ऐसे टटोला टाली करी से कुछ था नहीं सुदामा जी बोले धोतिया ले जाओ काम आ जाएगी एक डाकू ने ढोड़े पर लात मारी गिर पड़े गिर पड़े तो हंस रहे रे गोविंद आज अगर द मोहरे दे दई होती तो जे का छोड़ रहे हम जहां मरे डरे होते और मण मण ने लेक वहां फिर रही होती हजिया तो है बा मेरे प्रभु दिया नहीं बहुत अच्छा किया और हंसते हंसते सो गए और जब नींद खुली तो प्यारे सुदामा पुरी पहुंच गए सोने के महल बन गए रात रात में एक अब सोचने लग गए भैया जी कौन सा नगर है जए तो छोड़ के आए भैया कौन सा गांव है एकने कही सुदामा पुरी मन में सोच र हम घर तो रोटी खा को पुरी का री अरे भैया बात ऐसी है कि गाव तो ही लग रहा है चौरा ही पेड़ ही घर ना है हम यह महल कौन को है बोले सुदामा महाराज का मन में सुदामा तो हम पर हम के महाराज भिखारी नंबर वन के भैया यहां कुटिया थी कल बोले हमें नहीं पता हम तो रात मेंही आए हैं ड्यूटी पर अरे भैया कोई घर में है सुदामा महाराज कहां गए बोले द्वारिकापुरी गए हैं सोच रहे द्वारिकापुरी तो हम गए अरे भैया कोई घर पर बोले उनकी पत्नी है सुशीला देवी सुशीला तोई घरवा को नाम है प्रेम से बोलो ज श क अंदर प्रवेश किए एक बार और सुन लो काऊ पर पैसा बढ़ जाना तो आदमी रात रात में मुट आ जाए तो सुशीला तो मुट आ गई ताके मुह पर ढंग से मक्खी नहीं बैठे ते धूप के धुआ से केस सुखा रही हा रेशमी साड़ी ऊंची एड़ी के सैडल ऊपर से सुदामा जी को देखा सुशीला पहचान गई बोले स्वामी आ गए अब जो खटर पटर करके झीना से नीचे उतरी सुदामा जी ने ने ऊपर के देख हमारी तो कैसे है सकती तो भारी सुंदर [संगीत] है पास में आए सुशीला हाथ जोड़कर पूछने लगी स्वामी प्रणाम सुधा दूर दूर दूर दूर सुशीला ने कहा भूल गए का ऐसे देखो सुशीला ये तूने क्या मांग लिया भक्ति के बदले यह धन मुझे नहीं चाहिए जा तू धन में रह और सब कुछ त्याग कर दिया तुरंत चल पड़े मुझे नहीं चाहिए सोना चांदी तूने मेरे कृष्ण को परेशान किया जब पीछे को चले हैं तो महल से अंदर से आवाज आई मित्र और जो पलट कर बड़बड़ा कर देखे तो द्वारिकाधीश सुदामा के घर में खड़ा है चरणों की तरफ झुके तो हृदय से लगा लिया लोग कहे हरे मित्र दुखी प्रेम से [संगीत] बोलो पावन श्रोताओं देखो भगवान की कथा तो हरे अनंत हरि कथा अनंता परीक्षित को सुखदेव आचार्य जी ने पूरी कथा सुनाई और सुनाने के बाद में पूछा कि कहो परीक्षित क्या तुम्हारी मृत्यु होगी तो परीक्षित ने कहा नहीं राजन नहीं गुरुदेव मेरे शरीर की मृत्यु होगी जब इतना शब्द सुना सुखदेव आचार्य जी खड़े हुए जंगल के लिए चले गए बोलिए सुखदेव महाराज की जय सात दिन पूरे हुए तक्षक आकर ता उससे पहले परीक्षित अपने शरीर को त्याग कर प्रभु के धाम के लिए चले गए बोलिए परीक्षित महाराज की जय हो यह कार्यक्रम अग्रवाल परिवार देवकी अग्रवाल जी की तरफ से यह कार्यक्रम का आयोजन रहा मंच व्यासपीठ की गरमा को रखते हुए हुए उनको बहुत-बहुत धन्यवाद इस आयोजन के वह सूत्रधार बने उनके परिवार के लिए शुभ आशीर्वाद और उनके जितने भी रिश्तेदार आगं गुण पधारे सभी को मंच व्यासपीठ से शुभ आशीर्वाद परमात्मा इनके जीवन में धन वैभव सुंदर सुख समृद्धि दे सुंदर बुद्धि का प्रकाश इनके जीवन में करें एक बार आप सभी लोगों का हृदय से धन्यवाद और आपको व्यास मंच पीठ से मैं नमन करता हूं मेरी बहनों को यह प्रेम आपका मेरे प्रति बना रहना चाहिए देखो रिश्ता बहन भाई का बहुत साधारण सा है और बहुत कठिन भी है आप लोगों ने भाई अगर स्वीकार किया है तो इस रिश्ते को निभाते रहना और ध्यान रखना घर घर में रामचरित मानस का पाठ होना चाहिए शिव जीी का डंका बजना ही चाहिए और घर घर के दरवाजे पर दीपक जलना ही चाहिए प्रेम से बोलो सफाई का विशेष ध्यान रखें परमात्मा का नाम संकीर्तन करते रहे भगवान की पूजा इत्यादि करते रहे जय हो भैया हमारे समस्त हजीरा क्षेत्र गौसपुर नंबर एक गपुरा नंबर दो के सभी भाइयों को हृदय से आभार और उन सभी के लिए आशीर्वाद हमारे चूड़ी मार्केट वालों के लिए यह किराना व्यापार वालों के लिए आसपास जितनी मार्केट में मेरी आवाज पहुंच रही है जहां तक नहीं भी पहुंच रही उन सबके लिए से शुभ आशीर्वाद परमात्मा उनके जीवन में धन समृद्धि वैभव श्वर कीर्ति प्रशस्त करे प्रदान करे उनके जीवन में शांति हो हमारे ऑर्गन पर साथ दे रहे हेमंत भैया का भी हृदय से धन्यवाद हरि ओम भैया जो तबला पर वादक ब बहुत-बहुत धन्यवाद आकाश भैया जो हमारे पैड पर हैं बहुत बहुत उनके लिए भी धन्यवाद और हमारे विष्णुकांत पाराशर जी जो श्याम सुंदर पारा सर जी के प्रिय शिष्यों में से एक हैं उनके लिए मंच व्यासपीठ से शुभ आशीर्वाद उनके जीवन में तरक्की का मार्ग प्रशस्त करे हमारे वर्ण देवता जितने भी मंच पर बैठे उनके चरणों में कोटि कोटि नमन करते हुए जितने भी लोग यहां पधारे सभी को पुनः नमन करते हुए हमारे भाई बड़े भैया राजेंद्र प्रसाद जी के चरणों में कोटि कोटि नमन करते हुए और हमारे मीडिया वाले दोनों भाइयों के लिए बहुत बहुत एक बार इनके लिए तालियां बजा दे क्योंकि उन्होंने बहुत मेहनत की है और वास्तविक बात है हमारी इस कथा को आप लोग ताज्जुब करेंगे च हजार लोगों ने अपने अपने घर बैठकर देखा है तो जितनी यहां संख्या नहीं है उससे कई गुना सब लोगों के पास में इन्होंने कथा को पहुंचाया दोनों भाइयों को बहुत बहुत धन्यवाद टेंट वाले भैया को बहुत-बहुत धन्यवाद और सबसे बड़े धन्यवाद के पात्र हमारे विनय भैया इनका क्या साउंड बेहतरीन चला इससे कितनी सुंदर आवाज निकली इनके लिए जोरदार तालियों से इनका अभिवादन और परमात्मा इनके जीवन में खूब आनंद वैभव ऐश्वर्य कीर्ति प्रदान करे और भैया प्रसाद ले जाना सब लोग हा ना खड़े है कि बिना प्रसाद के निकल जाओ नियम होता है कि कथा सुनकर प्रसाद खाओगे तो कथा अंदर चली जाएगी ना तो पता ना कहां उड़ जाए प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण हमारी युवा मंडल की जितनी भी बड़ी टीम थी विकास भैया प्रेम भैया सतीश भैया हमारे राजू भैया इन सब साथियों ने बहुत मेहनत की और बाहर से जो हमें समर्थन मिला वो भागीरथ जी वगैरा सब जितने भी पटेल परिवार यादव परिवार के लोग हैं सबकी तरफ से समर्थन मिला अभी नहीं बांटना भैया भैया अभी बांटो तो सब बिगड़ जाएगा सब खड़े हो जाएंगे प्रसाद के लिए अपन बांटेंगे सबको बाटेंगे प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की ज जगह पर पहुच जाएंगे सभी लोग आइए सभी मेरे साथ एक मंत्र बोलेंगे नामम तन संकीर्तन यस्य यस सर्व सर्व पाप प्रणास प्रन प्रणाम प्रणाम दुख समन समन नमाम नमाम हरि परम हरि पर नाम संकीर्तन यस्य नाम संकीर्तन यस इस मंत्र को बोलने से जीवन के पाप कटते हैं सबको बोलना चाहिए नाम कीर्तनम यस्य नाम संकीर्तन यस्य सर्व पाप प्रणास सर्व पाप प्रणास प्रणाम दुख समस्त प्रणाम दुख समन नमामि हरि परम नमामि हरि परम हरि ओम हरि ओम शांति शांति शांति शांति शांति शांति जितने भी मंच पर स्वागत करने के लिए पधार सबका हृदय से धन्यवाद आभार और जितने लोगों ने भोजन की व्यवस्था रखी उन सबका बहुत-बहुत धन्यवाद अंत में चलने से पहले एक बार में चरणों में नमन करूंगा हमारे विष्णु थापक जी को मैं आपको एक जानकारी दूं इन्होंने बहन भाई का बड़ा सुंदर फर्ज अदा किया है मैं गांव में रहता था यह बहन मेरी यहां उठाकर मुझे ले आई और कहा कि तुम्हें ग्वालियर में रहना चाहिए इतना प्रेम दिया कि आज आप सब लोगों से इन्होंने मुझे जोड़ा एक बार मेरी बहन जी के लिए तालियां और हमारे बहनोई के लिए भी तालियां वैसे वे तो मेरी सगाई करके गए हैं ब्याह में हम सन्न को बुलाएंगे चिंता ना करियो हैं जय [संगीत] हो देखिए हमारे कमल राजावत भैया सुंदर स्वागत करें तालियों से उनका अभिवादन जय हो भैया जान साहब के लिए भी तालियों से अभिवादन क्या बात है आप सब लोगों का प्रेम बहुत सरानी है आइए विश्राम की तरफ चलने से पहले हेमंत भैया की तरफ से प्रस्तुति बोलिए वृंदावन बिहारी लाल की देखिए सभी लोग कितना आनंद आया पूज्य महाराज श्री ने सप्त दिवसी श्रीमद भागवत कथा को हम और आप लोगों को श्रवण कराया आज विश्राम की ओर है महाराज श्री विश्राम ले चुके हैं आगामी कथाओ के बता चुका हूं आप लोगों को जैसे कि 23 तारीख से इंदौर में तुलसी नगर में भव्य कार्यक्रम होने के लिए जा रहा है नौ दिवसीय श्री शेव महापुराण और सभी माताओं बहनों से मेरा कद निवेदन है जैसे कि सात दिन तक महाराज जी ने कथा श्रवण कराई सभी लोग पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद लेकर के चावल के रूप में प्रसाद लेकर के पूज्य महाराज श्री से आप सभी लोग जाएंगे और देखिए भीड़ नहीं करेंगे सबसे पहले परीक्षित जी सबसे पहले परीक्षित जी पूजन करेंगे और उसके बाद में सब बारी बारी से एक एक से सभी चावल का प्रसाद लेकर के जाएंगे और पूज्य महाराज श्री की आगामी कथाएं 23 तारीख से इंदौर में अभी पूज्य महाराज श्री बता रहे थे 23 तारीख से नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण आपको कथा सुनने के लिए प्राप्त होगी और आगामी जैसे कि दो तारीख से दो तारीख से राजस्थान में करौली में अभी महाराज जी बता रहे थे न दो तारीख से करौली में कार्यक्रम है उसके बाद में 15 तारीख से बरे गांव में है मुरेना और अंबा के बीच में है बरेसा गांव पड़ता है वहां भव्य कार्यक्रम है सात दिवसीय श्रीमद् भागवत का महापुराण का उसके बाद में 21 फरवरी से क्योंकि समय नहीं है वैसे तो प्रतिवर्ष महाराज जी की 19 फरवरी से कथा होती है बाड़ी राजस्थान में इस वर्ष जो है समय नहीं मिल पा रहा है इसलिए दो दिन बढ़ा दिए गए हैं 21 तारीख से वहां भव्य जो है श्री शिव महापुराण अपन लोगों को सुनने के लिए प्राप्त होगी चैनल के माध्यम से जुड़िए और महाराज जी के परिवार के सदस्य बनिए क्योंकि आप चैनल से जुड़ जाएंगे आगामी कथाएं जैसे कि महाराज जी की होती है उनसे हम और आप लोग देख सकते हैं और फबुक के माध्यम से भी इस कथा का लाइव प्रसारण हुआ था आचार्य श्री राम तिवारी जी महाराज के नाम से आप सर्च करोगे फॉलो करिए उसको और लाइक करिए चैनल को जहां से अधिक से अधिक संख्या में बताइए कि हमारे जो श्री आरती के बाद आरती के बाद आरती के बाद जो भी हमारी मंच पर आए वो आरती के बाद चावल का प्रसाद लेकर अवश्य जाए राधा मोहन भक्ति चैनल के माध्यम से अपना कार्यक्रम चल रहा है प्रेम से बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय हो देखिए यह सुंदर आयोजन हुआ आप सभी लोगों ने सुंदर सहयोग किया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अंत में चलने से पहले हमारे शिष्य परिवार का बहुत बहुत धन्यवाद जिसमें हमारे अरुण पटेल अशोक पटेल और सुंदर अभी नहीं अभी नहीं और यह सुंदर पूरा पटेल परिवार तन बंधन से जुड़ा 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हम परदेसी फकीर काऊ दिन याद करो हम परदेसी फकीर काऊ देना याद करोगे काऊ दिन याद करोगे हो काऊ दिना याद करोगे हम परदेसी फकीर काऊ दिन याद कर गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है श्री भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से रकार श्री भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रंथ ये मुक्त पंथ ये पंचम वेद निराला नवज्योति जगा में ये अमर ग्रंथ ये मुक्ति पंथ ये पंचम वेद निराला नभ ज्योति जगाने वाला हरि नाम यही हरि धाम यही हरि नाम यही हरि नाम यही जद के मंगल की आरती पापियों को पाप से तारती श्री भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये शांति गीत पावन पुनीत पापों को मिटाने वाला हरि दर्स कराने वाला ये शांति गीत पावन पुनीत पापों को मिटाने वाला हरि दर्शन कराने वाला ये सुख करनी ये दुख हरनी ये सुख करनी ये दुख हरनी श्री मधुसूदन की आरती पापियों को पाप से तारती श्री भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से तारती हे मधुर बोल मग पंथ खोल सत मार्ग बताने बगड़ी को बनाने वाला हे मधुर बोल मद पंत ल सद मार्ग बताने वाला बिगड़ी को बनाने वाला श्री राम यही घनश्याम यही 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