Taliban's Arrest Of Ethnic Uzbek Commander Sparks Clashes In Northern Afghanistan

अस्सलाम वालेकुम नाजरीन उम्मीद है खैरियत से होंगे नाजरीन अफगानिस्तान में बहुत बड़ी गरिब तारी अमल में लाई गई है और जो मुल्ला खुरासानी है उसको बाक तौर पर तालिबान की हुकूमत ने गिरफ्तार किया हुआ है हालिया जी रिपोर्टें सामने आ चुकी है उसके मुताबिक यह है कि जो मुल्ला खुरासानी था वह ईरान के खिलाफ इश्तिहार दिलाता था लोगों को और मुल्क के अंदर फसाद बरपा करने की कोशिश करता था तो इस वजह से जो मुल्ला खुरासानी है उसको हमने गिरफ्तार किया है तालिबान की स्टेटमेंट ये सिंपल के जो मुल्ला खुरासानी है वो ईरान के खिलाफ अफगानिस्तान के अंदर लोगों को इश्तिहार दिलाता था और दोनों ममा के दरमियान जो बदरा ममालाकंडम पाकिस्तान के खिलाफ भी भड़कता रहता है और इनकी कुश होती है कि अगर बॉर्डर पे रखम बॉर्डर पे छोटा सा भी क्लेश हो तो ये पीछे से आ जाता है खड़ा हो जाता है कि हमने बस पाकिस्तान पे हमला करना है और हमने सफाई हस्ती से मिटाना है और ये और वो मतलब इस बंदे की बातें हमेशा फसाद के ऊपर मम नहीं होते हैं ईरान के साथ थोड़ा सा क्लेश होता है तो फिर ये खड़ा हो जाते हैं अभी रिसेंटली जो इस्माइल हनिया साहब की शहादत हो गई थी ईरान के अंदर इस बंदे की स्टेटमेंट आप देखें इसने स्टेटमेंट दिया हुआ था कि अब वक्त आ गया कि तालिबान ईरान के ऊपर हमला करें उमा हनिया का बदला ले अब भाई होश के नाखून ले लो थोड़ा सा ये इंटरनेशनल पॉलिटिक्स को समझने की कोशिश करो इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में जज्बात नहीं चलता कि आप जज्बात में आके कुछ भी बयान दे देते हैं और दूसरी तरफ भी तालिबान का एक नुमाइंदा था कोई आम बंदा नहीं था क्योंकि वो जो उबक और वो जो इलाके है वो इस कंडर चलते थे इस बंदे की अगर हम थोड़ा सा हिस्टोरिकल बैकग्राउंड में जाए तो जब से तालिबान की हुकूमत आ गई है तो यह बंदा तालिबान के लिए कोई ना कोई मसला खड़ा करने की कोशिश करता है और यह बंद दरअसल तालिबान के साथ इसका ताल्लुक भी नहीं था जब पं शेर का इलाका तालिबान पथ करने की कोशिश कर रहे थे जाहिर सी बात है वहां पे जो उस वक्त है उनका कब्जा था तो यह जो बंदा था मुला खुरासानी उसने तालिबान की हिमायत की थी और फिर इसी हिमायत की वजह से तालिबान ने उसको वहां का गवर्नर बनाया उसके बाद फिर जब तालिबान ने अफीम की काश केपर पाबंदी लगाई तो वहां पे जो जलूस निकल गए तो इसमें इसका हाथ था इस बंदे ने बाका तौर पर जलसों का साथ दिया था नुमाइंदा था हुकूमत का लेकिन हुकूमत के खिलाफ जलूस निकल र है ये उसका साथ दे रहा है उसके बाद फिर जो ताज कु जबक का और पश्तून कनफ्लिक्ट था उसमें भी ये बंदा सामने सामने रहा है और इसके बाद फिर जब पाकिस्तान के साथ इनका कोई कॉन्फ्लेट शुरू होता है बॉर्डर रीजन ऊपर तो ये बंदा फिर से सामने आ जाता है और ये ऐसे बयानात देते हैं कि दिलों को जोड़ने की बजाय दिलों को नबरत से भरने की बयानात देता है यह हमेशा से इसकी स्टेटमेंट देख के ये हमेशा से इस तरह के बयानात देता है कि रिसेंटली अभी तो सा अटैक हुआ था रखम बॉर्डर के ऊपर इसने क्या बयान दिया इसने कहा अब वक्त आ गया पाकिस्तान को क्रैश करे पाकिस्तान को खत्म करके इस्लामाबाद को मकबूजा बनाए अबे यार क्या हुआ है आपको ऐसी चीजें नहीं चलती इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में ये चीजें नहीं चलती और दो प्यारा नाना इस्लामी मालिक है दोनों फसे हुए हैं इकोनॉमिकल क्राइसिस है आपके मुल्क के अंदर जंगी सूरते हाल है ट्रेड आपका है ही नहीं कम से कम प्यार मोहब्बत से चले तो हम भी आगे बढ़ेंगे आप भी आगे बढ़ेंगे अगर इस तरह चीजें करेंगे तो फिर नहीं चल सकते और इसके बाद फिर रिसेंटली ईरान के जो हालिया वाकत हो गए उसमें भी बड़ा एट था उसमें भी इश्ते हाल की बातें करता था तालिबान आखिरकार मजबूर हो गए इस बंदे से तंग आ गए वो यार ये तो फसादी बंदा है छोटा सा भी मसला हो है उठ के फसाद बरपा करने की कोशिश करता है और रिसेंटली इसके एक वीडियो स्टेटमेंट आई थी दो महीने पहले मैं उसकी क्लिप भी आप लोगों को दिखाता हूं उस बंदे ने बयान दिया हुआ था कि उबक इलाकों को छुड़ाने के लिए अब हमने तालिबान के खिलाफ खड़ा होना है सेंट्रल गवर्नमेंट को ही बंदा चैलेंज कर रहे है ईरान को य बंदा चैलेंज कर रहे है पाकिस्तान को य बंदा चैलेंज कर रहे है वहां पे इतने जो कलेक्ट है उसको उभारने के ये बंदा चैलेंज कर रहा है मसल के खिलाफत को ये बंदा बढ़ावा दे रहा है तो फसाद ये तो फसाद है भाई सबसे बड़ा फसादी बंदा है य ये तो प्रसाद परपा करने के पीछे पड़ा हुआ है और ये जो हल गरीब तारे हुई है तालिबान की तरफ से ये बिल्कुल ठीक ठाक किया है तालिबान ने क्योंकि इस बंदा जब भी उदे पे रहा था तो इसने तो कोई ना कोई जंग बर्बा करना था मुल्क का पूरा अमन इस बंदे ने बर्बा किया खराब कर दि था बर्बाद कर दिया था रोजने की बुनियाद पर इसकी तरफ से इस तरह के स्टेटमेंट आते और फिर तो इंटरनेशनल दुनिया और खासकर पाकिस्तान है ईरान है तालिबान की कोई भी नुमाइंदे की कोई बयान होते तो इज्जत की निगाह से उसको देखते और उसको सीरियस भी लेते तो अगर इस तरह के इनके बयानात और स्टेटमेंट आते रहते तो इन्होंने तो दोनों मलिक के दरमियान नफरत बढ़ानी थी पाकिस्तान के साथ भी ईरान के साथ थी तो जो अी अफगानिस्तान की तालिबान में तालिबान को अफगानिस्तान के नुमाइंदे हुकूमत तस्लीम करता हूं और ये आप अवाम मुत्ताहिदा ने भी तस्लीम किया हुआ है तो उनकी जो रिप्रेजेंटेटिव है अफगानिस्तान की जो रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट है यानी तालिबान उन्होने इसको गफ्तार करके जेल में डाला हु और ये बेहतरीन इकम किया हु उन्होंने क्योंकि ये फसाद है पसाद को खत्म करने के लिए जरूरी था कि इसको गिरफ्तार करें

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