अब सर मेरे को फिर एक क्वेश्चन आता है जैसे मैंने आपको कहीं कहते हुए सुना था कि राजनीतिक फिल्में जो होती हैं वो आपके विचारों का बाउंस बैक होती है आप सब्जेक्ट आप चुनते हो फि लेकिन जब आप फिल्म मेकिंग करते हो तो कहीं ना कहीं आपका भी थॉट इसमें आता होगा ये बहुत आसान बातचीत और गब बाजी का मौजू हो सकता है इसका यथार्थ से कोई लेना देना नहीं है मतलब क्या होता है चाय की दुकान पर आप अपनी कहानी बना लेते हैं और फिर वो आप चार लोगों को सुना देते हैं और जो आप लोग आपसे भी कम जानते हैं वो उसमें विश्वास कर लेते हैं और फिर वो एक मिथ बन जाती है आजकल तो किसी से बात करो कि बाबर हिंदुस्तान का बायदा लोग फट करके बाउंस बैक होती है आप सब्जेक्ट आप चुनते हो फिर लेकिन जब आप फिल्म मेकिंग करते हो तो कहीं ना कहीं आपका भी थॉट इसमें आता होगा यह एक फिल्म है उस दौर में अटल बिहारी वाजपेई साहब प्रधानमंत्री हुआ करते थे बीजेपी की सरकार थी जसवंत सिंह साहब का हमने पूरा रोल देखा इस फिल्म में आपका थॉट प्रोसेस कितना रहा और इस फिल्म को डिस्कवर करते वक्त आपने क्या-क्या नई बातें जानी सीखी क्योंकि इस फिल्म के कई शेड्स है एक शेड है कि जो किया गया इंसानों को बचाने के लिए किया गया एक शेड चलता है कि लापरवाही की इंतहा थी सेंट्रल गवर्नमेंट स्टेट गवर्नमेंट पंजाब में अगर टाइप होता तो शायद यह होता ही नहीं मसूद अजर बाद में क्याक कुछ किया वो सब हम जानते ही हैं तो आपका इस पूरी फिल्म मेकिंग में क्या रहा क्योंकि ये सब्जेक्ट बड़ा क्रुशल है और आप पर भी ये बाउंस बैक कहीं ना कहीं आएगा देर सवेर नहीं जितना कुछ भी आपने कहा ना यह बहुत आसान बातचीत और गब्बा जीी का मौजू हो सकता है इसका यथार्थ से कोई ले देना नहीं है यह सब मुझे डिस्कवर हुआ जब मैंने इसके बारे में रिसर्च करना शुरू किया मैं उस दौर के ब्यूरोक्रेट से मिला त्रिशांत पैसेंजर से मिला है और इंटरनेशनल जर्नलिस्ट से बात की तो समझ में आया कि वह इतना आसान नहीं था मतलब क्या होता है चाय की दुकान पर आप अपनी कहानी बना लेते हैं और फिर व आप चार लोगों को सुना देते हैं और जो आप लोग आपसे भी कम जानते हैं वो उसमें विश्वास कर लेते हैं और फिर वो एक मिथ बन जाती है कि ऐसा हो पंजाब का होता तो होता ही नहीं सारी गलती पंजाब से रिश्ता ही नहीं था अच्छा अपना की बातें बहुत कुछ है बहुत कुछ है और बहुत ज्यादा कुछ है और वो सब इस सीरीज में पिरोने की कोशिश की गई और एक बेहतरीन थ्रिलर की तरह से अनफोल्ड होती है य कहानी तो इसीलिए हमको लगे छह एपिसोड सीरीज के कि इतना सारा कुछ हुआ था इतना आसान नहीं था मतलब जब आप कोई घर भी खरीदने जाते हैं मान लीजिए तो आपको अच्छा लग गया घर तो जिसने आपको व घर दिखाया उसको यह समझ आ गया कि आपको घर अच्छा लग गया है तो वो अगर 00 में बेचने वाला था तो वो शुरू ही करता है 110 से कि मैं 105 तक तो ले लूंगा पर आपके पास है 55 फिर आप नेगोशिएट करते हैं उस नेगोशिएट नेगोशिएशन में बहुत सारे पर्सनल स्किल्स और कंपल्शन काम आते हैं कि नहीं 85 है लेकिन मुझे इस वजह से घर लेना है क्योंकि मेरी मां ने यहां प हीट उठाई थी तो अब 15 कहां से लाऊ तो व 15 का आप इंतजाम कैसे करेंगे क्योंकि घर आपको लेना है तो यह आसान नहीं होता है कि अरे मैंने बोला एजेंट को उसने कहा 110 तो मैंने कहा नहीं यार 85 फिर वो 88 प डील हो गई ऐसा होता नहीं है उसमें बहुत सारे ह्यूमन रीजन और लॉजिस इवॉल्व होते हैं बहुत सारे सरकमस्टेंशियल लॉजिस अप्लाई होते हैं पॉलिटिकल लॉजिस अप्लाई होते हैं तो चलिए अगर इसको मैं रिफ्रेम करूं क्वेश्चन को ये फिल्म आ रही है हम सब देखेंगे सीरीज आ रही है हम सब देखेंगे सारे एपिसोड एक एपिसोड दो एपिसोड मैंने देखे भी आपके इनिशियल जो काठमांडू के सीन मैंने देखे भी इंटेलिजेंस के बारे में कैसे शुरुआत की ऐसे इनपुट से इसके रिसर्च के टाइम में आपकी नजर में सबसे शॉकिंग क्या था क्योंकि हमने वही बातें पढ़ी है उस टाइम हम छोटे थे या हमारी जनरेशन के जो लोग होंगे जो अखबारों में छपा या सतही कहानी जो आई कि यह घटनाएं हुई यह बच सकती थी यहां पर यह रहा ये ये चीजें हुई कुछ भी स सबसे शॉकिंग रिसर्च में आपके लिए क्या आ रहा बाकी तो फिल्म हम देखेंगे इन सीरीज हम देखेंगे वो सीरीज देख के पता चलेगा सबसे शॉकिंग क्या है मेरे लिए जो शॉकिंग है वो है मतलब मैं आपको ऑफ रिकॉर्ड बता सकता हूं लेकिन एक्चुअली बहुत सारे शॉकिंग डिटेल्स थे जो मिले और सरकमस्टेंशियल थे बहुत सारे और फिर जैसे ही आपको कोई शॉकिंग डिटेल मिलता है तो फिर आप को थोड़ा सा सावधान हो जाना पड़ता है कि यह सही है ना कि मतलब ऐसा आजकल तो किसी से बात करो कि बाबा हिंदुस्तान कब आया था लोग फट करके ग खोल लेते हैं तो और वो बताते कतब आया था तो ग की जो सबसे ऊपर की जानकारी होती है वो सबसे डरावनी होती है उसको थोड़ा और पढ़ लेना चाहिए तो आप देखने आएंगे शॉकिंग डिटेल्स अबाउ अभी लिखिए पर शॉकिंग डिटेल्स अबाउट द कान हाईजैक तो छ डिटेल बता देंगे लेकिन और भी थे बहुत ज्यादा थे उसमें से छह में से दो सही भी होंगे तो जब वो शॉकिंग डिटेल आपको मिलते हैं तो आपको लगता है कि नहीं इसको मुझे वेरीफाई करना पड़ेगा अब वेरीफाई जिससे आप कर सकते हैं वह बात करने को तैयार नहीं होगा पर आपको लग रहा है कि नहीं ये सच है फिर आप पीछे पढ़ते हैं उस सच के और फिर आप उसको दबोच के कोने में बिठा लेते हैं कि तू सच है ना तो कहता हां यार सच ह तो ऐसे बहुत सारे सच है इस कहानी में उसमें मुझे अभी उन लोगों को जिन्होंने सीरीज देखी नहीं है उनको यह अभी से बता देने में मतलब इट विल बी गिव अवे करेक्ट वरना मैं आप जैसे ही कैमरा और माइक ऑफ होगा आप चाहेंगे तो मैं आपको बता दू विजय नसीरुद्दीन शाह साहब हा पंकज कपूर साहब करेक्ट बहुत बड़े-बड़े नाम है बहुत ज्यादा बे मतलब एक्टिंग के हेड ऑफिस ये सब कम सिनेमा गड्स इनके बीच में विजय वर्मा सर की फिल्म पिछली फिल्मों के जितने भी हमने देखे आर्टिकल 15 से लेकर अनेक मुल्क हर एक्टर लगता है यार कि यह बेस्ट है करेक्ट आशुतोष राणा सर का किरदार देखिए ऋषि कपूर साहब का देखिए आयुष्मान को क्या खूबसूरती सर ने प्रेजेंट किया हालांकि सर जोड़े में फिल्में देते हैं अपनी पहली फिल्म से पहली फिल्म से सर जोड़े जोड़े में देते हैं तुम में ना आप मुझे अच्छे लगने सेकंड आने वाली है बेसिकली तो आपके लिए एक तो आप और काम करने वाले हो