यदि आपको है पल्पिटेशंस का प्रॉब्लम यानी धड़कन बढ़ने की समस्या का प्रॉब्लम तो आज आपको मैं कुछ यूज़फुल टिप्स दूंगा एज अ कार्डियोलॉजिस्ट जो इस मामले में आपकी मदद करेंगे पल्पिटेशंस के होने के चांसेस है उसके होने वाले प्रॉब्लम्स को कुछ हद तक कम करने में आपकी मदद करेंगे धड़कन के बढ़ने का प्रॉब्लम बहुत ज्यादा कॉमन प्रॉब्लम है बहुत सारे लोगों को होता है लेकिन अक्सर इससे निपटने के लिए या इसे कम करने के लिए मेडिसिंस के अलावा कुछ खास ऑप्शन हमारे पास नहीं होता है तो आज कुछ इंपॉर्टेंट टिप्स पर हम बात करेंगे जो इस मामले में आपकी मदद करेंगे टॉपिक आपके लिए काफी यूजफुल होगा उन लोगों के लिए जिनको टोपिस का प्रॉब्लम है पल्पिटेशन का प्रॉब्लम है मिस्ड हार्ट बीट्स का या इस तरह से रिलेटेड कोई भी प्रॉब्लम है जहां उनको धड़कन सुनाई देती है महसूस होती है उससे रिलेटेड हर किसी पेशेंट के लिए टॉपिक काफी यूजफुल होगा टॉपिक पर जाने से पहले जो लोग हमारे चैनल पर नए हैं उन्हें रिक्वेस्ट करूंगा कि चैनल को सब्सक्राइब करें वीडियोस को लाइक करें शेयर करें फॉलो करें और पूरा देखें पल्पिटेशन के चांसेस को कम करने के लिए जरूरी है कि आप ज्यादा मात्रा में पानी पिए इसका यह मतलब नहीं है कि आप दिन भर में 10 लीटर पानी पिए लेकिन यदि बॉडी डिहाइड्रेटेड रहती है तो बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन ज्यादा बनते हैं जो कि इससे रिलेटेड रिदम प्रॉब्लम्स को बढ़ाने का काम करते हैं तो ज्यादा पानी पीने से आपके धड़कन की प्रॉब्लम होने का चांस कुछ हद तक कम किया जा सकता है कुछ हद तक आपको इसमें फायदा मिल सकता है इसके अलावा आपके लिए जरूरी है कि मानसिक तनाव को कंट्रोल करें मेंटल स्ट्रेस जब भी होता है तो स्ट्रेस का मतलब स्ट्रेस हार्मोन और जितना आपके बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन होंगे उतना पल्पिटेशन होने का चांस बड़ेगा आपने अक्सर देखा होगा कि जब आपको एंजाइटी या स्ट्रेस होता है उस समय बहुत ज्यादा धड़कन बढ़ जाती है उस समय क्योंकि बॉडी में बहुत स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं ये आपके हार्ट को एक्टिवेट करते हैं जिसकी वजह से गति बढ़ जाती है जब तक वो स्ट्रेस माइंड में चलता रहता है आपके स्ट्रेस हार्मोन बढ़े हुए रहते हैं जब स्ट्रेस कम हो जाता है तो स्ट्रेस हार्मोस भी कम हो जाते हैं इसके अलावा आपके लिए जरूरी है कि ब्रेन को स्टीमुलेट करने वाले हार्ट को स्टिमुलेटिंग है जो आपकी बॉडी में एनर्जी लेवल्स को बढ़ाते हैं इस तरह के ड्रग्स को आप अवॉइड करिए कैफीन निकोटीन और कुछ ओवर द काउंटर स्टीमुलेट ड्रग्स जो है आप हृदय में पल्पिटेशन या धड़कन की प्रॉब्लम को बढ़ाते हैं इसको आप ज्यादातर अवॉइड करेंगे तो अच्छा है इससे आपके पल्पिटेशन की प्रॉब्लम में कुछ हद तक आपको मदद मिलेगी इसके अलावा आपको रेगुलर बेसिस पे एक्सरसाइज करनी चाहिए रेगुलर एक्सरसाइज करने से आपकी ओवरऑल कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ इंप्रूव होती है ओवरऑल फिटनेस इंप्रूव होती है बॉडी में स्ट्रेस हार्मोस कम होते हैं ओवरऑल फिटनेस इंप्रूव होने से आपका पल्पिटेशन का प्रॉब्लम कम हो जाएगा जैसे-जैसे आप एक करते हैं बॉडी का वेगल टोन बढ़ता है और ये वेगल टोन आपके स्ट्रेस हार्मोस को कम करता है जिसकी वजह से बेसलाइन आपकी हृदय गति कम हो जाती है और पैशन का प्रॉब्लम कम होता है इसके अलावा आपको हेल्दी डाइट लेना चाहिए जिसमें प्रोसेस फूड्स कम रहेंगे सैचुरेटेड फैट्स कम रहेंगे शुगर कम रहेगा इसके अलावा फेश फूड्स वेजिटेबल्स और होल ग्रेंस और फैट फ्री प्रोटींस इनको आप ज्यादा मात्रा में लेंगे तो इससे भी आपको पल्पिटेशन प्रॉब्लम में सिग्निफिकेंट राहत मिलेगी इसके अलावा आपको जरूरी है कि अच्छी नींद लीजिए अच्छी क्वालिटी की नींद बॉडी के स्ट्रेस हार्मोस को काफी कम करती है इससे आपका पल्पिटेशन का प्रॉब्लम काफी कम होता है यदि आपको अल्कोहल की आदत है स्मोकिंग की आदत है टोबैको की आदत है तो उसे बंद करिए पल्पिटेशन का प्रॉब्लम कम करने में ये भी काफी उपयोगी होते हैं हर तरह के वसन को आपको छोड़ना चाहिए ये सारे ही एडिक्टिव सब्सटेंसस जब बॉडी में जाते हैं तो धड़कन की प्रॉब्लम को बढ़ाते हैं इसको पूरी तरह से छोड़ देने से आपको काफी फायदा मिलेगा रेगुलर हेल्थ चेकअप करिए क्योंकि पल्पिटेशन की प्रॉब्लम यानी धड़कन की प्रॉब्लम बहुत सारे तरह की होती है अब आपको कौन से टाइप का पल्पिटेशंस है ये डिसाइड करेगा कि आपके केस में कौन सी दमाई इफेक्ट होगी और कौन सी मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी ज्यादा इफेक्टिव होगी तो ये जानने के लिए समझने के लिए रेगुलर हेल्थ चेकअप की जरूरत है और यदि डॉक्टरों को लगता है कि आपकी मेडिकल कंडीशन कुछ खराब है हार्ट में कोई स्ट्रक्चरल बीमारियां है या कुछ इस तरह की प्रॉब्लम्स है जिसमें आपको अलग से कुछ ट्रीटमेंट या थेरेपी की जरूरत पड़ेगी तो वहां पे वो आपको दवाइयां उस हिसाब से एडजस्ट करके देंगे तो यदि आपको पल्पिटेशन का प्रॉब्लम है तो हमेशा ये कोशिश मत करिए कि सब चीजों को आप घर पे ही मैनेज करोगे कोशिश करिए कि जब भी प्रॉब्लम अगर होती है तो डॉक्टर को दिखाएं इसके अलावा हर तीन-चार महीने में एटलीस्ट डॉक्टर के साथ फॉलो अप करते रहे क्योंकि कई बार मेडिसिंस जरूरी होती है बहुत सारे डेंजरस तरह के पल्पिटेशंस को कंट्रोल करने के लिए और कई बार ये ऐसी चीजें हैं जो लंबे समय तक कोई सिम्टम्स नहीं प्रोड्यूस करती है लेकिन कभी-कभार सडन आपके हार्ट को फेलियर में पहुंचा सकती है कार्डियक अरेस्ट में भी जा सकते हैं आप तो इसलिए आपको जरूरी है कि किसी भी कार्डियोलॉजिस्ट के पास या फिजिशियन के पास जो हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स को रेगुलरली डील करते हैं उनके फॉलोअप में रहिए रेगुलर हेल्थ चेकअप मेंटेन करिए इसके अलावा यदि उन्होंने आपको कोई मेडिसिन दी है जिसको उनके हिसाब से लंबे समय तक लेना अनिवार्य है तो उनसे पूछ के उसे कंटिन्यू करिए अगर वो बोलते हैं कि दवाई को डिस्कंटेंट ू करिए अपने आप से दवाइयों के मामले में ना डोजेस एडजस्ट करिए ना उसके मामले में इंपोर्टेंट डिसीजन लीजिए क्योंकि ये कई बार डेंजरस हो सकता है कोई भी अगर ऐसा ट्रिगर है जिसकी वजह से अगर आपका पल्पिटेशन बढ़ता है तो उसे आइडेंटिफिकेशन है एंजाइटी है सीडी चढ़ना है कोई मेहनत का काम करना है है इसको आइडेंटिफिकेशन करेंगे तो यह डॉक्टर को काफी वैल्युएबल इनसाइट इंफॉर्मेशन देगा क्योंकि बहुत सारे तरह के पल्पिटेशन के बहुत सारे तरह के ट्रिगर्स होते हैं जिसके बेसिस पे उनका ट्रीटमेंट पैटर्न डिफर करता है तो आपको कौन से कारण से पल्पिटेशन होते है ये आप आइडेंटिफिकेशन बढ़ाने के लिए या नींद को भगाने के लिए यूज करते हैं इस तरह की चीजों को अवॉइड करिए इससे भी आपको कई बार पल्पिटेशन का प्रॉब्लम बढ़ सकता है अवॉइड करने से आप इससे बच सकेंगे कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स और हर्बल रेमेडीज आते हैं इस तरह की चीजों का आपके डॉक्टर के साथ डिस्कस करके आप प्रयोग कर सकते हैं इससे भी कुछ फायदा हो सकता है मैग्नीशियम और पोटेशियम के सप्लीमेंट लेने से भी कई बार पल्पिटेशन की प्रॉब्लम कम हो सकती है यदि आपके बॉडी में मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी है तो खासकर आपको इससे लेना चाहिए मैग्नीशियम पोटैशियम का सप्लीमेंट नहीं भी है तो भी थोड़ा बहुत लेने से आपको फायदा होगा वो खाद्य पदार्थ जिनमें ये चीजें ज्यादा है उनको आप ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं इसके अलावा बॉडी के टेंपरेचर में बहुत ज्यादा वेरिएशन आने मत दीजिए बहुत लो बहुत हाई टेंपरेचर सडन टेंपरेचर वेरिएशन की वजह से स्ट्रेस हार्मोस को एक्टिवेट करती है जिसकी वजह से पल्पिटेशन या धड़कन का प्रॉब्लम बढ़ जाता है तो कोशिश कीजिए कि आप बहुत ज्यादा टेंपरेचर वेरिएशन में मत जाए बहुत ज्यादा गर्मी या बहुत ज्यादा ठंडी से सडन एक्सपोजर ना हो इससे आपकी हेल्थ बिगड़ सकती है वजन को प्रॉपर्ली कंट्रोल करिए यदि आपका वजन ज्यादा है या कम है दोनों में ही आपको तकलीफ हो सकती है एक हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज के द्वारा आप अपने वजन को रेगुलरली कंट्रोल कर सकते हैं अच्छा वजन मेंटेन करने से भी धड़कन की प्रॉब्लम होने के चांस कम हो जाते हैं अगर आपको कोई मेडिसिंस का प्रॉब्लम है जिससे आपको पल्पिटेशंस हो रहे हैं कुछ ऐसे स्टीमुलेट मेडिसिंस भी आते हैं जिनके प्रयोग से आपको पल्पिटेशंस हो सकते हैं खासकर सर्दी जुकाम के लिए ली जाने वाली दवाइयां अस्थमा के लिए ली जाने वाली दवाइयां ये कई बार पल्पिटेशन को बढ़ा सकती है अगर ऐसी कोई दवाई चल रही है कई बार कॉफ सिरप से भी पल्पिटेशन बढ़ सकता है तो इस तरह की अगर कोई भी दवाई चल रही है तो एक बार डॉक्टर के साथ डिस्कस करिए और ना जरूरी हो तो उसे फिर बंद करिए इसके अलावा कोई भी एनर्जी ड्रिंक्स मत लीजिए ये सो कॉल्ड एनर्जी ड्रिंक्स काफी कैफीन और शुगर से भरी होती है जो कि धड़कन की प्रॉब्लम को बढ़ाती है इन्हें आप कंट्रोल करिए बंद करिए शुगर लेवल्स को मॉनिटर करिए यदि आपका शुगर लेवल बहुत कम है या बहुत ज्यादा है दोनों ही हालत में आपका पल्पिटेशन का प्रॉब्लम हो सकता है तो कोशिश करिए कि आपका शुगर लेवल प्रॉपर्ली मेंटेन हो योगा और चाइनीज रिदम डांस च से टायची बोलते हैं ये करने से भी कई बार आपकी बॉडी में काफी काम नेस आएगा मेडिटेशन करने से भी आपकी बॉडी में थोड़ा सा शांति आएगी तो यह सब करने से आपको कंपैरेटिव माइंड को रिलैक्स करने में मदद मिलेगी और इससे भी आप अपने पल्पिटेशन को कंट्रोल कर सकते हैं बॉडी के स्ट्रेस हार्मोस को कंट्रोल कर सकते हैं इससे पल्पिटेशन और रिदम प्रॉब्लम्स में आपको काफी फायदा मिलेगा एक्यूपंचर की इफेक्टिव इस मामले में थोड़ी लिमिटेड है लेकिन प्रैक्टिशनर अगर कोई क्वालिफाइड हो जो एक्यूपंचर बहुत अच्छे से करता हो तो उसका सेवा ले सकते हैं इससे थोड़ा बहुत फायदा मिलने के लिए छोटी मोटी स्टडीज है लेकिन बहुत बड़ा को डटा अवेलेबल नहीं है इसके अलावा मेंटल रिलैक्सेशन टेक्निक्स करने के लिए योगा प्राणायाम डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज या बायो फीडबैक टेक्निक्स वर्क करिए जो कि साइकेट्रिस्ट आपको सिखाते हैं इससे आप अपना स्ट्रेस हार्मोस को कंट्रोल कर सकते हैं माइंड और बॉडी के रेगुलेशन को कंट्रोल कर सकते हैं इससे भी आपको फायदा मिलेगा और इससे भी आपके पल्पिटेशन या धड़कन की प्रॉब्लम कंट्रोल करने में काफी मदद मिलेगी तो आज के टॉपिक में हमने बात करी यदि किसी को धड़कन का या पल्पिटेशंस का प्रॉब्लम है तो कौन-कौन सी चीजों का प्रयोग उसे करना चाहिए जिससे कि उसे फायदा हो और पल्पिटेशन का चांस कम हो जाए उम्मीद करूंगा कि आज के टॉपिक में कुछ नई बातें जाने को मिली होगी यदि पल्पिटेशन को कंट्रोल करने के सिस्टम पर आप जानना चाहते हैं तो मेरी यह वीडियोस को जरूर चेक आउट करें उम्मीद करूंगा कि आज के टॉपिक में कुछ नई बातें जानने को मिली होगी जो लोग हमारे चैनल पर नए हैं उन्हें रिक्वेस्ट करूंगा कि 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